बैकुण्ठपुर@आखिर कब तक बंधक बनते रहेंगे एसईसीएल के कर्मचारी?

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  • अपने नौकरी के दौरान कर्मचारी बंधक भी बन रहे और चोरों से मार भी खा रहे,चोरी के बाद अपने ही विभाग की सजा भी झेल रहे।
  • बंद खदान में आए दिन पहुंचते हैं लोहा व तांबा चोरी करने।
  • कर्मचारियों में भय का माहौल,पुलिस नहीं दे रही है ध्यान।
  • कार्यवाही न होने की वजह से चोरों के हौसले बुलंद,दे रहे हैं पुलिस को चुनौती।
  • चोर कर्मचारियों को देते हैं खुला चुनौती कोई पुलिस वाला हमारा कुछ नहीं कर सकता, क्या भय खत्म हो गया?
  • कर्मचारियों के लिए नौकरी करना हुआ मुश्किल,जान हथेली पर रख एसईसीएल के उपकरण को बचने के चक्कर में कई बार बंधक बने और खाई मार।
  • एसईसीएल चोरी की रिपोर्ट लिखाने जाती है तो पुलिस चोरी हुए सामानों की मांगती है बिल,आखिर सरकारी उपकरण का ही पुलिस को क्यों चाहिए बिल?

