समाचारों को सज्ञान लेकर कार्यवाही करने पुलिस की मानसिकता क्या नहीं रही?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 26 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। अपराध अपराधियों की मानसिक मनोबलता में वृद्धि की वजह से बढ़ रहा है यही सत्य है और जबतक पुलिस अवैध कारोबार पर और कारोबारियों पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगाएगी अपराध रहित समाज की कल्पना नहीं कि जा सकती। आज प्रत्येक क्षेत्र में अवैध कारोबार का बोलबाला है और अपराधियों के मनोबल को यही अवैध कारोबार बढ़ा रहें हैं। पुलिस से सांठगांठ कर अवैध कारोबार किस तरह संचालित होते हैं यह बात किसी से छिपी नहीं है और हर जगह कोई न कोई अवैध कारोबार जरूर संचालित हो रहा है और जो पुलिस की जानकारी व सह में संचालित हो रहा है यह जग जाहिर है।
लगातार खबरों में प्रकाशन व कई बड़ी घटनाओं के घटने के बाद भी पुलिस अवैध कारोबारियों पर क्या इसलिए कार्यवाही नहीं करती क्योंकि इससे आय का मामला जुड़ा हुआ है जो वेतन से अतिरिक्त आय है? जो उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने वह जरूरी समझते हैं और देखा भी जा सकता है कि शासन से वेतन पाने वाले पुलिस के कर्मचारियों की शानो शौकत अन्य कर्मचारियों जो उसी आयवर्ग के होते हैं अधिक होती है और जीवनचर्या भी अलग ही होती है। महंगी गाçड़यों और महंगे शौक पूरा करने अपराध होने दिया जा रहा और अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है ऐसा कहना कहीं से गलत नहीं होगा। अवैध कारोबार सत्ता से जुड़े लोगों के लिए सत्ता रहने तक आय का एक ऐसा जरिया बन चुका है जो उन्हें जल्द से जल्द धनाढ्य होने का अवसर देता है और वह संसाधनों की वृद्वि इसी माध्यम से करते हैं। अवैध कारोबार केवल पुलिस की मर्जी से ही जारी हैं यह भी कहना सही नहीं होगा जनप्रतिनिधियों का भी सह है इसको लेकर जो दिखता है, जब कभी भी जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र भ्रमण पर देखा जाता है उनके साथ सबसे आगे चलने वाले उनके खास अवैध कारोबारी ही होते हैं, यदि अपराध को रोकना है और पूरी मंशा है तो सबसे पहले अवैध कारोबार को रोकना होगा तभी अपराध रूक सकेगा।
समाचारों को संज्ञान लेकर कार्यवाही करने की पुलिस की मानसिकता क्या नहीं रही?
लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ पत्रकारिता लगातार अवैध कारोबार की जानकारी देता भी रहता है लेकिन स्वार्थ पूर्ति में लीन पुलिस विभाग का इसपर कोई असर नहीं पड़ता जो लगातार देखा जा रहा है। पत्रकारिता केवल कहने को चौथा स्तंभ रह गया है और समाचारों को सज्ञान लेकर कार्यवाही करने की पुलिस की मानसिकता ही नहीं होती यही सत्य है।
मुख्यमंत्री ने अवैध कारोबार मामले में त्वरित कार्यवाही के निर्देश तो दिए पर अमल नहीं
जुआ कोयले का अवैध कारोबार कबाड़, नशे का अवैध कारोबार खनिज का अवैध कारोबार सहित बहोत से ऐसे कारोबार हैं जो पुलिस की जानकारी में होते हैं और पुलिस इन अवैध कारोबार से जुड़े लोगों को जानती भी है फिर भी इन पर कार्यवाही या इन कारोबारों पर अंकुश लगाने की पुलिस की मंशा नहीं रहती जो देखा जाता है। प्रदेश में मुख्यमंत्री ने जहां अवैध कारोबार मामले में त्वरित कार्यवाही की बात लगातार की है वहीं प्रदेश की पुलिस अवैध कारोबारियों को संरक्षण दे रही है जो देखा जा रहा है। अब प्रदेश के मुखिया के कहने और संकल्प के बाद प्रदेश की पुलिस यदि ऐसा कर रही है तो जरूर कहने और कार्यवाही की मंशा में फर्क नजर आ रहा है जो सामने है।