नई दिल्ली@मरीजो से मनमाना वसूलने वाले सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालो पर होगी बड़ी कार्रवाई

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नई दिल्ली, 26 सितम्बर 2022। देश के कुछ बड़े हॉस्पिटल कानूनो का उल्लघन करते हुए अपनी चिकित्सा सेवाओ और उत्पादो के लिए अधिक पैसे वसूलते है और अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करते है । भारत के निष्पक्ष व्यापार नियामक ने अपनी 4 साल की जाच के बाद यह खुलासा किया है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग जल्द ही इस मुद्दे पर अपोलो हॉस्पिटल्स, मैक्स हेल्थकेयर, फोर्टिस हेल्थकेयर, सर गगा राम हॉस्पिटल, बत्रा हॉस्पिटल एड मेडिकल रिसर्च और सेट स्टीफस हॉस्पिटल की प्रतिक्रियाओ पर विचार करने के लिए बैठक करेगा । सूत्रो के मुताबिक सीसीआई बैठक मे तय करेगा कि इन हॉस्पिटल चेन पर जुर्माना लगाया जाए या नही । सीसीआई प्रतिस्पर्धा कानूनो का उल्लघन करने वाले उद्यम के पिछले 3 वित्तीय वर्षो के औसत कारोबार का 10 प्रतिशत तक का जुर्माना लगा सकता है ।
कानून के उल्लघन की गभीरता को ध्यान मे रखकर यह दड और भी कठोर हो सकता है । एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 3 वित्तीय वर्षो मे अपोलो हॉस्पिटल्स ने औसतन 12,206 करोड़ रुपये और फोर्टिस हॉस्पिटल्स ने 4,834 करोड़ रुपये का कारोबार किया है ।
रिपोर्ट मुताबिक सीसीआई के महानिदेशक ने पाया कि दिल्ली एनसीआर मे सचालित 12 सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालो ने रूम रेट, दवाओ, मेडिकल टेस्ट्स, मेडिकल इम्पिमेट्स और खाने-पीने की सामग्रियो के लिए मरीजो से अनुचित और अत्यधिक मूल्य वसूल कर अपने प्रभुत्व की स्थिति का दुरुपयोग किया । सीसीआई डीजी के निष्कर्षो के अनुसार, कुछ अस्पतालो के रूम रेट तो, 3 स्टार और 4 स्टार होटलो द्वारा वसूले जाने वाले किराए से अधिक थे ।
निजी अस्पतालो द्वारा निर्धारित दवाओ और सेवाओ की अत्यधिक कीमतो के खिलाफ सीसीआई की ओर से यह इस तरह की पहली कार्रवाई है। अब तक किसी नियामक सस्था ने इसका सज्ञान नही लिया था । प्रतिस्पर्धा कानून के जानकारो की माने तो, इन बड़े हॉस्पिटल चेन के खिलाफ सीसीआई की यह कार्रवाई सभावित रूप से दवाओ और स्वास्थ्य उपकरणो की कीमतो पर लगाम लगा सकती है, या कम से कम इन वस्तुओ को बेचने के तरीके मे पारदर्शिता ला सकती है। सीसीआई की जाच का सामना करने वाले 12 अस्पतालो मे से छह मैक्स और दो फोर्टिस के थे।
बिना रोक-टोक ओवरचार्जिग कर रहे निजी अस्पताल
सीसीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इन निजी अस्पतालो मे कुछ चिकित्सा परीक्षणो के साथ-साथ एक्स-रे, एमआरआई और अल्ट्रासाउड स्कैन के लिए अन्य डायग्नोस्टिक सेटर्स की तुलना मे अधिक शुल्क लिया जा रहा है । सीरिज और सर्जिकल लेड जैसे उपभोग्य सामग्रियो के लिए, ये अस्पताल अधिक शुल्क वसूल करते है ।
सीसीआई ने अपनी जाच मे पाया कि एकमात्र अपवाद दवाए थी, जिन्हे इन अस्पतालो मे अधिकतम खुदरा मूल्य पर बेचा जा रहा है । हालाकि, ये हॉस्पिटल चेन दवाओ को थोक मार्केट से कम कीमतो पर खरीदकर और अधिकतम खुदरा मूल्य की दर से बेचकर महत्वपूर्ण लाभ अर्जित करते है । जाच मे पाया गया कि ये अस्पताल मरीजो को उपभोग्य सामग्रियो, चिकित्सा उपकरणो, दवाओ और चिकित्सीय परीक्षण बाहर से खरीदने और कराने की अनुमति नही देते है ।
इनके द्वारा यह तर्क दिया जाता है कि मरीज सुविधा के लिए अस्पतालो मे मौजूद फार्मेसी और लैस की सेवा का उपयोग करते है. इन 12 हॉस्पिटल चेन से सबधित जाच रिपोर्ट डीजी द्वारा 24 दिसबर, 2021 को सीसीआई को सौप दी गई ।


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