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नई दिल्ली@अशोक गहलोत को झटका?

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अध्यक्ष की उम्मीदवारी गई,सीएम पद पर भी सस्पेस…एक दो दिन मे सोनिया गाधी लेगी फैसला
नई दिल्ली , 29 सितम्बर 2022।
राजस्थान के मुख्यमत्री अशोक गहलोत ने दस जनपथ मे काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी से मिलने के बाद जयपुर मे रविवार को हुई घटना के लिए खेद जताया. गहलोत ने साफ कर दिया है कि वो काग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नही लड़ेगे. इसके साथ ही गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमत्री पद पर बने रहेगे कि नही का फैसला सोनिया गाधी के पाले मे डाल दिया है. इस तरह से अभी भी सीएम पर सस्पेस बरकरार है?
गहलोत ने राजस्थान मे जारी सियासी घटनाक्रम पर सोनिया गाधी से मिलकर खेद जताया. गहलोत ने कहा कि काग्रेस का वफादार सिपाही हू. जयपुर मे विधायक दल के बैठक के दिन की घटना ने मुझे हिलाकर रख दिया. पूरे देश मे मैसेज चला गया कि मै सीएम बना रहना चाहता हू. मैने इसके लिए सोनिया गाधी से माफी मागी है. मै काग्रेस का वफादार हू. उन्होने कहा कि काग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर हमने बात की है.
सीएम गहलोत ने कहा कि हमारे यहा हमेशा से एक कायदा रहा कि हम आलाकमान के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पास करते है. मुख्यमत्री होने के बावजूद मै यह एक लाइन का प्रस्ताव पास नही करवा पाया, इस बात का हमेश दुख रहेगा. इस घटना ने देश के अदर कई तरह के मैसेज दे दिए. साथ ही उन्होने कहा कि काग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव वो अब नही लड़ेगे और मुख्यमत्री पद पर रहेगे कि नही, इसका फैसला सोनिया गाधी करेगी.
अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी से मुलाकात करेगे. इसके बाद ही राजस्थान मे मुख्यमत्री पद का फैसला साफ हो पाएगा कि अशोक गहलोत अपनी कुर्सी पर बनेगे रहेगे या फिर इस्तीफा देगे. माना जा रहा है कि काग्रेस हाईकमान गहलोत के उाराधिकारी के तौर पर सचिन पायलट को मुख्यमत्री बनाने का भरोसा दिया था. इसी मद्देनजर रविवार को मलिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा था, लेकिन गहलोत खेमे के विधायको के बागी रुख अपनाने से विधायक दल की बैठक नही हो सकी.
गहलोत खेमे के विधायक सचिन पायलट को मुख्यमत्री बनाने के पक्ष मे नही है. शाति कुमार धारिवाल से लेकर महेश जोशी औैर प्रताप सिह खाचरियावास तक साफ कह चुके है कि काग्रेस के उन 102 विधायको मे से किसी को भी मुख्यमत्री बना दे, जो 2020 मे पार्टी के साथ खड़े रहे है. इसके अलावा सचिन पायलट को मुख्यमत्री बनाया जाता है तो स्वीकार नही करेगे. गहलोत पर सस्पेस खत्म हो गया है. वह काग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नही लड़ेगे. अब काग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव मे शशि थरूर और दिग्विजय सिह का नाम बचा है. दोनो 30 सितबर को नामाकन कर सकते है. एक तरफ दिग्विजय सिह को गाधी परिवार का सपोर्ट माना जा रहा है।
दूसरी तरफ शशि थरूर ने चुनाव लड़ने की इच्छा पहले ही जता दी थी. इसके बारे मे जब उन्होने सोनिया गाधी को बताया था तो सोनिया ने कहा था कि यह फैसला उनका अपना है, कोई भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है.


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