जगदलपुर@माता मावली की डोली एव दतेश्वरी के छत्र की रियासतकालीन परपरानुसार हुई विदाई

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जगदलपुर, 11 अक्टूबर 2022। बस्तर दशहरा के अष्टमी तिथि पर मावली परघाव पूजा विधान मे शामिल होने दतेवाड़ा से यहा पहुची माता मावली की डोली एव दतेश्वरी के छत्र की विदाई आज सुबह तय कार्यक्रम के अनुसार मा दतेश्वरी मदिर मे स्थापित माता मावली की डोली एव माई के छत्र की रियासतकालीन परपरानुसार पूजा व अन्य सामग्री के अर्पण के साथ ही माता मावली की डोली एव दतेश्वरी के छत्र को मा दतेश्वरी मदिर के गर्भगृह से बाहर निकालकर मा दतेश्वरी मदिर के बाहर सिहद्वार मे बने विशाल मच मे रखा गया जहा माता की आरती व पूजा विधान के साथ ही श्रृद्धालुओ ने भी पुष्पाजली अर्पित कर माता मावली की डोली एव दतेश्वरी के छत्र को विदाई दी गई। इस दौरान श्रद्धालुओ मे प्रसाद वितरण किया गया।
प्रतिवर्ष बस्तर दशहरा मे राजपरिवार के सदस्यो के आमत्रण पर माता मावली की डोली एव मा दतेश्वरी का छत्र जगदलपुर आती है। अष्टमी के दिन मावली परघाव मे माता मावली के डोली का भव्य स्वागत किया जाता है, वही सभी देवी-देवताओ की विदाई के बाद अत मे माता मावली की डोली एव दतेश्वरी के छत्र की विदाई होती है। आज माता मावली की डोली एव दतेश्वरी के छत्र की विदाई मे हजारो की सख्या मे श्रद्धालुओ ने ससम्मान विदा करने पहुचे थे। विदाई से पूर्व सशस्त्र जवानो के द्वारा हर्ष फायर कर सलामी दिये जाने की परपरा का निर्वहन किया गया। दशहरा समिति की ओर से माई की भव्य विदाई के दौरान कावड़ो मे विदाई सामग्री देने की परम्परा है, जिसका निर्वहन किया गया। माई की विदाई के दौरान कावड़ो मे सजाकर सामग्री दी जाती है। इसमे 25 किलो चावल, 11 किलो दाल, 05 किलो घी, 08 किलो सरसो तेल, 07 किलो चिराग तेल के अलावा हल्दी, नमक मिर्च, आटा, शक्कर, गुड़, मिठाई, नारियल, अगरबती, कपूर, टिकली, सुपारी, चूड़ी फुदरी, धूप, लाली, चदन, आलता, आईना, कघी व अन्य सामान के अलावा एक काला बकरा भी दिया गया।
वही आज एक बकरा जगदलपुर स्थित माई दतेश्वरी को तथा एक बकरा व अन्य सामग्री भण्डार देवी को समर्पित किया गया। इसके साथ ही बस्तर दशहरा अगले वर्ष के लिए परायण के साथ बस्तर दशहरा के सभी पूजा विधान सपन्न किये गये।
वही दूसरी ओर दतेवाड़ा जिला मुख्यालय मे बस्तर दशहरा पर्व से शामिल होकर वापसी पर रियासत कालीन परपरानुसार माता मावली की डोली व मा दतेश्वरी के छत्र का भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है, 11 अक्टूबर की शाम को माता मावली की डोली व दतेश्वरी का छत्र जगदलपुर से दतेवाड़ा पहुचेगी, जहा परपरानुसार आवरा भाटा मे रेल्वे क्रासिग के पास रात्रि विश्राम का पड़ाव लगेगा। रात्रि विश्राम स्थल के पास ही मुबई के इडियन आइडल फेम सिगर वेबुजीत की सगीतमय सध्या की प्रस्तुति का आयोजन किया गया है। इस आयोजन के बाद अगले दिन 12 अक्टूबर को दोपहर बाद माता मावली की डोली व मा दतेश्वरी के छत्र को लेकर काफिला आवरा भाटा से पैदल चलकर मा दतेश्वरी शक्तिपीठ मदिर पहुचेगा। इस दौरान बाजे-गाजे आतिशबाजी के साथ इसे भव्य रूप देने की तैयारी की गई है।


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