आरोपियो को न्यायिक हिरासत मे भेजा गया
हैदराबाद , 30 अक्टूबर 2022। तेलगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के चार विधायको की कथित तौर पर खरीद-फरोख्त की कोशिश करने वाले तीन लोगो को गिरफ्तार कर लिया गया है और हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने उन्हे न्यायिक हिरासत मे भेज दिया है। इससे पहले, तेलगाना उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के एक आदेश को रद्द करते हुए मामले के आरोपियो को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। हैदराबाद की एक अदालत ने 27 अक्टूबर को तीनो आरोपियो को रिमाड पर भेजने का अनुरोध ठुकरा दिया था।
टीआरएस ने भाजपा पर लगाया था आरोप
साइबराबाद पुलिस ने टीआरएस के चार विधायको को दल बदलने के लिए कथित तौर पर पैसो का लालच देने के आरोप मे इन लोगो को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने गिरफ्तारी से पहले नोटिस जारी करने की प्रक्रिया का पालन न करने के आधार पर यह फैसला दिया था। सरकार ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय मे अपील की थी। टीआरएस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उसके कुछ विधायको की खरीद-फरोख्त करने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद भाजपा ने केद्रीय अन्वेषण यूरो (सीबीआई) से जाच कराने की माग करते हुए उच्च न्यायालय मे एक रिट याचिका दायर की थी।
भाजपा और टीआरएस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर
भाजपा की याचिका पर उच्च न्यायालय के एक अन्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के लिए चार नवबर की तारीख तय की और तब तक के लिए जाच स्थगित कर दी। गौरतलब है कि टीआरएस विधायक रोहित रेड्डी की शिकायत पर 26 अक्टूबर की रात को रामचद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नद कुमार और सिम्हायजी स्वामी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून-1988 के प्रावधानो के तहत मामले दर्ज किए गए थे। प्राथमिकी के अनुसार, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपियो ने उन्हे 100 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी,और इसके बदले मे उन्हे टीआरएस छोड़नी थी और अगला विधानसभा चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़ना था। इस घटना के बाद भाजपा और टीआरएस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था।
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