रायपुर@लोकतत्र की मजबूती के लिए पारदर्शी प्रशासन और सूचना का अधिकार आवश्यक:राज्यपाल सुश्री उइके

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रायपुर, 28 सितबर 2022। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज राजभवन मे छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के ‘‘महत्वपूर्ण निर्णयो’’ के सकलन पर आधारित पुस्तिका ‘‘महत्वपूर्ण निर्णय’’ का विमोचन किया। उन्होने कहा कि लोकतत्र को जीवत बनाए रखने के लिए पारदर्शी प्रशासन और आम जनता को प्राप्त सूचना का अधिकार आवश्यक है। इसी से हमारे लोकतत्र को मजबूती मिलती है। लोकतत्र मे जनता को प्रशासन की हर गतिविधियो को जानने का अधिकार प्राप्त है। इस अवसर पर मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम. के राउत, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त श्री सरजियस मिज, राज्य सूचना आयुक्त सर्वश्री श्री अशोक कुमार अग्रवाल, श्री मनोज त्रिवेदी, श्री धनवेन्द्र जायसवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त श्री एस.के. तिवारी और सचिव छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त श्री आनद मसीह, राज्यपाल के उप सचिव श्री दीपक कुमार अग्रवाल उपस्थित थे।
राज्यपाल सुश्री उइके ने राज्य सूचना आयोग द्वारा महत्वपूर्णय निर्णयो सबधी सकलन के प्रकाशन की पहल की सराहना करते हुए कहा कि आमजनो के साथ जनसूचना अधिकारियो को इस सकलन का सर्वाधिक लाभ मिलेगा। प्रदेश मे राज्य सूचना आयोग, सूचना का अधिकार से सबधित सर्वोच्च सस्था होती है, ऐसे मे यह किताब इस विषय मे मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा। राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश मे कई आदिवासी बाहुल्य जिले है, उन क्षेत्रो मे भी विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जाए, ताकि वहा के जनसूचना अधिकारियो को नियमो और प्रक्रियाओ की बेहतर जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होने इस पुस्तक को जिला स्तर पर भी उपलबध कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम.के. राउत ने छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग की स्थापना से लेकर अब तक के कार्य, उपलबधयो, प्रकरणो की सख्या एव उनके निराकरण की जानकारी दी। उन्होने बताया कि वर्ष 2005 से वर्ष 2022 तक 67 हजार प्रकरण पजीबद्ध हुए है, जिनमे से 56 हजार प्रकरणो का निराकरण किया जा चुका है।
किताब मे महत्वपूर्ण 136 निर्णयो को शामिल किया गया है। श्री राउत ने बताया कि सभाग स्तरीय और जिला स्तर पर जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारियो के लिए कार्यशाला का आयोजन कर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्होने बताया कि अधिनियम की धारा 4 (1)(ख) के तहत् प्रत्येक लोक प्राधिकारी को अपनी कार्यालयीन गतिविधियो को कम्प्यूटरीकृत कर वेबसाईट पर अपलोड करना है ताकि आम जनता विभागीय गतिविधियो की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सके और प्रशासन मे पारदर्शिता बनी रहे। वेबसाईट मे विभागीय जानकारी अपलोड होने से जनता को यह आसानी से उपलबध हो जाती है।


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