अम्बिकापुर 18 सितम्बर 2022(घटती-घटना)। हृदय रोग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आइएमए अंबिकापुर द्वारा एन्जीओ प्लास्टी पर कार्यशाला का आयोजन एसएमसी हॉस्पिटल रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सतीश सूर्यवंशी और डॉक्टर रुपेश श्रीवास्तव का व्याख्यान हुआ। वर्तमान में हृदय रोग की संख्या में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पहले हार्ट अटैक की बीमारी 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के मरीजों में होती थी अब हार्ट अटैक की बीमारी 18 वर्ष जैसी कम उम्र में भी हो रहा है। कम उम्र में हो रहे हार्ट अटैक का कारण धूम्रपान का सेवन करना व अनियमित खानपान व दिनचर्या है। कोविड-19 संक्रमण या कोविड-19 वैक्सीन से हृदय रोग की घटना का कोई संबंध नहीं है। हृदयाघात हृदय की खून की गलियों में थक्का जमने के कारण होता है। तात्कालिक उपचार में खून पतला करने वाली व कोलेस्ट्रोल कम करने की दवाई का उपयोग से हृदयाघात की गंभीरता कम हो जाती है। ह्रदय की नली में खून का थक्का 80 प्रतिशत से ज्यादा होने पर केवल दवाइयों के सेवन से हृदयाघात को रोका नहीं जा सकता। एन्जीओप्लास्टी आवश्यक होती है। वर्तमान में एन्जीओप्लास्टी सुरक्षित है। मरीजों की एन्जीओप्लास्टी के बाद सामान्यत: 3 दिन के बाद छुट्टी कर दी जाती है। अंबिकापुर के स्थानीय कैथ लैब में 100 से ज्यादा एन्जीओप्लास्टी सफलता पूर्वक की जा चुकी है। मंच का संचालन आईएमए सचिव डॉ योगेंद्र गहरवाल व डॉक्टर दिव्या ने किया। कार्यक्रम में आइएमए अध्यक्ष डॉक्टर अंजु गोयल, समन्वयक डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता, डॉक्टर एनपी शर्मा, डॉक्टर मंजू शर्मा, डॉक्टर आरएन परीदा, डॉक्टर अमित यादव, डॉक्टर संजय सिंह, डॉक्टर संतोष सिंह, डॉ अशोक, डॉक्टर रितेश गुप्ता, डॉ मनोज गुप्ता, डॉक्टर दीपिका, डॉक्टर संजय सिंह उपस्थित रहे।
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