बैकुण्ठपुर @सरपंच हों सकता है बर्खास्त, बिना काम किए निकाल था 21 लाख से अधिक की राशि

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लंबे समय से हो रही थी जांच पर कार्यवाही का था इंतजार।
एसडीएम ने पद से पृथक करने जारी किया आदेश।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 17 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिला मुख्यालय जनपद पंचायत बैकुठपुर के अंतर्गत खाड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच राजकुमार चेरवा जल्द ही सरपंच पद से हट सकते हैं। एसडीएम बैकुंठपुर ने सरपंच को नोटिस जारी कर लिखा है कि सरपंच ग्राम पंचायत खाड़ा द्वारा 14 वें वित्त एवं मूलभूत योजना अंतर्गत पंचायत की कुल राशि 21 55,878 रुपए की हानि, दुर्व्यय, एवं दुरुपयोजन किया गया है जो छत्तीसगढ़ पंचायत नियम 1994 के नियत 3 के विरुद्ध है। इस सम्बंध में नोटिस जारी 7 दिन के अंदर कारण न बताने पर पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के अंतर्गत पद से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि सरपंच द्वारा ढोढ़ी मरम्मत, शौचालय, आंगनवाड़ी भवन, सोख्ता टॅकी निर्माण जैसे अनेक कार्य बिना किए व अनेक अधूरे कार्य में ही 21 लाख से अधिक की राशि निकाल की गई थी।
ज्ञात हो कि खाड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत 14वें वित्त व मूलभूत की राशि आहरण की गई थी पर इस राशि के बदले में जो कार्य होने थे वह नहीं हुए राशि खर्च में गड़बड़ी को लेकर शिकायत की गई थी जिसके लिए पिछले 1 साल से जांच चल रहा था अंततः अब एसडीएम ने इस पर कार्यवाही करने का आदेश जारी किया है अब देखना यह है कि क्या इस पर कार्रवाई होगी क्या सरपंच को बर्खास्त किया जाएगा या फिर वह अपने पद पर बने रहेंगे? 14वें वित्त सहित ग्राम पंचायत के मूलभूत निधि में पिछले चार वर्षों में लगभग 30 लाख की गड़बड़ी की शिकायत के मामले की प्रथम दृष्टया जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर जिला पंचायत कोरिया ने तत्कालीन पंचायत सचिव ग्राम पंचायत खांडा को निलंबित करते हुए अब मामले को लेकर भौतिक सत्यापन हेतु जांच दल का गठन किया गया है। जांच दल का नोडल आरईएस विभाग के एसडीओ को बनाया गया है वहीं जांच रिपोर्ट एक सफ्ताह के भीतर जमा करने का भी निर्देश जारी किया गया है वहीं अब ग्राम पंचायत खांडा में युद्धस्तर पर किसी भी तरह निर्माण कर कार्यवाही से बचने का प्रयास गड़बड़ी करने वाले कर रहें हैं।
जिला पंचायत की कार्यवाही व जांच दल के गठन को लेकर भी अब यह आरोप लगने लगे हैं कि यह सब कुछ गड़बड़ी करने वालों को बचाने के प्रयास के तहत किया जा रहा है। लोगों का साथ ही ग्राम पंचायत खांडा के ही मामले के शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब सचिव के निलंबन की कार्यवाही हो चुकी है और मामला पिछले 3 सालों तक लगातार ग्राम पंचायत निधि में गड़बड़ी और निधि के बन्दरबांट से जुड़ा हुआ है वहीं प्रथम जांच में तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव पर निलंबन की भी कार्यवाही हो चुकी है ऐसे में पिछले निर्माण कार्यों जिनको पूरा करने के नाम पर राशि निकाली गई और गबन कर ली गई ऐसे कार्यों को किसी तरह जल्दबाजी में पूर्ण करने में जुटे जिम्मेदार लोगों द्वारा जारी निर्माण कार्यों पर जांच पूर्ण होने तक रोक लगा दी जानी चाहिए क्योंकिं जल्दबाजी में खुद को बचाने युद्धस्तर पर गुणवत्ता विहीन कार्य किया जा रहा है और निर्माण कार्यों में किसी भी मापदण्ड का भी बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है। पंचायत सचिव पर कार्यवाही के बाद अब जांच उपरांत सरपंच पर भी कार्यवाही तय हो सकती है इसलिए भी सरपंच द्वारा किसी भी तरह निर्माण कार्यों का ढांचा खड़ा किया जा रहा है जिससे जवाब दिया जा सके। शिकायतकर्ता ग्रामीणों सहित पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि पिछले 3 सालों में 40 निर्माण कार्यों के नाम पर 30 लाख से ज्यादा की राशि पंचायत निधि से निकाली गई और निर्माण करने की बजाय राशि का आपस मे बन्दरबांट कर लिया गया।


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