- लोक निर्माण विभाग (विद्युत यांत्रिकी) द्वारा किया गया करोड़ों का घोटाला…
- अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरुद्ध कोतवाली में अपराध दर्ज करने का दिया…
अम्बिकापुर,24 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। मामला सरगुजा जिले के सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला भवनों में विद्युतीकरण के कार्यों में फर्जी बिल वाउचर लगाकर करोड़ों रुपए की शासकीय राशि के गबन करने का मामला सामने आया है। उक्त मामले में अपराध पंजीबद्ध किए जाने को लेकर अभिवक्ता व आरटीआइ कार्यकर्ता डीके सोनी द्वारा शिकायत कोतवाली अंबिकापुर में प्रस्तुत किया है।
वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 में सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में कुल 1005 शालाओं में विद्युतीकरण कार्य हेतु 30,000 प्रतिशाला के मान से तीन करोड़ एक लाख पचास हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी। शालाओं में बिना विद्युतीकरण कार्य किए राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार को कर दिया गया है तथा पूर्णता प्रमाण भी जारी किया जा चुका है। उक्त कार्यों के संबंध में एक शिकायत कमिश्नर सरगुजा के समक्ष किया गया था जिसके आधार पर एक जांच दल का गठन करने का आदेश दिया गया था उक्त जांच दल के द्वारा प्राप्त शिकायत के संबंध में विधिवत जांच किया गया तथा 2 मई 2015 को जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय रायपुर को भेजा गया था। उक्त जांच प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया गया कि अनुबंध क्रमांक 304 के तहत 2012-13 के तहत 7 नग माध्यमिक शाला, 8 नग माध्यमिक शाला, तहत 4 नग माध्यमिक शाला एवं 10 नग प्राथमिक शाला वहीं अनुबंध क्रमांक 329 के तहत 9 नग माध्यमिक एवं 6 नग प्राथमिक शाला, अनुबंध क्रमांक 337 के तहत 8 नग माध्यमिक शाला, अनुबंध क्रमांक 340 के तहत 14 प्राथमिक शाला, अनुबंध क्रमांक 339 के तहत 14 प्राथमिक शाला, अनुबंध क्रमांक 264 के तहत 14 नग प्राथमिक शाला का स्थल परीक्षण कर वहां पदस्थ प्रधान पाठकों का बयान दर्ज किया गया है। निरीक्षण के दौरान उक्त शाला में विद्युतीकरण का कार्य नहीं होना पाया गया है। उपरोक्त विद्युतीकरण कार्य हेतु कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग (वियां) को कार्य एजेंसी नियुक्त किया गया था जिसके द्वारा ठेके के माध्यम से कार्य संपादित होना बताया जाकर संपूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है। इस तरह बिना कार्य के भुगतान होना बताया गया है। उपरोक्त सभी कार्यों का फर्जी मूल्यांकन तथा मेज़रमेंट अधिकारी और ठेकेदार के द्वारा किया गया और उपरोक्त कार्य के करोड़ों रुपए की राशि का भुगतान भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन अभियंता एचएल शर्मा मूल पद सहायक अभियंता एवं एसडीओ रीता सेन तथा सब इंजीनियर रूपाली सिन्हा एवं सीमा साहू के द्वारा किया गया जो कि जांच प्रतिवेदन से प्रमाणित है। अधिकारी एवं ठेकेदार के द्वारा शासकीय राशि का गबन करने के लिए दस्तावेजों में कूट रचना की गई और फर्जी दस्तावेज तैयार का शासकीय राशि आहरण किया गया जो कि साफ तौर पर एक आपराधिक कृत्य है।
एच एल शर्मा सहायक अभियंता के पद पर मूल रूप से पदस्थ थे लेकिन उनके द्वारा एवं अन्य अधिकारियों एवं ठेकेदार की साथ मिलकर संयुक्त रूप से मिलीभगत का सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में विद्युतीकरण कार्य हेतु कुल 1005 शालाओं के लिए आवंटित राशि 3,01,50,000/- रुपए का फर्जी देयक तैयार किया गया और शासन को करोड़ों रुपए का क्षति पहुंचाया गया एवं बिना कार्य किए कार्य पूर्ण होना बताकर अधिकारियों के द्वारा ठेकेदार को राशि का भुगतान किया गया जो कि साफ तरीके से धोखाधड़ी, चीटिंग एवं फर्जीवाड़ा प्रमाणित है। डीके सोने अधिवक्ता के द्वारा उपरोक्त दस्तावेजों के आधार पर अधिकारी एवं ठेकेदार के विरुद्ध दिनांक 19/9/2022 को कोतवाली अंबिकापुर में कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर शासकीय राशि का गबन करने के संबंध में अपराध अंतर्गत धारा 409, 419, 420, 467, 468, 471 भा0द0वि0 के तहत पंजीबद्ध किए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया गया है अब देखना है कि कोतवाली के द्वारा करोड़ों रुपए घोटाला करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाता है कि नहीं।