- गृह निर्माण मण्डल करा रहा है निर्माण,3 करोड़ 14 की लागत से
- बन रहा है स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स।
- पूरे मामले में मां वैष्णव प्राइवेट लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ढ़ उच्च न्यायालय में लगाई थी याचिका।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 26 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के बैकुंठपुर जिला मुख्यालय के शासकीय कन्या महाविद्यालय के सामने की रिक्त पड़ी भूमि पर निर्माणाधीन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जिसका निर्माण गृह निर्माण मण्डल द्वारा कराया जा रहा था के निर्माण पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है और अब निर्णय आने तक निर्माण पर रोक लगा रहेगा यह बताया जा रहा है। पूरा मामला मां वैष्णव प्राइवेट लिमिटेड बैकुंठपुर से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है और मां वैष्णव प्राइवेट लिमिटेड ने ही उच्च न्यायालय से उक्त निर्माण पर रोक लगवाया है जैसा कि बताया जा रहा है। वर्ष 2014 में मां वैष्णव प्राइवेट लिमिटेड को जमीन अदला बदली के तहत मिली थी निर्माणाधीन स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स की जमीन। वर्ष 2020 में कलेक्टर कोरिया ने अदला बदली को निरस्त कर जमीन को शासकीय किया था घोषित, अदला बदली के निरस्तीकरण की प्रक्रिया असंवैधानिक थी इस आधार पर उच्च न्यायालय ने लगाई निर्माण पर रोक।
मामले में जो बातें सामने आ रहीं हैं उसके अनुसार वर्ष 2014 में मां वैष्णव प्राइवेट लिमिटेड बैकुंठपुर द्वारा बैकुंठपुर के रामपुर में स्थित अपनी एक जमीन से कन्या महाविद्यालय के सामने की रिक्त पड़ी भूमि की अदला बदली की थी और अदला बदली के लिए सारी प्रक्रिया अपनाई थी,उक्त भूमि के अदला बदली पर बाद में आपत्ति दर्ज हुई और वर्ष 2020 में तत्कालीन कलेक्टर ने अदला बदली को गलत ठहराते हुए अदला बदली को निरस्त कर दिया था और बाद में इस भूमि पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण शुरू हुआ था वहीं जब इस जमीन पर और इसकी अदला बदली पर विवाद खड़ा हुआ था तब मां वैष्णव प्राइवेट लिमिटेड के संचालक संजय अग्रवाल ने सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की थी कि कन्या महाविद्यालय के सामने की उक्त जमीन पर यदि विवाह घर बनेगा तब वह जमीन देने को तैयार हैं और लागत में भी कुछ वह आर्थिक सहयोग करेंगे और निर्माण को गति देंगे वहीं अब जब उक्त भूमि पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है तब उन्होंने इसके विरोध में और अदला बदली के निरस्तीकरण की कलेक्टर कोरिया की कार्यवाही के विरोध में उच्च न्यायालय की शरण ली और कार्यवाही को असंवैधानिक बताकर निर्माण पर रोक लगाने की मांग की जिसपर उच्च न्यायालय ने निर्माण पर रोक लगाए जाने का आदेश जारी कर दिया है। अब स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण उच्च न्यायालय से निर्णय आने के बाद ही हो सकेगा,स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण गृह निर्माण मण्डल द्वारा कराया जा रहा था और पूरा निर्माण 3 करोड़ 14 लाख में होना था।