अयोध्या, 23 अक्टूबर 2022। प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश मे श्रीरामनगरी अयोध्या मे छठे दीपोत्सव समारोह को सबोधित करते हुए भारत के जन जन की आस्था के केन्द्र श्रीराम के आदर्शोँ को कर्तव्य बोध का प्रतीक बताया। उन्होने देशवासियो से आह्वान किया, ‘‘राम कर्तव्य-भावना से मुख नही मोड़ते है। भगवान राम के आदर्शो पर चलना सभी भारतीयो का कर्तव्य है।
बता दे कि दीपोत्सव के अवसर पर पूरी अयोध्या राममय हो गई है। आज अयोध्या मे 15 लाख दीपो को एक साथ प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है। इस अवसर पर प्रधानमत्री नरेद्र मोदी भी मौजूद रहे। उन्होने अयोध्या पहुचते ही सबसे पहले रामलला के दर्शन किए और फिर राम मदिर निर्माण की प्रगति देखी। मोदी ने यहा दीपोत्सव का उद्घाटन करने से पूर्व रामकथा पार्क मे भगवान राम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक करने के बाद अपने सबोधन मे यह बात कही। प्रधानमत्री मोदी ने वर्तमान परिस्थितियो मे श्री राम के आदर्शो के व्यवहारिक स्वरूप की भी व्याख्या की। उन्होने कहा, ‘‘राम किसी को पीछे नही छोड़ते है। राम कर्तव्य-भावना से मुख नही मोड़ते है। इसलिए, राम, भारत की उस भावना के प्रतीक है, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यो से स्वय सिद्ध हो जाते है। उन्होने कहा कि भगवान राम ने अपने वचन मे, अपने विचारो मे, अपने शासन मे, अपने प्रशासन मे जिन मूल्यो को गढ़ा, वो ‘सबका साथ-सबका विकास’ की प्रेरणा है। साथ ही भगवान राम के मूल्य ‘सबका विश्वास-सबका प्रयास’ का आधार भी है। प्रधानमत्री ने कहा, ‘‘जब श्रीराम का अभिषेक होता है, तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श, मूल्य और अधिक द्दढ़ हो जाते है। प्रधानमत्री ने कहा कि इसी वजह से भगवान राम आज भी भारत मे जन जन की आस्था के केन्द्र है और जनसामान्य के जीवन मे व्यवहारिक एव अनुकरणीय है। मोदी ने कहा, ‘‘भगवान राम, मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते है। मर्यादा, मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी, और मर्यादा, जिस बोध की आग्रह होती है, वो बोध कर्तव्य ही है।
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