बैकुण्ठपुर 18 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 सितंबर को श्रद्धालु महिलाओं ने महालक्ष्मी के अवसर पर विधि विधान से पूजा अर्चना की पर्व को लेकर श्रद्धालु महिलाओं में उत्साह देखते ही बन रहा था नियत तिथि के अनुसार शनिवार को 2.14 पर यह पूजा शुरू हुई ।
आपको बताते चलें कि महालक्ष्मी की पूजा की शुरुआत तिथि 3 सितंबर थी और इसका समापन 17 सितंबर को विधि विधान के साथ हुआ परंपरा के अनुसार यह पूजा 16 दिनों तक चलती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है। साथ ही उनका पूरे विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत है। जो भी जातक मां लक्ष्मी की पूरे श्रद्धाभाव से पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीव के सभी संकट दूर हो जाते हैं। जीवन खुशहल और समृद्ध हो जाता है। अगर आप किसी कारणवश इस व्रत को संपूर्ण रूप से न कर पाएं तो अपनी इच्छा अनुसार कम दिन के लिए भी इस व्रत का पालन कर सकते हैं।
पूजा की विशेषता
महालक्ष्मी व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता। व्रत के 16 वें दिन पूजा कर इस व्रत का उद्यापन किया जाता है।इस व्रत को बहुत ही शुभ माना जाता है।व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ किया जाना चाहिए। श्रद्धा भाव से करने पर जातक के घर में सुख-शांति होती है और उसके घर में धन का आगमन बढ़ता है। मान्यता है कि जो महिला इस व्रत को करती है, उसके घर में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं।
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