मनेन्द्रगढ़ चिरिमिरी भरतपुर/बैकुण्ठपुर@क्या जिले का थाना अवैध कारोबार रोकने में सक्षम नहीं?

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  • कोयला तस्करों का एक गुट धड़ल्ले से कर रहा कोयला तस्करी, किस के प्रभाव से मिली हिम्मत?
  • जिला विभाजन से एसपी का भार हुआ कम,दो एसपी पर कानून व्यवस्था बेहतर करने की जिम्मेदारी,क्या बेहतर होगी कानून व्यवस्था?
  • पटना के कोयला तस्कर पहुंचे चरचा कालरी, चरचा से भी शुरू है कोयले की तस्करी।
  • पटना क्षेत्र में कई दशकों से कोयला तस्करों का राज,अब चरचा तक तस्करी का विस्तार।
  • चरचा क्षेत्र से कोयले का अवैध परिवहन जारी, तस्करों के एक गुट को मिली हरी झंडी:सूत्र।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में है कोयले की भरपूर खपत,गांव-गांव लगाए जाते हैं चिमनी भट्ठे।
  • अन्य राज्यों को भी ट्रकों से भेजा जा रहा है कोयला,तस्कर भेजते हैं अवैध कोयला।
  • पुलिस की मिलीभगत से भी नहीं किया जा सकता इंकार,खुलेआम होता है करोबार।
  • प्रशासन अवैध कोयले के कारोबार पर अंकुश लगा पाने में आजतक रहा है नाकाम।

-रवि सिंह-
मनेन्द्रगढ़ चिरिमिरी भरतपुर/बैकुण्ठपुर 19 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। कहां गया है प्रयास करने वालों की कभी हार नहीं होती, यदि पुलिस प्रयास कर ले कि थाने क्षेत्र में अवैध कारोबार पूरी तरह बंद करना है तो क्या अवैध कारोबार बंद नहीं हो सकता, अधिकारी चाहले तो वह दिन दूर नहीं जब थाना स्तर पर सारे अवैध कारोबार बंद हो जाएंगे और किसी की मजाल नहीं की बिना उनके अनुमति से अवैध कारोबार कर ले पर क्या ऐसा हो पाएगा यह एक बड़ा सवाल है? वर्तमान कोरिया जिला अब सिर्फ चार थाने का हो गया है पर क्या इस चार थाने में भी अवैध कारोबार पूरी तरह बंद किया जा सकता है? इस समय कोयला तस्कर काफी सक्रिय हैं और दो थाना क्षेत्र में जमकर कोयले की तस्करी हो रही है यह दोनों थाने कोयलांचल क्षेत्र में आते हैं और यहां पर रात के अंधेरे में शुरू होता है कोयले का काला कारोबार, प्रतिदिन कोयले की हो रही चोरी और यह चोरी बिना पुलिस की सांठगांठ से कर पाना नामुमकिन है पर सवाल यह है कि इस समय कोयला तस्करी में संख्या भी तस्करों की बढ़ चुकी है, एक नहीं कई गुट हो चुके हैं एक गुट को दोनों थाना क्षेत्र में कोयले निकालने की अनुमति है वही एक गुट को एक ही थाना क्षेत्र में कोयला निकालने की अनुमति मिल सकी कई है यह भी भेद भाव जारी ही जो दुसरे गुट को पसंद नहीं ऐसा सूत्रों का मानना है, सवाल यह है कि आखिर ऐसा संभव कैसे आखिर किस के प्रभाव से एक गुट को कोयला तस्करी करने का बेधड़क छूट मिली हुई है?
ज्ञात हो कि कोरिया जिले का विभाजन हो गया है और कोरिया से एक नया जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर बना है दोनों जिलों में अलग-अलग एसपी मौजूद हैं जहां कोरिया पुलिस अधीक्षक के पास चार थाने हैं तो वही नवीन जिले एमसीबी के पुलिस अधीक्षक के पास 8 थाने हैं पर इन थानों में से वह थाने काफी चर्चित होते हैं जो कोलांचल क्षेत्र में आते हैं जैसे कोरिया जिले का चरचा व पटना थाना यहां पर कोयला तस्कर काफी सक्रिय हैं और कोयले की तस्करी जमकर होती है साल के 3 महीने छोड़कर बाकी 9 महीने भारी मात्रा में कोयले की तस्करी की जाती है कोयला तस्करी के पीछे संचालित कॉलरिया है जिसमें चरचा, कटकोना व पांडवपारा यह शामिल है जहां से कोयले का उत्पादन होता है और तस्करों की आंख कोयला पर गड़ी होती है बड़े पैमाने पर साठ गाठ से होती है तस्करी, कुछ तस्कर तो अवैध खदान संचालित करके भी कोयला निकाल रहे हैं और कोयले को एक जगह भंडारण कर बड़ी गाड़ी के माध्यम से अन्य जिलों में भेजा जा रहा है, इतनी बड़ी मात्रा में कोयले की तस्करी हो रही है पर पुलिस इससे अनभिज्ञ है यह भी कहना गलत होगा। वही नवीन जिले एमसीबी का चिरमिरी व मनेन्द्रगढ़ थाना कोयला तस्करी को लेकर सुर्खियों में रहता है और कुछ दिन पहले भी कोयले से लदी एक ट्रक फस गई थी जो इस बात को प्रमाणित करती है कि कोयले की तस्करी हो रही है यह बात सभी को पता है तो फिर पुलिस इस बातों से इनकार कैसे कर सकती है सवाल यह उठता है, सब जान रहे हैं कोयले की तस्करी हो रही है नेता से लेकर तमाम अधिकारियों को इस बात की जानकारी है पर इसके बावजूद को तस्करी रोकना पुलिस के लिए नहीं चुनौती है, पुलिस इसे रोकना नहीं चाहती क्या इसके पीछे की वजह तस्करी से होने वाली इनकम है?


