अम्बिकापुर, 26 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। दिवाली शांति व सौहार्दपूर्ण मनाया गया। दिवाली पर लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयां और अन्य तोहफे देकर शुभकामनाएं दी। बाजारों में भी पूरे दिन तक रोनक छाई रही। सुबह से शाम तक लोगों ने बाजारों में फूल, मालाएं, दीये सहित अन्य सामग्री की खरीदारी की। फिर शुभ मुहूर्त में घरों, मंदिरों और प्रतिष्ठानों में गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की गई। लोगों ने पंचमेवा और फल, मोतीचूर के लड्डू अर्पित कर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा कर उनसे सुख-शांति और संपन्नता का आशीर्वाद मांगा। पूजन के उपरांत लाई, लावा, बताशा, मिठाइयों का प्रसाद बांटा गया। इसके आतिशबाजी व एक-दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। सूर्यास्त के बाद दीप व आकर्षक झालरों से पूरा घर आंगन जगमगा हो गया। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से सारे त्योहार बड़े ही सादगी से मनाए गए थे। इस लिए इस वर्ष दिवाली का त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ लोगों ने मनाया। दिवाली से पूर्व ही लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी थी। दिवाली के अवसर पर लोगों ने अपने घरों व प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगी लाइटों और दीयों से सजाया था। दिवाली के दिन लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। आदिशबाजी शाम से ही शुरू हो गई थी, जो देर रात तक चलती रही। पटाखा व्यवसायियों के अनुसार पिछले दो वर्ष बाद लोगों ने जमकर पटाखे की खरीदारी की और आतिशबाजी की। व्यापारियों के माने तो इस वर्ष दिवाली के अवसर पर लाखों रुपए के पटाखा के कारोबार होने का अनुमान है। सोमवार को दिन चढ़ते ही शहर के बाजार लोगों के लिए सजकर तैयार थे। लोगों ने सुबह से ही खरीदारी शुरू कर दी। सजावट के सामान खरीदने के लिए लोगों का विशेष रुझान दिखा। पूजा में फूलों और केले के पौधों का विशेष महत्व है। इसलिए दीपावली के दिन फूलों और केले के पौधों का बाजार गर्म रहा।दिवाली खुशियों का त्योहार है। लोगों के बीच दिवाली का इंतजार रहता है। लोग आतिशबाजी कर जश्न मनाते हैं पटाखा व्यवसायियों का मनना है कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष पटाखा का काराबार ठंडा था। पर इस वर्ष लोगों ने जमकर पटाखे की खरीदारी की और आतिशबाजी की। इस वर्ष दिवाली पर अंबिकापुर में लाखों रुपए के पटाखे फोड़े जाने का अनुमान है। वहीं पिछले वर्षों की तुलना में पटाखा का रेट ज्यादा था। इसके बावजूद भी लोगों ने जमकर आदिशबाजी की। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखा फोड़े जाने का निर्देश था। पर लोगों ने इस आदेश के विपरित पूरी रात आतिशबाजी की।
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