राज्य के ज्यादातर सिचाई बाध और जलाशय लबालब
बीते 2 सालो की तुलना मे इस साल ज्यादा हुआ है जल भराव
गगरेल बाध मे 93 प्रतिशत से ज्यादा पानी
रायपुर, 28 सितम्बर 2022। इस साल बेहतर मानसून की वजह से राज्य के सिचाई बाधो और जलाशयो मे जलभराव की स्थिति बीते दो सालो की तुलना मे बेहतर है। राज्य की 12 वृहद सिचाई परियोजनाओ मे आज की स्थिति मे 4756.670 एमसीएम जलभराव है, जो कि इनकी कुल जलभराव क्षमता का 88.81 प्रतिशत है। इसी तरह राज्य की कुल 34 मध्यम परियोजनाओ मे 936.710 मिलियन एमसीएम जलभराव है, जो कि इनकी कुल जलभराव क्षमता का 93.25 प्रतिशत है। वर्ष 2020 मे वृहद एव मध्यम सिचाई परियोजनाओ मे इसी अवधि मे जलभराव की स्थिति क्रमशः 86.67 एव 86.20 प्रतिशत थी, जबकि वर्ष 2021 मे वृहद एव मध्यम सिचाई परियोजनाओ मे 86.44 तथा 80.79 प्रतिशत जलभराव था।
राज्य की 12 वृहद सिचाई परियोजनाओ मे शामिल सिकासार, खारग और मनियारी जलाशय आज की स्थिति मे लबालब है। मिनीमाता बागो मे 84.5 प्रतिशत तथा रविशकर गगरेल बाध मे 93.35 प्रतिशत जलभराव है। बीते दो सालो से जलभराव की कमी से जूझ रहे बालोद जिला स्थित तादुला जलाशय मे इस साल स्थिति काफी बेहतर है, तादुला जलाशय मे वर्तमान मे 93.64 प्रतिशत जलभराव है। काकेर स्थित दुधावा और धमतरी जिले का मॉडल सिल्ली बाध भी लबालब होने की स्थिति मे है। इन दोनो बाधो मे आज की स्थिति मे 99 प्रतिशत जलभराव है। सोढूर डेम मे 91.70 प्रतिशत, कोडार बाध मे 66.48 प्रतिशत, केलो बैराज मे 94.11 प्रतिशत पानी है। बड़े सिचाई परियोजनाओ मे से एकमात्र अरपा भैसाझार बैराज मे आज की स्थिति मे 50 प्रतिशत से कम जलभराव है।
राज्य की मध्यम सिचाई परियोजनाओ मे बालोद जिला स्थित खरखरा डेम, बस्तर जिले के कोसार टेडा बाध, काकेर जिले के परालकोट एव मायना डेम, कबीरधाम जिले के छीरपानी, सरोदा एव बहेराखार, राजनादगाव जिले के पिपरिया नाला,रूसे डेम एव मोगरा बैराज, रायगढ़ जिले के खमारपकुट, सरगुजा जिले के बरनाल डेम और बिलासपुर जिले के घोघा, कोरिया जिले के झुमका मे 100 प्रतिशत जलभराव है। रायपुर जिला स्थित कुम्हारी जलाशय और सरगुजा के बाकी सिचाई जलाशय को छोड़कर शेष मध्यम सिचाई परियोजनाओ मे जलभराव की स्थिति 70-99 प्रतिशत तक है। कुम्हारी जलाशय मे आज की स्थिति मे 32.78 तथा सरगुजा के बाकी बाध मे 32.28 प्रतिशत पानी है।
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