- पटना क्षेत्र में कई दशकों से कोयला तस्करों का राज,अब क्या चरचा तक तस्करी का करेंगे विस्तार?
- चरचा क्षेत्र से कोयले का अवैध परिवहन हुआ जारी, तस्करों के एक गुट को मिली हरि झंडीःसूत्र।
- पटना ग्रामीण क्षेत्रों में है कोयले की भरपूर खपत, गांव-गांव लगाए जाते हैं चिमनी भट्ठे।
- पटना क्षेत्र से ही अन्य राज्यों को भी ट्रकों से भेजा जाता है कोयला, तस्कर भेजते हैं अवैध कोयला।
- पुलिस की मिलीभगत से भी नहीं किया जा सकता इंकार,खुलेआम होता है करोबार।
- एक वर्ष में कई करोड़ों का है कोयले का अवैध कारोबार,कई गुट करते हैं कारोबार।
- प्रशासन अवैध कोयले के कारोबार पर अंकुश लगा पाने में आजतक रहा है नाकाम,धड़ड़ल्ले से होता है कारोबार।
- समय से पहले शुरू हुआ कोयले का काल कारोबार,इस बार कारोबार का केंद्र बना चरचा कॉलरी।
- क्या कोयले के अवैध कारोबार की जानकारी नहीं है चरचा प्रभारी को?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 22 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। बरसात का मौसम अब जाने को है और शरद ऋतु आने को है शरद ऋतु जहां मौसम के अनुसार ही समय पर आती है वैसे ही कोरिया जिले के कुछ क्षेत्रों में यह ऋतु कोयला तस्करों के इन्तेजार की समाप्ति की ऋतु होती है, क्योंकि इसी समय उनके अवैध कोयले के कारोबार की शुरुआत होती है और जो बरसात के मौसम के आने तक जारी रहती है जिसमें कई करोडों का कारोबार कोयला तस्कर करते हैं और खुलेआम करते हैं।
कोयले का अवैध कारोबार जिले में कोई नया नहीं है पर यह बात सही है कि इस अवैध कारोबार को कोई भी बंद नहीं करा पाया हर साल यह अवैध कारोबार चलता है और कारोबार से कहीं ना कहीं पुलिस विभाग के कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों को भी आर्थिक लाभ होता है, यह कटु सत्य है इस कारोबार में संलिप्त लोग उनके कामों में बाधा ना आए इसके लिए बाधा बनने वाले सभी को खरीद फरोख्त करते हैं, इसके बाद यह काम बड़े पैमाने पर शुरू होता है, इस बार कोयले का कारोबार वक्त से पहले शुरू हो गया है और इस बार कोयले का अवैध कारोबार करने वालों का अड्डा बना है चरचा कॉलरी जहां थाने के पीछे से ही इस कारोबार की शुरुआत होती है, एसईसीएल द्वारा कोयले का उत्पादन हो रहा है और बेल्ट के जरिए कोयला निकलता है ठीक थाना के पीछे कारोबारी इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं। पटना क्षेत्र के अवैध कोयला के कारोबारी चरचा कॉलरी का रुख कर लिए हैं बताया जाता है कि चरचा कॉलरी क्षेत्र में एसईसीएल का निकलने वाला कोयला जिस पर कोयले के कारोबारियों द्वारा अपने मजदूर लगा कर प्रतिदिन बेल्टों से कोयला उतारते हैं और पिकअप के माध्यम से कोयले को ईट भट्ठा में तक खपाने का काम कर रहे हैं, इस बार काले कोयले का कारोबार वक्त से पहले शुरू कर दिया गया है, ताकि इस बार लगभग 10 महीने यह कारोबार किया जा सके, पटना क्षेत्र में अभी यह कारोबार शुरू नहीं हुआ है पर वही चरचा से इस कारोबार की शुरुआत की गई है और सबसे आश्चर्य की बात यह है कि थाना के पीछे महज कुछ दूरी से ही यह कोले का कारोबार संचालित हो रहा है पर चरचा पुलिस को इसकी भनक तक नहीं।
कोयला तस्करों ने बढ़ाया अपना क्षेत्र
