मुबई@बैन के बाद भी एक्टिव पीएफआई!

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एटीएस की रेड मे 4 गिरफ्तार,पनवेल मे चल रही थी मीटिग
मुबई, 20 अक्टूबर 2022। महाराष्ट्र के आतकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पड़ोसी रायगढ़ जिले के पनवेल से प्रतिबधित पॉपुलर फ्रट ऑफ इडिया (पीएफआई) के चार कार्यकर्ताओ को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होने कहा कि गिरफ्तार लोगो मे प्रतिबधित सगठन की राज्य विस्तार समिति का एक स्थानीय सदस्य, स्थानीय इकाई का एक सचिव और दो अन्य कार्यकर्ता शामिल है। अधिकारी ने बताया कि एटीएस को भारत सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबध लगाए जाने के बावजूद पनवेल मे सगठन के दो पदाधिकारियो और कुछ कार्यकर्ताओ की बैठक के बारे मे गुप्त जानकारी मिली थी।
इस जानकारी के आधार पर, एटीएस की एक टीम ने मुबई से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित पनवेल मे छापेमारी कर पीएफआई के चार कार्यकर्ताओ को पकड़ लिया। अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के बाद, चारो को कठोर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम की धारा 10 के तहत मुबई मे एटीएस की कालाचौकी इकाई मे दर्ज एक मामले मे गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होने कहा कि मामले मे जाच जारी है। गिरफ्तार लोगो मे एक पीएफआई का पनवेल सेक्रेटरी है, एक पीएफआई का स्टेट एक्सपैशन कमेटी का सदस्य और दो पीएफआई के कार्यकर्ता है।
सरकार ने पिछले महीने पीएफआई और उसके कई सहयोगी सगठनो पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतकी समूहो के साथ सबध होने का आरोप लगाते हुए पाच साल के लिए प्रतिबध लगा दिया था। पीएफआई से कथित रूप से जुड़े 250 से अधिक लोगो को पिछले महीने कई राज्यो मे हुई छापेमारी के दौरान हिरासत मे ले लिया गया था।
सरकार ने कथित रूप से आतकी गतिविधियो मे सलिप्तता के कारण पॉपुलर फ्रट ऑफ इडिया (पीएफआई) और उससे जुड़े कई अन्य सगठनो पर प्रतिबध लगा दिया था। आतकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत रिहैब इडिया फाउडेशन (आरआईएफ), कैपस फ्रट ऑफ इडिया (सीएफ), ऑल इडिया इमाम काउसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेस फ्रट, जूनियर फ्रट, एम्पावर इडिया फाउडेशन और रिहैब फाउडेशन(केरल) को भी बैन किया गया था।
केद्र सरकार के अनुसार, पीएफआई के कुछ सस्थापक सदस्य स्टूडेट्स इस्लामिक मूवमेट ऑफ इडिया (सिमी) के नेता है और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बाग्लादेश (जेएमबी) से भी सबध है। जेएमबी और सिमी दोनो ही प्रतिबधित सगठन है।
बैन किए जाने की अधिसूचना मे सरकार ने बताया था कि पीएफआई के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतकवादी सगठनो के साथ सबध होने के कई मामले सामने आए। जिसके बाद यह भी पाया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश मे असुरक्षा की भावना फैलाने के लिए एक समुदाय मे कट्टरपथ को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे थे। इसके बाद सरकार ने इसे बैन कर दिया।


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