रायपुर@छत्तीसगढ़ मे सबसे कम बेरोजगारी

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रोजगार देने के मामले मे छत्तीसगढ़ देश मे अव्वल
देश मे 6.43 फीसदी रहा बेरोजगारी का आकड़ा
राज्य की नीतियो की वजह से मिली बड़ी उपलबध
रायपुर, 04 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ राज्य के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर आजीविका हासिल कर रहे है। सेटर फॉर मॉनिटरिग इडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी ताजा आकड़ो से यह साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य मे सितबर बेरोजगारी दर अब तक अपने न्यूनतम स्तर 0.1 प्रतिशत है। देश मे सबसे कम बेरोजगारी दर के मामले मे छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है।
बीते दिनो सेटर फॉर मॉनिटरिग इडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी ताजा आकड़ो के अनुसार सितम्बर माह मे छत्तीसगढ़ मे बेरोजगारी दर 0.1 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि सितबर माह मे देश मे बेरोजगारी दर का यह आकड़ा 6.43 फीसदी रहा है। देश के शहरी क्षेत्रो मे 7.70 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रो सितबर माह मे बेरोजगारी का आकड़ा 5.84 फीसद रहा है। न्यूनतम बेरोजगारी दर के मामले मे छत्तीसगढ़ राज्य को मिली इस उपलबध के पीछे वजह मुख्यमत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मे रोजगार के नए अवसरो के सृजन के लिए बनाई गई योजना और नीतिया रही है। छत्तीसगढ़ मे बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए है, जिनसे शहर से लेकर गाव तक हर हाथ को काम मिला है।
सीएमआईई द्वारा 1 अक्टूबर 2022 को बेरोजगारी दर के सबध मे जारी रिपोर्ट के मुताबिक सितम्बर 2022 मे सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यो मे 0.1 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है। वही इसी अवधि मे 0.4 फीसदी के साथ असम दूसरे स्थान पर है। उतराखड 0.5 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश मे यह आकड़ा 0.9 प्रतिशत है और गुजरात मे यह आकड़ा 1.6 प्रतिशत रहा है। दूसरी ओर सर्वाधिक सितम्बर 2022 मे सर्वाधिक बेरोजगारी दर के मामले मे राजस्थान शीर्ष पर है, जहा 23.8 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है। जम्मू एव काश्मीर मे 23.2 फीसदी और हरियाणा मे 22.9 फीसदी बेरोजगारी दर बताई गई है। त्रिपुरा मे 17.0 फीसदी और झारखड मे 12.2 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है।
इसलिए छत्तीसगढ़ मे रोजगार:
छत्तीसगढ़ मे मुख्यमत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मे राज्य सरकार ने समावेशी विकास के लक्ष्य के साथ काम करना शुरू किया। महात्मा गाधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के साथ गावो की आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा मे नवाचार किए गए। इसमे सुराजी गाव योजना के अतर्गत नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम ने महती भूमिका निभाई तो दूसरी ओर गोधन न्याय योजना के साथ गौठानो को रुरल इडस्टि्रयल पार्क के तौर पर विकसित किया गया, जिससे गोबर बेचने से लेकर गोबर के उत्पाद बनाकर ग्रामीणो को रोजगार मिला। रोजगार के नए अवसर सृजित हुए। 7 से बढ़ाकर 65 प्रकार के लघु वनोपजो की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इन लघु वनोपजो के प्रसस्करण व मूल्य सवर्धन किया गया। इससे वनाचल मे भी लोगो को रोजगार मिला। राजीव गाधी किसान न्याय योजना से किसानो की आर्थिक समृद्धि की दिशा मे प्रयास हुए तो वही इस योजना के बाद उत्साहित किसानो की दिलचस्पी कृषि की ओर बढ़ी। राज्य मे खेती का रकबा और उत्पादन बढ़ा। राजीव गाधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर योजना के तहत पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े लोगो को आर्थिक सहायता मिली। राज्य मे नई उद्योग नीति लागू की गई, जिसमे अनेक वर्गो और विभिन्न क्षेत्रो मे सबसडी के प्रावधान किए गए।
इससे उद्मिता विकास को गति मिली।


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