केरल@बलात्कार के मामले मे केरल हाईकोर्ट ने की बड़ी टिप्पणी

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अगर महिला को पता था कि शख्स पहले से शादीशुदा है
तो वह शादी का झासा और दुष्कर्म का नही लगा सकती आरोप
केरल, 09 अक्टूबर 2022।
केरल हाई कोर्ट ने रेप के एक मामले मे सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि शादी करने का झूठा वादा करके बलात्कार का आरोप तब तक नही टिकेगा जब तक महिला को पता हो कि वह आदमी पहले से ही शादीशुदा है और अभी भी आरोपी के साथ यौन सबध जारी रखा है.
हाई के जस्टिस कौसर एडग्गापथ ने कहा कि “ऐसे जोड़े के बीच किसी भी तरह के सेक्स को प्यार और जुनून कहा जा सकता है, न कि शादी के किसी झूठे वादे के आधार पर.”
कई मामलो का जिक्र करते हुए, कोर्ट ने दोहराया कि अगर कोई पुरुष किसी महिला से शादी करने के अपने वादे को वापस लेता है, तो उनके द्वारा सहमति से किया गया यौन सबध आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का अपराध नही माना जाएगा.
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शिकायतकर्ता महिला का आरोप था कि नौ साल की अवधि मे याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता को शादी का झूठा वादा देकर भारत और विदेशो मे कई जगहो पर उसके साथ यौन सबध बनाए. वही याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई अपराध नही बनता है।.
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के बयान से पता चलता है कि वह 2010 से याचिकाकर्ता को जानती थी और उसे यह पता था कि याचिकाकर्ता की शादी पाच से छह साल पहले हुई थी. फिर भी, वह 2019 तक उसके साथ यौन सबध मे थी.
शिकायतकर्ता के बयान और रिकॉर्ड पर मौजूद अन्य सामग्री से, अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता का शादी के बहाने कथित बलात्कार करने का कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा या गुप्त मकसद नही था.


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