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 23 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के अंतर्गत सहक्षेत्र कटकोना कि बंद खदान 3 एंड 4 में चोरों का आतंक इस कदर है कि वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से तैनात कर्मचारियों को ही बंधक बना लिया जाता है और उनके साथ मारपीट की जाती है और फिर खदान के अंदर घुसकर डंके की चोट पर चोरी की जाती है और खुले तौर पर पुलिस को चेतावनी भी दी जाती है कि तुम लोग कुछ भी कर लो सामान तो चोरी होगा ही, कितना भी कड़े पहरे लगा लो पुलिस को बुला लो चोरी रुकेगी नहीं, चोरों ने कई बार कर्मचारियों को बंधक बनाने की वारदात को अंजाम दे चुका है उधर चोर कर्मचारी को परेशान करते हैं और वही चोरी होने पर प्रबंधन भी कर्मचारियों को बतौर सजा फटकार लगाती है पर सवाल यह है कि 5 निहत्थे कर्मचारी दर्जनों की भीड़ से कैसे खदान को सुरक्षित कर पाएंगे यह एक बड़ा सवाल है?
सहक्षेत्र कटकोना की 3 एंड 4 खदान 7 साल पहले बंद कर दी गई थी पर वहां पर कई ऐसे बेस कीमती उपकरण मौजूद हैं जिसकी सुरक्षा के लिए तीनों पाली में कर्मचारियों को वहां भेजा जाता है खदान के अंदर पानी के मोटर लगे हैं जिसके लिए पानी निकालने का भी कार्य होता है, पिछले कुछ सालों से चोरों का आतंक इस खदान में कितना बढ़ गया है की दर्जनों की संख्या चोर आते हैं और कर्मचारियों को बंधक व डरा धमका कर दिलेरी के साथ खदान के अंदर घुसकर महंगे महंगे उपकरण व तारों को काट कर ले जाते हैं, जिससे एसईसीएल को काफी नुकसान भी हो रहा है पर एसईसीएल करे तो करे क्या और निहत्थे कर्मचारी आखिर इन चोरों से लड़े तो लड़े कैसे? इन सबके बीच कर्मचारियों की ही मुसीबत बन गई है यदि चोरी की वारदात को बचाने जाते हैं तो उनकी जान जा सकती है क्योंकि चोर का हथियारों के साथ आते हैं और यदी चोरी होने देते हैं तो उनके अधिकारी ही उन्हें फटकार लगाते हैं और उन्हें सजा भी देते हैं, कर्मचारी भी नौकरी करने से डरने लगे हैं, जब इसकी जानकारी मिलती है तो कॉलोनी से कई कर्मचारी और पुलिस वाले वहां पहुंचते हैं पर तब तक चोर भाग जाए रहते हैं, ऐसा सिलसिला पिछले कई सालों से चल रहा है जो रुकने का नाम नहीं ले रहा।
रोज खदान में झुंड बनाकर चोर रात के 2 बजे पहुंचते हैं और चोरी की वारदात को अंजाम देते है
एसईसीएल सहक्षेत्र कटकोना के पांच नम्बर कोयला खदान को बंद कर दिया गया यहां पर पदस्थ कर्मचारियों को चरचा सहित अन्य खदानों में पदस्थ कर दिया गया था कुछ कर्मचारियों को खदान की देख रेख के लिए तैनात कर दिया गया था करीब 50 कर्मचारी जिसमें तीनों शिफ्ट मिलाकर यहां पदस्थ हैं पर दिन के दो शिफ्ट में चोरी की वारदात नहीं होती पर रात के शिफ्ट में कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है रोज इस खदान में झुंड़ बनाकर चोर रात के 2 बजे पहुंचते हैं और चोरी की वारदात को अंजाम देते है।
चोरों ने इन कर्मचारियों को बंधक बनाया था
बंद कोयला खदान की सुरक्षा में तैनात एसईसीएल कर्मचारी बलवंत सिंह, असफाक अंसारी, गोरेलाल, राम कुमार शेषमणी पटेल, हेमंत कुमार अज्ञात चोरों ने बंधक बनया था।
चोरी की जानकारी मिलने पर पुलिस व अन्य कर्मचारी रात भर हुए परेशान
रात के अंधेरे में बंद खदान पहुंचते हैं काफी संख्या में चोर और वहां पर तैनात कर्मचारियों का मोबाइल छीन बंधक बना बेशकीमती सामानों को चुरा कर ले जा रहे हैं शुक्रवार की रात भी कुछ ऐसे ही घटना को चोरों ने अंजाम दिया जब 5 कर्मचारियों को उन्होंने बंधक बना लिया और चोरी करने के बाद उन्हें छोड़ा और उनका मोबाइल वापस कर दिया, जिसकी जानकारी पर पुलिस हुआ इसी साल के अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे पर तब तक चोर भाग चुके थे रात भर अब टॉर्च के सहारे जंगल में चोरों को कैसे खोजें यह भी एक सवाल है?
आबादी क्षेत्र से दूर खदान चोरों के लिए आसान
कटकोना कि बंद खदान 3 एंड 4 आबादी क्षेत्र से करीब 8 किलोमीटर दूर पहाड़ पर स्थित है जिस वजह से चोरों के लिए चोरी करना भी आसान है रात के अंधेरे में चोर चोरी की घटना को अंजाम देते हैं और फिर जंगलों के रास्ते चले जाते हैं लंबे समय से चोरी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है पर इस पर आज तक अंकुश नहीं लग पाया और इसमें कौन से चोर कहां के हैं जो इतनी संख्या में आते हैं इसका भी आज तक पुलिस पता नहीं लगा पाई, रिहायशी इलाके से दूर होने की वजह से चोरों के लिए खदान में चोरी करना आसान हो गया। कटकोना कालोनी से सड़क के रास्ते खदान की दूरी 8 किमी और पहाड़ के रास्ते खदान की दूरी डेढ़ किमी है जिस वजह से रात में खदान में कम कर्मचारी होने का फायदा चोर उठाते हैं और बंद कोयला खदान परिसर में जिस प्रकार से चोरी की वारदात बढ़ रही है ऐसे में चोरी करने आने वाले लोग वहां पदस्थ कर्मचारियों की जान भी ले सकते हैं ऐसी स्थिति निर्मित होते दिख रही है, इसके बाद भी एसईसीएल व पुलिस विभाग के आला अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
2019 से 2022 के बीच कई बार चोरों ने बंधक बनाया
बीते 4 साल में नकाब पोष चोरो ने कई बार कर्मचारियों को बंधक बनया और उनसे मारपीट की, एसईसीएल सहक्षेत्र कटकोना के पांच नम्बर बंद कोयला में तांबा व लोहा चोरी करने पहुंचे जहां पदस्थ कर्मचारियों के रोकने पर चोरों द्वरा बंधक बना लिया जाता है और मोबाईल छिनने के बाद उनकी पिटाई की जाती है 2019 ने 28 मई मंगलवार को भी 30 नकाबपोष चोरों ने बंद खदान परिसर में प्रवेश किया जहां पदस्थ कर्मचारियों की निगाहें उन पर पड़ी तो उन्हें 3 लोग दिखे जिन्हें पकड़ने के लिए पदस्थ कर्मचारी गए जैसे ही वहां पहुंचे तो उनके बाकी साथी भी आ गए और वहां पदस्थ आठों कर्मचारियों को बंधक बना लिया और उनके मोबाईल छिनकर अपने पास रख लिए करीब 3 बजे से 4 बजे तक बंधक बनाकर रखा और उनकी पिटाई भी की उसके बाद उनका मोबाईल लौटा दिया और बोले कि जब भी हम चोरी करने आते हैं तो चोरी करने दिया करो नही तो इसी तरह तुम लोगों की पिटाई होगी।
कई बार चोरों ने चोरी की वारदात को दिया है अंजाम
कालरी कर्मी ने बताया कि जब से खदान बंद हुआ है तब से लगातार चोरों के द्वारा यहां चोरी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है खदान परिसर में रखे लोहे के कई उपकरण व तांबे के तार को लोग चुरा ले गए हैं इनकी संख्या अधिक होती है इस वजह से हम इनसे मुकाबला नहीं कर पाते हैं, चोरों की संख्या काफी अधिक होती है सप्ताह पहले भी खदान में अज्ञात चोर घुसे थे जिन्हें भगाने की हिम्मत हम लोग नहीं कर सके ।
लोहा व तांबे का तार चोरी करने आते हैं चोर
कोयला खदान भले ही बंद हो गया है पर यहां आज भी करोड़ों रूपए का तांबा तार एवं लोहे से बने उपकरण पड़ा हुआ है, जिसकी चोरी खदान बंद होने के बाद से होने लगी है, षुरू षुरू चोरी करने के लिए कम संख्या में चोर आते थे लेकिन अब काफी संख्या में एक साथ झुण्ड़ बनाकर अज्ञात चोर बिना किसी डर के डंड़ा एवं धारदार हथियार लेकर खदान परिसर में आते हैं और सुरक्षा के लिए तैनात गिनती के एसईसीएल कर्मचारियों को डरा धमका कर बेखौफ होकर चोरी की घटना को अंजाम देकर आसानी से निकल जाते हैं, इस बात की जानकारी पुलिस को भी है लेकिन अब तक चोरी करने वालो तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है।


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