मौसम के साथ तस्करी का व्यपार
बरसात का मौसम चलगया शरद ऋतु आगई, शरद ऋतु जहां मौसम के अनुसार ही समय पर आती है वैसे ही कोरिया जिले के कुछ क्षेत्रों में यह ऋतु कोयला तस्करों के इन्तेजार की समाप्ति की ऋतु होती है, क्योंकि इसी समय उनके अवैध कोयले के कारोबार की शुरुआत होती है और जो बरसात के मौसम के आने तक जारी रहती है जिसमें कई करोडों का कारोबार कोयला तस्कर करते हैं और खुलेआम करते हैं। कोयले का अवैध कारोबार जिले में कोई नया नहीं है पर यह बात सही है कि इस अवैध कारोबार को कोई भी बंद नहीं करा पाया हर साल यह अवैध कारोबार चलता है और कारोबार से कहीं ना कहीं पुलिस विभाग के कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों को भी आर्थिक लाभ होता है यह कटु सत्य है, इस कारोबार में संलिप्त लोग उनके कामों में बाधा ना आए इसके लिए बाधा बनने वाले सभी को खरीद फरोख्त की जाती हैं, इसके बाद यह काम बड़े पैमाने पर शुरू होता है, इस बार कोयले का अवैध कारोबार करने वालों का अड्डा बना है चरचा कॉलरी जहां थाने के पीछे से ही इस कारोबार की शुरुआत होती है, एसईसीएल द्वारा कोयले का उत्पादन हो रहा है और बेल्ट के जरिए कोयला निकलता है ठीक थाना के पीछे कारोबारी इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं। पटना क्षेत्र के अवैध कोयला के कारोबारी चरचा कॉलरी का रुख कर लिए हैं बताया जाता है कि चरचा कॉलरी क्षेत्र में एसईसीएल का निकलने वाला कोयला जिस पर कोयले के कारोबारियों द्वारा अपने मजदूर लगा कर प्रतिदिन बेल्टों से कोयला उतारते हैं और पिकअप के माध्यम से कोयले को ईट भट्ठा में तक खपाने का काम कर रहे हैं, कोयले का कारोबार वक्त से पहले शुरू कर दिया गया है, ताकि इस बार लगभग 10 महीने यह कारोबार किया जा सके।


