रायपुर, 22 अक्टूबर 2022। मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ मे दीपावली की सास्कृतिक परपरा के अनुरूप आज धनतेरस पर अपने निवास के द्वार पर धान की झालर बाधने की रस्म पूरी की।
दीपावली के दौरान खेतो मे जब नयी फसल पककर तैयार हो जाती है, तब ग्रामीण धान की नर्म बालियो से कलात्मक झालर तैयार करते है। इनसे घरो की सजावट कर वे अपनी सुख और समृद्धि के लिए मा लक्ष्मी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हे पूजन के लिए आमत्रित करते है। ऐसा लोक विश्वास है कि उनका यह आमत्रण उन चिडि़यो के माध्यम से देवी तक पहुचता है, जो धान के दाने चुगने आगन और द्वार पर उतरती है।
इस तरह प्रदेश की लोक-सस्कृति अपनी खुशियो को प्रकृति के साथ बाटती है और उसे सहेजती है। छत्तीसगढ़ मे बस्तर से लेकर सरगुजा तक धान की झालर घर के आगन और द्वार पर लटकाए जाने की परपरा है। जिसे पहटा अथवा पिजरा भी कहा जाता है।
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