- जनता के बीच अनिल जायसवाल स्वयं को अगला विधानसभा कांग्रेस प्रत्याशी कह कर रहे प्रचारित।
- लगातार जनसंपर्क से सिटिंग विधायक और उनके समर्थकों के लिए बन सकता है परेशानी का सबब।
- अनिल जायसवाल का टिकट को लेकर रायपुर दौरा, टिकट मिलने की संभावना को लेकर विधानसभा दौरे में पूरी तरह व्यस्त।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 27 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। अविभाजित कोरिया के बैकुंठपुर विधानसभा की सिटिंग एमएलए की टिकट कटने के आसार देखे जा रहे हैं जिसे लेकर टिकट पाने की चाह रखने वाले अपने दावेदारी पेश करते हुए दौरे में जुटे हुए हैं जहां टिकट पाने के लिए रायपुर का लगातार दौरा हो रहा है तो वहीं स्थानीय विधानसभा में भी जोर शोर से जनसंपर्क जारी है जिसे लेकर सीटिंग विधायक भी असमंजस में है कि क्या वाकई में उन्हें इस बार मौका नहीं मिलेगा? बैकुंठपुर से क्या अलग प्रत्याशी घोषित किया जाएगा? पर सवाल यह भी है कि यदि सिटिंग एमएलए का टिकट कटता है तो क्या कांग्रेस पार्टी पूर्व जनपद उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल पर दाव खेलेगी या फिर कई अन्य दावेदार भी कांग्रेस में है उस पर जाना पसंद करेगी।
बैकुंठपुर विधानसभा के कद्दावर नेता अनिल जायसवाल जो जनपद सदस्य व जनपद उपाध्यक्ष तक रह चुके हैं और क्षेत्र में उनकी एक अच्छी पहचान है, पहचान के मोहताज नहीं है बस पहचान में इनकी पहचान कुछ अलग अलग है, जो किसी से छुपी नहीं है इस समय यह सारे कमियों को दरकिनार कर विधानसभा 2023 के प्रत्याशी अपने आप घोषित कराने के प्रयास में जुटे हुए हैं पर अपने आप को प्रत्याशी घोषित कर पाना उनके लिए आसान नहीं है, क्योंकि सबसे पहले सिटिंग एमएलए का टिकट काटना ही बहुत बड़ा रोड़ा है, इसके बाद दूसरा रोड़ा यह भी है कि कई ऐसे प्रत्याशी हैं जिनकी छवि अच्छी व उनका जनाधार है उन सब के नामों को पीछे कर क्या अनिल जायसवाल प्रत्याशी पद की दौड़ में सबसे आगे हो पाएंगे? क्योंकि विगत जिला पंचायत चुनाव में पार्टी प्रत्याशी होने के बावजूद बेहद कम मत हासिल कर चौथे स्थान पर रहना अनिल जायसवाल की पुख्ता दावेदारी पर संकट उत्पन्न कर सकता है। अब पार्टी आलाकमान किस आधार पर बैकुंठपुर विधानसभा के लिए प्रत्याशी तय करेगी यह देखने वाली बात होगी।
बैकुण्ठपुर विधानसभा की सिटिंग एमएलए की टिकट कटने के कितने आसार?
अविभाजित कोरिया के बैकुंठपुर विधानसभा की सिटिंग एमएलए की टिकट कटने के आसार देखे जा रहे हैं ऐसा हम नहीं अपितु कोरिया जिले मे कांग्रेस पार्टी में बड़ा कद रखने वाले नेता प्रचारित कर रहे हैं और टिकट की चाह रखने वाले अपने दावेदारी पेश करते हुए दौरे में जुटे हुए हैं। ऐसा सामान्यतः पहली बार देखने को मिल रहा है, जहां चुनाव के अभी लगभग एक वर्ष बाकी हैं और सत्ता पक्ष के ही विधायक के उम्मीदवार बदलने की बात हो रही है। अब यह पार्टी आलाकमान के आश्वासन से हो रहा है या दावेदारी पेश करने के लिए समय पूर्व फील्डिंग सजाई जा रही है, यह दीगर बात है। पूर्व जनपद उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल द्वारा टिकट पाने के लिए रायपुर का लगातार दौरा हो रहा है, तो वहीं स्थानीय विधानसभा में भी जोर शोर से जनसंपर्क जारी है, जहां वह स्वयं को अगले विधानसभा चुनाव में बतौर कांग्रेसी उम्मीदवार प्रस्तुत कर रहे हैं। इसे लेकर पार्टी कार्यकर्ता, जिले के नेता और आम जनता भी असमंजस में है कि क्या वाकई में उन्हें इस बार मौका मिलेगा? ऐसा इसलिए भी कि चुनाव में अभी लंबा समय बाकी है और इस प्रकार समय पूर्व ही प्रत्याशी बदलने की बात कहीं ना कहीं सत्ता और निर्वाचित जनप्रतिनिधि की कमजोरी को उजागर करती है।
बैकुंठपुर विधानसभा में मच सकता है घमासान,कई कांग्रेसी दावेदार अपनी अपनी तैयारियों में जुटे
आगामी विधानसभा चुनाव पूर्व बैकुंठपुर विधानसभा में कई दावेदारों के सामने आने से कांग्रेस पार्टी में घमासान मच सकता है। जहां एक ओर कांग्रेस का सत्ता और शासन है, और कांग्रेस पार्टी की निर्वाचित विधायिका, जिन्होंने प्रदेश के सबसे लोकप्रिय और कद्दावर मंत्री भैयालाल राजवाड़े को हराकर इस सीट को अपनी झोली में हासिल किया था, उनका टिकट काटना इतना आसान नहीं है। वहीं पूर्व जनपद उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल द्वारा चुनाव के डेढ़ वर्ष पूर्व ही स्वयं को कांग्रेसी उम्मीदवार घोषित कर प्रचारित प्रसारित करना और लगातार जन संपर्क करना विस्मय का विषय है। कहीं ना कहीं दो बार के पूर्व कांग्रेस के प्रत्याशी एवं वर्तमान में जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी जिन्होंने अपना पिछला जिला पंचायत का चुनाव एकतरफा बहुमत और बढ़त हासिल कर जीता था, वै भी इस रेस में अपने व्यापक जनाधार को लेकर आगे चल रहे हैं। दो विधानसभा चुनावो में बेहद कम मत से पीछे रहने वाले वेदांती तिवारी ने अपना पिछला जिला पंचायत का चुनाव बतौर निर्दलीय प्रत्याशी रहते हुए प्रचंड बहुमत से जीता था एवं अन्य पार्टी प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई थी। बाद इसके भाजपा के सदस्यों के बहुमत होने के बावजूद उन्होंने जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद पर कब्जा किया था। माना यह जा रहा है कि यदि किसी कारणवश सिटिंग विधायक का टिकट कटता है, तो टिकट कै सबसे प्रबल दावेदार वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी होंगे।