कोयला तस्करी का कारोबार कोरिया जिले के पटना क्षेत्र में ही आज तक व्यापक रूप से होता आया है लेकिन इसबार कोयला तस्करों ने अपना क्षेत्र बढ़ाया है और वह चरचा तक जा पहुंचे हैं और चरचा से इस वर्ष कोयले की तस्करी शुरू हो चुकी है जैसी की सूचना मिल रही है। चरचा से कोयला लाकर कोयला तस्कर या तो उसे पटना क्षेत्र में खपा रहें हैं या फिर उसे बड़ी ट्रकों से बाहर के राज्यों में भेज रहें हैं और मोटी कमाई कर रहें हैं, कुल मिलाकर कोयला तस्करी का कारोबार इसवर्ष व्यापक रूप से वृहद क्षेत्र तक होगा यह तय नजर आने लगा है।
पटना क्षेत्र में कई दशकों से जारी है कोयला तस्करी
पटना क्षेत्र में कई दशकों से कोयले की तस्करी जारी है और जिसे कई तस्करों के गुट द्वारा संचालित किया जाता है और जो धड़ल्ले से कोयला तस्करी करते हैं,कोयला तस्कर एसईसीएल की खदानों से निकलने वाले कोयलों के साथ साथ ही जंगलों में खुद के ही कोयले खदानों का संचालन अवैध रूप से करते हैं जहां एक समय मे सैकडों मजदूर काम कर कोयले का अवैध उत्खनन करते हैं। कोयले के अवैध उत्खनन सहित एसईसीएल से चोरी किये गए कोयले को तस्कर अवैध ईंट भट्ठों के संचालकों के बेचते हैं और मोटी कमाई करते हैं।
पटना क्षेत्र में है अवैध इंटभट्ठों की भरमार
पटना क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों की भरमार है। इस क्षेत्र में शामिल हर गांव में अवैध रूप से बंगला भट्ठों का संचालन किया जाता है और ईंट बनाया जाता है। यही अवैध ईंट भट्ठे अवैध कोयले की खपत करते हैं और कोयला तस्करों को एक तरह से मदद पहुंचाते हैं उनके अवैध कारोबार में। अवैध ईंट भट्ठों का इस क्षेत्र में इसकदर प्रचलन है कि शायद ही किसी गांव में अवैध इंटभट्ठों को न देखा जा सके वहीं प्रशासन भी इनपर कार्यवाही करने की बजाए इन्हें ऐसे ही छूट दे रखी है जिससे प्रतिदिन इनकी संख्या बढ़ती देखी जा रही है। वैसे बताया जाता है कि संबंधित विभाग जो इनपर रोक लगा सकता है वह इनसे ऊपरी आमदनी से जुड़कर इन्हें बिना कार्यवाही छोड़ देता है।
पटना छोड़ चरचा पहुंचे कोयला तस्कर
जैसी की सूचना मिल रही है इसबार कोयला तस्करों ने पटना क्षेत्र से पलायन कर चरचा कालरी का रुख किया है जहां से तस्करी जारी हो चुकी है जैसी की सूचना मिल रही है। कोयला तस्करों ने इसबार अपने तस्करी क्षेत्र में इसबार इस तरह बढ़ोतरी की है और वह चरचा तक पहुंचकर प्रशासन को चुनौती देते नजर आ रहें हैं। बताया यह भी जा रहा है कि इसबार कुछ बड़े सफेदपोश नेताओं को भी तस्करी में शामिल कर लिया गया है जो सत्ताधारी दल के हैं और जो कोयला तस्करी से होने वाली आमदनी का आंकलन कर इस व्यवसाय में जुड़ गए हैं।। वैसे पहले भी इस व्यवसाय में सफेदपोश नेताओं की उपस्थिति नहीं थी ऐसा कहना गलत होगा क्योंकि पूर्व की सरकार के नेताओं द्वारा भी यह काम किया जाता रहा है और वह आज भी इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं।
प्रशासन नहीं रोक पा रहा अवैध कोयले का कारोबार
कोरिया जिले ने कई दशकों से जारी अवैध कोयले के कारोबार पर प्रशासन आज तक अंकुश लगा पाने में असफल रहा है और यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से कोयला तस्कर करते चले आ रहें हैं। वैसे ऐसा नहीं है कि प्रशासन इस कारोबार को रोकना चाह रहा है और फिर भी रोक नहीं पा रहा है बल्कि प्रशासन इस कारोबार को रोकना ही नहीं चाह रहा है क्योंकि इससे जुड़े लोग राजनीतिक पहुंच वाले हैं और सत्तापक्ष से जुड़े हुए हैं।