अम्बिकापुर,04 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। सरगुजा रियासत का परंपरागत दशहरा उत्सव प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। सरगुजा पैलेस में दशहरा की शुरुआत नवमीं तिथि पर होने वाले कुल देवी मां महामाया की पूजा अर्चना से शुरू हुई। आज दशमी तिथि लगने पर सरगुजा राजपरिवार के मुखिया एवं स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव एवं उनके उत्तराधिकारी भतीजे जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने पारंपरिक फाटक पूजा, शस्त्र पूजा, नगाड़ा पूजा, अश्व एवं गज पूजा, ध्वज पूजा सहित विभिन्न धर्मों एवं बैगाओं के पूजन के पश्चात रघुनाथ पैलेस में बने कचहरी के गद्दी में विराजमान हो दशहरा की सभी को बधाई दी। कल 5 अक्टूबर को दोपहर दो बजे से आमजनों हेतु रघुनाथ पैलेस को खोला जायेगा, जहां महाराजा टी एस सिंह देव एवं भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव एवं बहुरानी त्रिशाला सिंहदेव आमजनों से मुलाकात करेंगे। दशहरा का यह पारंपरिक उत्सव सदियों से रघुनाथ पैलेस सरगुजा में मनाया जाता है, जिसमें महाराजा कचहरी में दरबार लगाते हैं और फिर अलग-अलग क्षेत्रों से आये लोगों से मुलाकात करते हैं। पुरानी परंपरा अनुसार राजपरिवार से जुड़े लोग इस अवसर पर महाराजा को नजराना भेंट कर दशहरा की बधाई देते हैं तथा क्षेत्र के रक्षा का संकल्प लेते हैं। दशहरा पर रघुनाथ पैलेस सरगुजा में सरगुजा संभाग के अलग-अलग क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
दशहरा में पूर्व में हाथी पर नगर में प्रोषेशन निकलती थी, जिसमें काफी संख्या में हाथी सम्मिलित होते थे और राजा हाथी पर बैठ कर पहले बिलापुर रोड स्थित बंजारी मठ जाकर नीलकंठ की पूजा करते थे और तत्पश्चात ईमलीपारा में स्थित गद्दी की पूजा पश्चात आमजनों से मुलाकात करते थे। हाथी पर निकलने वाली जुलूस 1967-68 के आसपास बंद हो गई और तब से अब तक बंद है। किंतु अन्य परम्पराओं का निर्भन पीढ़ी दर पीढ़ी लगातार चल रही है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने दशहरा पर सरगुजा संभाग सहीत प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है, तथा संभाग एवं प्रदेश के उन्नति की कामना की है।
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