रायपुर, 27 सितम्बर 2022। राजस्थान मे गर्मी काग्रेस की राजनीति पर आज देर रात तक काग्रेस आलाकमान फैसला ले सकती है। आज मगलवार को दोपहर बाद मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन राजस्थान मे गहलोत और उनके समर्थको की अनुशासनहीनता की लिखित रिपोर्ट सोनिया गाँधी को सौपेगे। अब तक सोनिया के सबसे भरोसेमद कहलाने वाले राजस्थान के मुख्यमत्री अशोक गहलोत आलाकमान की नज़रो मे अब विश्वसनीय नही रह गए है। गहलोत की शर्ते, सीएम पद को लेकर सचिन पायलट की मुखालिफत के अलावा अपने समर्थक मत्री-विधायको के बेलगाम होने का उन्हे खामियाज़ा उठाना पड़ेगा।
इसके विपरीत अब तक दूर दूर नज़र आ रहे सचिन पायलट के सब्र ने उन्हे पार्टी हाईकमान के करीब ला खड़ा किया है। सभवतः पायलट अब बेफिक्र भी लग रहे है। उन्हे इतना तो पता चल ही गया कि बिना कुछ किये विरोधी नुकसान मे है और उनकी राजनीति अज्ञातवास सोनिया गाँधी ख़त्म करेगी। लेकिन क्या वो सीएम बनेगे या फिर राजस्थान के पार्टी अध्यक्ष और भावी मुख्यमत्री होगे यह सवाल भविष्य की गर्त पर है। राजस्थान से लेकर दिल्ली मे काग्रेस की सियासी गतिविधियो से सचिन पायलट के लिए ये सभावनाए बन रही है –
पहली सभावना : सचिन पायलट मुख्यमत्री बनेगे
सचिन पायलट के मुख्यमत्री बनने की सभावनाए अब भी जिदा है, क्योकि प्रभारी अजय माकन के बयानो से यह साफ होता है कि हाईकमान रविवार को हुए पूरे घटनाक्रम से नाराज है। ऐसे मे इसका अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पायलट को मिलेगा। सभावना है कि हाईकमान इस एपिसोड के बाद भी काग्रेस पार्टी के चेहरे के रूप मे पायलट को ष्टरू बनाने का फैसला करे। बहुत सारे विधायक पार्टी से बगावत नही करना चाहेगे। ऐसे मे एक बार फिर पायलट के पक्ष मे समीकरण बन सकते है।
दूसरी सभावना :पीसीसी अध्यक्ष या भावी सीएम चेहरा
इस पूरे विवाद को निपटाने और काग्रेस को नुकसान से बचाने के लिए आलाकमान यह निर्णय भी कर सकता है कि पायलट को पीसीसी चीफ बना दिया जाए। गहलोत राजस्थान के मुख्यमत्री रहे और काग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई और बने। वही 2023 चुनाव के लिए सचिन पायलट को फ्री हैड दिया जाए। मगर इसकी सभावना कम लगती है, क्योकि लगता नही पायलट इसके लिए राजी होगे। इसके अलावा एक समस्या ये भी है कि अगर उनके नेतृत्व मे पार्टी हार जाती है तो ये उनके लिए नुकसानदायक होगा।
तीसरी सभावना : राजस्थान या दिल्ली की राजनीति करे
राजस्थान मे विकट स्थिति को देखते हुए हाईकमान सचिन पायलट को दिल्ली बुला सकता है। सभावना है कि वहा उन्हे सगठन मे अहम जगह दी जाए और फिर वे दिल्ली की ही राजनीति करे। मगर इसकी सभावना काफी कम लगती है, क्योकि पायलट राजस्थान मे ही अपना राजनीतिक भविष्य बनाना चाहते है।
चौथी सभावना : बीजेपी जॉइन करे या अलग पार्टी बनाए
यह भी कहा जा रहा है कि पायलट बीजेपी जॉइन कर सकते है। यह कहा जा रहा है कि पायलट या तो अपने साथ कुछ और विधायको को जोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते है या फिर अपनी अलग पार्टी बना सकते है। मगर ये दोनो ही सभावनाए काफी कम है।
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