- पुलिस वाहनों का सघन जांच करती है,बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों पर कार्यवाही करती है, लेकिन खुद बिना नंबर प्लेट के पुलिसकर्मी दौड़ड़ाते हैं अपनी वाहन।
- जब नियम का पालन करने वाले ही नियम तोड़ेंगे तो ऐसे में उनपर कौन करेगा कार्रवाई?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 20 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। जिले में प्रतिदिन सभी थाना के थाना प्रभारी मोटर व्हीकल एक्ट अधिनियम के तहत वाहनों की सघन जांच करते हैं जिसमें नियम विरुद्ध पाए जाने पर वाहन मालिकों को जुर्माना किया जाता है लेकिन सवाल यह भी है कि जिले में कई ऐसे थाना प्रभारी से लेकर पुलिसकर्मी हैं जो खुद मोटर व्हीकल अधिनियम का पालन नहीं करते हैं, नियम विरुद्ध तरीके से बिना नंबर प्लेट क्यों वाहन में फर्राटे भरते हैं? क्या मोटर व्हीकल अधिनियम में इन्हें छूट दी गई है यह एक बड़ा सवाल है या फिर सिर्फ इन्हें मोटर व्हीकल अधिनियम का केवल पालन कराने के लिए रखा गया है और खुद नियम विरुद्ध तरीके से वाहन चलाने की छूट दी गई है?
जिले के एक पुलिस थाने से आई इस तस्वीर के अनुसार यह एक पुलिसकर्मी की गाड़ी है जिसपर नम्बर प्लेट नहीं है और बिना नम्बर प्लेट के यह वाहन शहर सहित सभी जगह फर्राटे भरती नजर आती है। पुलिसकर्मियों द्वारा कानून का पालन कराना जहां तक जरूरी है वहीं उनके द्वारा खुद कानून का पालन करना भी जरूरी है तभी वह किसी और को कानून का पालन करने को कह सकते हैं लेकिन इस वाहन सहित कई पुलिसकर्मियों के वाहन देखकर कहा जा सकता है कि जिले के पुलिसकर्मियों पर और उनके कार्यप्रणाली पर जरा भी अंकुश नहीं है और पुलिस विभाग केवल आम लोगों को ही कानून सिखाने तक अपनी जिम्मेदारी समझती है खुद कानून का पालन करने में उनकी तनिक भी रुचि नहीं होती।
पुलिसकर्मियों के वाहनों पर नम्बर प्लेट नहीं होना यह भी कानून के तहत मोटर व्हीकल एक्ट का उलंघन है और इसपर पुलिसकर्मियों को भी जुर्माना भरने की जरूरत होनी चाहिए लेकिन जो खुद ही जुर्माना लगाते हों उनपर जुर्माना कौन लगाएगा? यह भी एक सवाल है और पुलिसकर्मियों के वाहनों की जांच कौन करेगा यह भी एक सवाल है, जिले के पुलिस विभाग की निरंकुशता का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है ऐसे कई मामले हैं जिसमे यह साबित होता है कि पुलिस विभाग में पुलिसकर्मी ही कानून का पालन करने में सबसे पीछे हैं और दूसरों को कानून का पाठ पढ़ाने में सबसे आगे, अब जब पुलिसकर्मी ही कानून का पालन नहीं करेंगे तो आम जनता क्या पालन करेगी यह एक बड़ा सवाल है। जिले के पुलिस कप्तानों से ही अब उम्मीद है कि वह पुलिस विभाग में कार्यरत पुलिसकर्मियों के वाहनों की भी जांच की जिम्मेदारी किसी को सौपें, जिससे पुलिसकर्मियों में भी मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर जागरूकता आ सके और वह कानून का पालन कर सकें।