नई दिल्ली@देश पर घृणा का माहौल हावी,धर्म की परवाह किए बिना तत्काल कार्रवाई हो

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हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2022।
नफरती बयानो यानी हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तल्ख टिप्पणी की है। जस्टिस केएम जोसफ ने कहा- यह 21वी सदी है। हम धर्म के नाम पर कहा आ पहुचे है? हमे एक धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु समाज होना चाहिए, लेकिन आज घृणा का माहौल है। सामाजिक तानाबाना बिखरा जा रहा है। हमने ईश्वर को कितना छोटा कर दिया है। उसके नाम पर विवाद हो रहे है।
मुस्लिमो को डराने-धमकाने का चलन रोका जाए
शाहीन अबदुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर की है। उन्होने कोर्ट से माग की है कि वह देशभर मे हुई हेट स्पीच की घटनाओ की निष्पक्ष, विश्वसनीय और स्वतत्र जाच के लिए केद्र सरकार को निर्देशित करे। भारत मे मुस्लिमो को डराने-धमकाने के चलन को तुरत रोका जाए। याचिकाकर्ता ने अदालत से तुरत सुनवाई की माग की थी। हालाकि, कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या मुसलमान ऐसे बयान नही दे रहे?
सिबबल ने भाजपा नेताओ के बयानो का हवाला दिया
सिबबल ने बेच के सामने भाजपा नेताओ के बयानो का हवाला दिया। उन्होने कहा कि सासद प्रवेश वर्मा ने मुसलमानो के आर्थिक बहिष्कार की बात कही। उसी कार्यक्रम मे एक और नेता ने गला काटने जैसी बात कही। लगातार ऐसे कार्यक्रम हो रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने धर्म ससद मामले मे जो आदेश दिए थे, उनका कोई असर नही हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच से भरे टॉक शो और रिपोर्ट टेलीकास्ट करने पर टीवी चैनलो को जमकर फटकार लगाई है। हेट स्पीच से जुड़ी याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेच ने महीने भर पहले हुई सुनवाई मे कहा कि यह एकर की जिम्मेदारी है कि वह किसी को नफरत भरी भाषा बोलने से रोके। बेच ने पूछा कि इस मामले मे सरकार मूकदर्शक क्यो बनी हुई है, क्या यह एक मामूली मुद्दा है?
एटी हेट स्पीच कानून बनाने की तैयारी मे सरकार
केद्र सरकार ने 5 साल के लबे परामर्श के बाद सोशल मीडिया पर नफरत भरे कटेट रोकने के लिए एटी हेटस्पीच कानून बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। हेटस्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशो, अन्य देशो के कानूनो और अभिव्यक्ति की आजादी के तमाम पहलुओ को ध्यान मे रखते हुए कानून का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसमे हेटस्पीच की परिभाषा स्पष्ट होगी, ताकि लोगो को भी यह पता रहे कि जो बात वे बोल या लिख रहे है, वह कानून के दायरे मे आती है या नही।
बटवारे के समय मुस्लिमो को पाकिस्तान न भेजकर गलती की
डासना मदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिहानद गिरि एक बार फिर चर्चा मे है। उन्होने ्ररू को बम से उड़ाने की बात कही है। साथ ही षड्यत्र का अड्डा भी बताया। दैनिक भास्कर से बातचीत मे उन्होने कई बड़ी बाते कही। उन्होने कहा, “जितनी भी अल्पसख्यको के नाम पर भारत मे इमारते है। इन्होने दुनिया को मारकाट के सिवाय कुछ नही दिया है। जब देश का बटवारा हुआ तो मुसलमानो को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था।
अदालत या प्रशासन कभी कार्रवाई नही करता
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिबबल ने कहा, हमे इस कोर्ट मे नही आना चाहिए, लेकिन हमने कई शिकायते दर्ज कराई है। अदालत या प्रशासन कभी कार्रवाई नही करता। हमेशा स्टेटस रिपोर्ट मागी जाती है। हेट स्पीच देने वाले लोग आए दिन ऐसे कार्यक्रमो मे हिस्सा ले रहे है।
दिल्ली,यूपी और उत्तराखंड पुलिस को नोटिस
कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड पुलिस को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि हेट स्पीच मे शामिल लोगो के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। जिम्मेदार ऐसे बयान देने वालो पर फौरन सख्त कार्रवाई करे, नही तो अवमानना के लिए तैयार रहे। जस्टिस केएम जोसफ और ऋषिकेश रॉय की बेच ने अपने आदेश मे कहा कि कोर्ट की जिम्मेदारी है कि वह इस तरह के मामलो मे हस्तक्षेप करे।


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