कोयला तस्करों ने बढ़ाया अपना क्षेत्र
कोयला तस्करी का कारोबार कोरिया जिले के पटना क्षेत्र में ही आज तक व्यापक रूप से होता आया है लेकिन इसबार कोयला तस्करों ने अपना क्षेत्र बढ़ाया है और वह चरचा तक जा पहुंचे हैं और चरचा से इस वर्ष कोयले की तस्करी शुरू हो चुकी है जैसी की सूचना मिल रही है। चरचा से कोयला लाकर कोयला तस्कर या तो उसे पटना क्षेत्र में खपा रहें हैं या फिर उसे बड़ी ट्रकों से बाहर के राज्यों में भेज रहें हैं और मोटी कमाई कर रहें हैं, कुल मिलाकर कोयला तस्करी का कारोबार इस वर्ष व्यापक रूप से वृहद क्षेत्र तक होगा यह तय नजर आने लगा है।
पटना क्षेत्र में कई दशकों से जारी है कोयला तस्करी
पटना क्षेत्र में कई दशकों से कोयले की तस्करी जारी है और जिसे कई तस्करों के गुट द्वारा संचालित किया जाता है और जो धड़ल्ले से कोयला तस्करी करते हैं,कोयला तस्कर एसईसीएल की खदानों से निकलने वाले कोयलों के साथ साथ ही जंगलों में खुद के ही कोयले खदानों का संचालन अवैध रूप से करते हैं जहां एक समय मे सैकडों मजदूर काम कर कोयले का अवैध उत्खनन करते हैं। कोयले के अवैध उत्खनन सहित एसईसीएल से चोरी किये गए कोयले को तस्कर अवैध ईंट भट्ठों के संचालकों के बेचते हैं और मोटी कमाई करते हैं। क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों की भरमार है। इस क्षेत्र में शामिल हर गांव में अवैध रूप से बंगला भट्ठों का संचालन किया जाता है और ईंट बनाया जाता है। यही अवैध ईंट भट्ठे अवैध कोयले की खपत करते हैं और कोयला तस्करों को एक तरह से मदद पहुंचाते हैं उनके अवैध कारोबार में। अवैध ईंट भट्ठों का इस क्षेत्र में इसकदर प्रचलन है कि शायद ही किसी गांव में अवैध इंटभट्ठों को न देखा जा सके वहीं प्रशासन भी इनपर कार्यवाही करने की बजाए इन्हें ऐसे ही छूट दे रखी है जिससे प्रतिदिन इनकी संख्या बढ़ती देखी जा रही है। वैसे बताया जाता है कि संबंधित विभाग जो इनपर रोक लगा सकता है वह इनसे ऊपरी आमदनी से जुड़कर इन्हें बिना कार्यवाही छोड़ देता है।
प्रशासन नहीं रोक पा रहा अवैध कोयले का कारोबार
कोरिया जिले ने कई दशकों से जारी अवैध कोयले के कारोबार पर प्रशासन आज तक अंकुश लगा पाने में असफल रहा है और यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से कोयला तस्कर करते चले आ रहें हैं। वैसे ऐसा नहीं है कि प्रशासन इस कारोबार को रोकना चाह रहा है और फिर भी रोक नहीं पा रहा है बल्कि प्रशासन इस कारोबार को रोकना ही नहीं चाह रहा है क्योंकि इससे जुड़े लोग राजनीतिक पहुंच वाले हैं और सत्तापक्ष से जुड़े हुए हैं।
कोरिया एसपी पर 4 थाने व एमसीवी के एसपी पर 8 थाने का कानून व्यवस्था बेहतर करने की जिम्मेदारी
अविभाजित कोरिया के पुलिस अधीक्षक पर 12 थाने की थी कानून व्यवस्था बेहतर करने की जिम्मेदारी जो नवीन जिला बनने से जिम्मेदारी हुई कम, जिम्मेदारी कम होने से कानून व्यवस्था बेहतर करने में होगी आसानी पर क्या हो पाएगा कानून व्यवस्था बेहतर? यह एक बड़ा सवाल है कोरिया पुलिस अधीक्षक के पास बहुत छोटा क्षेत्र है कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए, जिसमें चार थाने ही आते हैं पर वही एमसीबी जिले के नवीन पुलिस अधीक्षक के लिए थोड़ा क्षेत्रफल बड़ा है और थाने हैं 8 पर फिर भी कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए उनके पास भी कहीं न कहीं चार थानों की जिम्मेदारियां कम है ऐसे में दोनों पुलिस अधीक्षक दोनों जिले के कानून व्यवस्था को बड़ी आसानी से सुदृढ़ कर सकते हैं और एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं पर क्या ऐसा कर पाएंगे? यह एक बड़ा सवाल है जिस प्रकार का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है और रोक नहीं लग पा रही इसे लेकर यह सवाल तो बनता है।
कुछ सवाल
सवालः- क्या जिले का थाना अवैध कारोबार रोकने में सक्षम नहीं?
सवालः- थाना स्तर पर नहीं बंद हो सकता कोयला चोरी?
सवालः- एक गुट को कोयला चोरी करने की अनुमति दूसरा गुट अनुमति पाने की फिराक में, पहला गुट अनुमति में अड़ंगा?
सवालः- कोयला तस्करों का एक गुट धड़ल्ले से कर रहा कोयला तस्करी किस के प्रभाव से कोयला निकालने की मिली हिम्मत?
सवालः- प्रशासन अवैध कोयले के कारोबार पर अंकुश लगा पाने में आजतक क्यों रहा है नाकाम?
सवालः- क्या कोयले के अवैध कारोबार की जानकारी नहीं है प्रभारी को?
सवालः- क्या तस्करों की सेटिंग थान स्तर पर न हो कर उच्च स्तर पर है क्या की वजह है की कोयला तस्कर थान प्रभारी को कुछ नहीं समझते।


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