सूरजपुर@जिले में डंके की चोट पर हो रहा रेत का उत्खनन

Share


-ओमकार पांडेय-
सूरजपुर 19 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। जिले में एनजीटी की पाबंदी के बावजूद नदियों से रेत का उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है। दरअसल राज्य सरकार ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए नदियों से रेत निकालने पर पाबन्दी लगाई हैं। मगर जिले में रेत ठेकेदार सरकारी नियम कायदों की परवाह किये बिना डंके की चोट पर नदियों से रेत का उत्खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिले के ब्लॉक भैयाथान व सूरजपुर नदी से रेत ट्रेक्टर व 407 वाहन से रेत का परिवहन कर रहे हैं। नदी से रेत लेकर जा रही 407 वाहन के चालक से बात की गई तो उसने बताया कि रेत निकालने के एवज में गांव में प्रत्येक गाड़ी का 700 रुपए देते हैं। चालक से रॉयल्टी पटाने की बात पूछने पर उसने इससे अनभिज्ञता जाहिर की। बता दे कि कुरुवां, कोरेया, रतनपुर, कांसापारा, जयनगर , राजापुर , कांतीपुर , सत्तीपारा , खडगवा कला, बंशीपुर, हर्राटिकरा , कदरंई, समौली, रेवटी,नमनाकला, पम्पापुर, समौली, सोहागपुर,दरिपारा सहित जिले के अन्य इलाके में भी स्थित यही है।जानकारों के अनुसार नदी के जल-प्रवाह और मछलियों की ही तरह रेत नदियों को सेहतमंद रहने में मदद करता है। यह भू-जल के पुनर्भरण के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रवाही जल में पोषक-तत्वों की आपूर्ति करता है। नदियों में जल-प्रवाह की कमी के दिनों में रेत जल-प्रवाह को बनाये रखने में मदद करता है। विभिन्न प्रकार के जलीय जीव-जंतुओं के प्राकृतिक वास के लिहाज से भी रेत महत्वूर्ण है।रेत ठेकेदारों द्वारा जिस तरह से रेत का खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है इसके पीछे खनिज विभाग की मौन स्वीकृति समझी जा रही है।


Share

Check Also

रायपुर@ पीएटी पीव्हीपीटी,पीईटी प्रवेश परीक्षा 2025 के लिए आवेदन 17 से 21 के बीच

Share रायपुर,06अप्रैल 2025 (ए)। व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने शैक्षणिक सत्र 2025 के लिए पी.ए.टी. एवं …

Leave a Reply