धमतरी@जगल मे विचरण कर रहे 3 हाथी गिरे कुए मे,बचाव के लिए वन अमले को करनी पड़ी मशक्कत

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धमतरी, २8 अक्टूबर 2022। यहा जगल मे घूम रहे हाथी तब मुसीबत मे पड़ गए जब वे रात के अधेरे मे पानी से भरे एक गड्ढे मे गिर पड़े। देर रात 3 हाथी इस गड्ढे मे गिरे। रात भर की मशक्कत के बाद इनमे से दो हाथी खुद ही निकल गए, जबकि तीसरे को वन अमले ने बाहर निकला।
गुरुवार की रात धमतरी के दुगली रेज के जगल मे ग्राम चारगाव के समीप हाथियो का दल जगल मे विचरण कर रहा था। इस बीच एक खेत के पास बड़ा कुआनुमा गड्ढा खुदा हुआ था। अधेरा होने के चलते यह गड्ढा नजर नही आया और तीन हाथी उसमे गिर गये थे। गड्ढे मे पानी भरा हुआ था, हाथी आसानी से उससे बाहर नही आ पा रहे थे।
सुबह पहुचा वन अमला
हाथियो के गड्ढे मे गिरने की सूचना देर रत ही वन विभाग तक भी पहुच गई थी, मगर रात के वक्त जगल मे रेस्क्यू करना उचित नही था। इसलिए वन अमला सुबह के वक्त मौके पर पहुचा, तब तक दो हाथी खुद के प्रयासो से बाहर आ चुके थे जबकी एक को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। इस दौरान जगल मे और भी हाथी मौजूद थे मगर रेस्क्यू के दौरान हाथियो ने कोई उत्पात नही मचाया, जिससे अफरा-तफरी के हालत निर्मित नही हुए।
वन विभाग की अनदेखी का नतीजा है उक्त घटना
बता दे कि वन विभाग मे मुख्यालय स्तर से समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाते रहे है कि जगल और आसपास के इलाको मे अगर कुए हो तो उन्हे जाली से ढाक दिया जाये, वही इस तरह के गड्ढे भी इलाके मे नही होने चाहिए, या फिर उनकी घेरेबदी कर देनी चाहिए। जिस गड्ढे मे हाथी गिरे वह पुराना कुआ नजर आ रहा है, इसमे तो कोई भी जानवर गिर सकता है, इसलिए इस गड्ढे से बचाव के इतजाम वन विभाग को करने चाहिए थे। मगर ऐसा लगता है कि मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारी आदेश जारी करके अपनी जिम्मेदारियो की इतिश्री कर लेते है, वही वन मडल स्तर के अधिकारी भी कागजी घोड़े दौड़ाकर अपना काम पूरा कर लेते है। यही वजह है कि प्रदेश के जगलो मे इस तरह की घटनाए आम हो चली है। जगल और आसपास मौजूद इस तरह के खतरो से जगली जानवरो को बचाने के लिए वन विभाग के अधिकारियो को ठोस पहल करने की जरुरत है।


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