सुप्रीम कोर्ट ने नही दिया स्टे,याचिकाकर्ता ने कहा- प्रदेश मे खत्म हो गया है रिजर्वेशन
रायपुर, 22 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ मे एसटी-एससी और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण प्रावधानो पर सकट गहरा गया है। न्यायालय ने कहा, फिलहाल बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले पर स्टे ऑर्डर नही दिया जा सकता। उच्च न्यायालय ने काफी विचार के बाद दो अधिनियमो को अलग (अपास्त) किया है। इसलिए इस पर पर्याप्त सुनवाई होने तक सरकार को विधि-सम्मत कार्रवाई करनी ही होगी।
याचिकाकर्ता योगेश ठाकुर ने राज्य सरकार को अवमानना का लीगल नोटिस भेजा है। सामान्य प्रशासन विभाग और दूसरे विभागो को तत्काल बताना होगा कि राज्य सरकार की ओर से कोई नया अधिनियम, अध्यादेश अथवा सर्कुलर जारी होने तक लोक सेवाओ एव शैक्षणिक सस्थाओ मे कोई आरक्षण नही मिलेगा। अधिवक्ता जॉर्ज थॉमस के जरिये यह लीगल नोटिस मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव और विधि एव विधायी कार्य विभाग के सचिव को भेजा गया है। इसमे साफ किया गया है कि बिलासपुर उच्च न्यायालय के 19 सितम्बर के फैसले से फिलहाल नौकरियो और शैक्षणिक सस्थानो मे आरक्षण पूरी तरह खत्म हो गया है।
इधर भूपेश बोले, हमने भी दाखिल की है याचिका
मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने बताया है कि राज्य सरकार ने बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय मे अपील कर दी है। इस फैसले को चुनौती देने की घोषणा 19 सितम्बर को ही हो गई थी। एक महीने बाद मुख्यमत्री ने कहा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के आरक्षण हितो के लिए हम प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा 58′ आरक्षण को निरस्त किये जाने के खिलाफ हमने सर्वोच्च न्यायालय मे याचिका दायर की है। यह लड़ाई पूरी तल्लीनता, तन्मयता और ईमानदारी से लड़ी जाएगी।
नोटिस मे छग. शासन पर भ्रम फैलाने का आरोप
नोटिस मे याचिकाकर्ता की ओर से सरकार पर भ्रमित करने का आरोप लगाया गया है। कहा गया, 29 सितम्बर को सामान्य प्रशासन विभाग ने उच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी सभी विभागाध्यक्षो को कार्रवाई के लिए भेजी। इसके साथ विधिक स्थिति का उल्लेख नही किया। इसकी वजह से अलग-अलग विभाग इसकी अलग-अलग व्याख्या कर रहे है। इससे प्रशासन मे भ्रम की स्थिति बन गई है। सरकार आगे बढ़कर इसे स्पष्ट भी नही कर रही है।
Check Also
कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला
Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …