अम्बिकापुर,17 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। 1989 में सरगुजा के लुण्ड्रा क्षेत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा चलाए गए भूमि आंदोलन के कारण क्षेत्र से सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन वहां के रसूख दारों सूदखोरों ,सेठों, साहूकारों के जबरिया कब्जे से मुक्त करवाई गई जो वहां के आदिवासी और गरीब कमजोर मेहनतकशों से छीनी गई थी। सैकड़ों की संख्या में बेगारी और हरवाही करने वाले लोग जो गुलामी का जीवन जी रहे थे, आजाद हुए।
इसी दौरान प्रशासन,सूदखोरों,राजनीतिकों,साहूकारों के मिले जुले षड्यंत्र के कारण भा.क. पा. के दो कोरवा सदस्यों को चितालाता की पहाड़ी पर “कंवल साय और उसकी बहन पीछारी बाई “की हत्या गोली मार कर करदी गई।इसी लिए हर 17 सितंबर की तरह इस बार भी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई के सदस्यों ने सती टिकरा (ग्राम राई) पर लाल झंडा फहराकर शहीदों को लाल सलाम किया तथा श्रद्धापुष्प अर्पित किए। श्रद्धांजलि कार्यक्रम स्थल पर भटगांव से कामरेड मनोज पांडे (aituc), कामरेड विजय सिन्हा,छ गढ़ प्रदेश किसान सभा से अनिल द्विवेदी, का वेद प्रकाश अग्रवाल, का. प्रितपाल सिंहअरोरा, लुण्ड्रा से का. सोमार साए, राजपुर से का.दर्शनराम, का.सतनारायण,का.हरीश बड़ा दंपति,श्रीमती सनियारो, भगतसिंह अकादमी के चरणप्रीत सिंह और अनेक लोग उपस्थित थे जिन्होंने शहीद भाई बहन को लाल झंडे लहराकर भाव भीनी पुष्पांजलि अर्पित की।