Breaking News

आजमगढ़@घागरा नदी ने दिखाया रौद्र रूप, 65 गाव मे बाढ़ की तबाही

Share


आजमगढ़ , 15 अक्टूबर 2022। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले मे घाघरा नदी का कहर बढ़ता जा रहा है। बीते 24 घटो मे घाघरा नदी के पानी से रिग बाध कटने के कारण लगभग 65 गावो के सैकड़ो परिवार प्रभावित हुए है। आजमगढ़ जिला प्रशासन के अनुसार जिले की सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवराचल मे बहने वाली घाघरा नदी के जलस्तर ने पिछले 24 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। घाघारा नदी खतरा बिन्दु से 1.91 मीटर उपर बह रही है। महुला से हैदराबाद तक बाध मे कई स्थानो पर रिसाव शुरू होने की जानकारी मिल रही है। वही छितौनी गाव के पास नदी का पानी बाधे के बराबर बहने से ग्रामीणो डरे सहमे है। महुला गढ़वल के पास तेज बहाव के चलते रिग बाध का काफी हिस्सा कट गया है। रिसवा को रोकने के लिए पूरी प्रशासनिक मशीनरी को उतार दिया गया, वही ग्रामीण भी अपना सहयोग कर रहे है।
आजमगढ़ के अपर जिलाधिकारी (वित्त एव राजस्व) ने शनिवार को बताया कि बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। बाढ़ प्रभावित गावो के प्रभावित परिवारो को राहत शिविरो मे ले पहुचाया गया है। मौके पर पहुचे समाजवादी पार्टी (सपा) के क्षेत्रीय विधायक नफीस अहमद ने प्रशासन द्वारा दी जा रही राहत को नाकाफी बताया है ।
अपर जिलाधिकारी आजाद भगत सिह ने बाढ़ क्षेत्र सगड़ी का निरीक्षण करते हुए बताया कि तहसील सगड़ी अतर्गत बाढ़ से कुल 65 गाव प्रभावित है। इन गावो की जनसख्या 65 हजार है। इनमे से 12 गाव की आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुई है। इन गाव के 1500 लोगो को राहत शिविरो मे लाया गया है।
उन्होने कहा कि क्षेत्र मे बाढ़ राहत एव बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाया जा रहा है। उन्होने बताया कि लोगो को राहत कैपो मे पहुचाने एव भोजन इत्यादि की व्यवस्था कराई जा रही है। उन्होने बताया कि बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन का कार्य प्रगति पर है, नुकसान का आकलन शीघ्र कराकर नियमानुसार सहायता वितरण की कार्यवाही की जाएगी।
सगड़ी के उपजिलाधिकारी राजीव रत्न सिह भी बाढ़ प्रभावित इलाको मे राहत कार्यो की निगरानी कर रहे है। उनका कहना है कि बाढ़ से प्रभावित 60 गाव मे करीब 300 नावे लगाई लगाई है। उन्होने शनिवार को नदी का पानी कम होने की उम्मीद जतायी है।
उन्होने कहा कि रिसाव को सही करने के लिए अधिकारी व कर्मचारी लगे है। कोई परेशानी की बात नही है ।
वही गोपालपुर विधानसभा के सपा विधायक नफीस अहमद ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया, कहा कि सबको पता है कि देवराचल मे हर बार नेपाल जब पानी छोड़ता है तो बाढ़ की स्थिति बन जाती है, ऐसे मे सरकार व प्रशासन को सभी तैयारियो को पहले ही पूर्ण कर लेनी चाहिए थी।


Share

Check Also

अम्बिकापुर @ कलम बंद का सातवां दिन @ खुला पत्र @देश का चौथा स्तंभ को बचाए कौन?

Share @ बचा लो चौथे स्तंभ को अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है…जिम्मेदार लोगों से …

Leave a Reply

error: Content is protected !!