- लखनलाल श्रीवास्तव फिर हुए भाजपा में शामिल,जिलाध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर काम करने के बाद छोड़ड़ी थी पार्टी।
- भाजपा से बगावत कर जोगी जनता कांग्रेस से पिछले विधानसभा चुनाव में लड़ड़ चुके हैं चुनाव।
- क्या लखनलाल श्रीवास्तव सच में मनेंद्रगढ़ढ़ विधानसभा में भाजपा के लिए साबित होंगे चुनाव में खेवनहार?
- भाजपा में घर वापसी के बाद जगह जगह हो रहा स्वागत,क्या बगावत करने वालों का आगे भी इसी तरह होगा स्वागत?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 23 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। संयुक्त कोरिया जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष रह चुके वह भी जब भाजपा सत्ता में थी साथ ही भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में भी शामिल रह चुके मनेंद्रगढ़ क्षेत्र के लखनलाल श्रीवास्तव जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से बगावत कर जोगी जनता कांग्रेस जे से मनेंद्रगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जिसकी वजह से भाजपा प्रत्यासी की हार हो गई थी को पुनः भाजपा में शामिल कर लिया गया है। प्रदेश स्तर पर भाजपा के घर वापसी अभियान के तहत इन्होंने घर वापसी की है और अब उनका जिले में जगह जगह स्वागत हो रहा है।
लखनलाल श्रीवास्तव भाजपा के उन नेताओं में कोरिया जिले के शामिल रह चुके हैं जिन्हें भाजपा ने समय रहते उन तमाम पदों पर कार्य करने का अवसर प्रदान किया था जिसके वह योग्य थे लेकिन जब पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवार मनेंद्रगढ़ से घोषित कर दिया इन्होंने बगावत कर दिया और जोगी जनता कांग्रेस जे से चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया और अंततः वह खुद भी विधानसभा तक नहीं पहुंच सके और न ही भाजपा के ही उम्मीदवार को उन्होंने विधानसभा पहुंचने दिया, कुलमिलाकर उनके बगावत से भाजपा मनेंद्रगढ़ विधानसभा का चुनाव हार गई जो लगभग भाजपा जीत रही थी।
क्या अब बगावत करने वालों के प्रति भाजपा इसी तरह सकारात्मक रहने वाली है?
खैर अब लखनलाल श्रीवास्तव की घर वापसी हो चुकी है और उनका जगह जगह भाजपा कार्यकर्ता स्वागत भी कर रहें हैं लेकिन इसके बीच अब एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या अब बगावत करने वालों के प्रति भाजपा इसी तरह सकारात्मक रहने वाली है और बगावत कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों की इसी तरह घर वापसी करा कर उनके जगह जगह स्वागत करने की परंपरा पर चलने वाली है भाजपा, वैसे भाजपा भले ही बगावत करने वालों को पुनः घर वापसी कराकर भाजपा की नैया अगले विधानसभा में पार करवाने की जिम्मेदारी उन्हें दे रही है लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह भाजपा की नैया को चुनाव में सच मे पार लगाएंगे या फिर चुनाव में पिछले चुनाव की तरह बगावत कर जाएंगे,वैसे लखनलाल श्रीवास्तव खुद को आज भी विधानसभा चुनाव में प्रत्यासी मानते हैं और ऐसी संभावना कम ही है कि वह टिकट की मांग नहीं करेंगे।
अब भविष्य में यदि घर वापसी किये लोग पुनः बगावत करेंगे तो पार्टी उनसे कैसे निपटेगी?
अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या भाजपा उन्हें टिकट देगी या नहीं देने की स्थिति में लखनलाल श्रीवास्तव फिर बगावत यदि करते हैं तो पार्टी उससे कैसे निपटती है। भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में 15 साल के सत्ता सुख के बाद सत्ता से विमुख हो गई थी और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पार्टी के ही लोगों की बगावत को माना जाता है जो सच भी है, अब भविष्य में यदि घर वापसी किये लोग पुनः बगावत करेंगे तो पार्टी उनसे कैसे निपटेगी यह पार्टी का आंतरिक मामला है लेकिन सवाल उठ रहे हैं उठते भी रहेगें।