बैकुण्ठपुर@कोरिया पुलिस ने अपने विभाग के एक आरक्षक के खिलाफ लूट का मामला किया पंजीबद्ध, गिरफ्तार कर भेजा जेल

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  • कोरिया जिले के उक्त आरक्षक का अपने ही विभाग से चल रही थी लड़ाई।
  • ऑनलाइन डिलीवरी से मंगाया मोबाइल नहीं किया उसका भुगतान, डिलीवरी ब्वॉय ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट।
  • पुलिस ने घटना दिनांक से लगभग ढाई महीने बाद क्यों किया मामला पंजीबद्ध,ढाई महीने तक क्या कर रही थी पुलिस?
  • घटना दिनांक के 72 दिन बाद अपराध पंजीबद्ध, क्यों लगा इतना समय पटना पुलिस को अपराध पंजीबद्ध करने में?
  • पटना पुलिस के एफआईआर पर फिर दिखी, विसंगति उठ रहे कई सवाल?
  • एक तरफ जहां पुलिस के प्रति पुलिस के विरुद्ध कार्यवाही लोगों को सुकून दे रही है तो वहीं पुलिस की कार्यवाही में विलंब से पुलिस पर ही उठ रहे सवाल।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 16 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के पुलिस विभाग के एक आरक्षक सियाराम साहू के ऊपर कोरिया जिले की पटना पुलिस ने लूट का मामला पंजीबद्ध करते हुए उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और यह अपने आप मे एक अनोखा मामला है जिसमें पुलिस ने अपने ही विभाग के एक आरक्षक के विरुद्ध कार्यवाही की है और उसे जेल भेज दिया है।
कोरिया जिले के पुलिस विभाग में पदस्थ उक्त आरक्षक का विगत कई सालों से अपने ही विभाग में विवाद का मामला प्रतिदिन सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहता था और जहां उक्त आरक्षक लगातार अपने विभाग को लेकर और विभाग और अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर कुछ न कुछ लिखा करता था और जो कहीं न कहीं विभाग और अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर गलत संदेश जाता था और जिससे विभाग भी परेशान था। वैसे आरक्षक को एक मोबाइल ऑनलाइन मंगाकर उसकी सुपुर्दगी लेकर उसका भुगतान नहीं करने के कारण लूट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है और यह अनोखा मामला है।
क्या कहता है एफआईआर
एफआईआर के अनुसार इमली चौक पटना में रहता हूं तथा आनलाईन डिलीवरी सेवा प्रदाता कंपनी डेल्हीवेरी लिमिटेड में असिस्टेंट टीम लीट के पद पर कार्यरत हूं। ग्राम रनई निवासी सियाराम साहू के विरुद्ध प्रथम सूचना दर्ज करने बावत लिखित शिकायत आवेदन पत्र आज दिनांक 15.09.2022 को थाना उपस्थित आकर प्रस्तुत कर रहा हूं। आरोप लगते हुए कहा की प्रार्थी रामनारायण यादव पिता श्यामलाल यादव उम्र 23 वर्ष आफिस का पता इमली चौक पटना, मूल पता वार्ड नंबर 11 काली मंदिर रोड बस स्टैण्ड के पास, मनेन्द्रगढ़ का निवासी है तथा प्रार्थी आनलाईन डिलीवरी सेवा प्रदाता कंपनी डेल्हीवेरी लिमिटेड में असिस्टेंट टीम लीट के पद पर कार्यरत है। प्रार्थी का आफिस इमली चौक पटना में है प्रार्थी अपने आफिस में कंपनियों से सामान के आने तथा उन्ही सामान को अपने अधीनस्थ कर्मचारियों (डिलीवरी ब्वाय) के माध्यम से उनके बताए गए पते पर पहुंचाने का कार्य करता है। दिनांक 04.07.2022 को एक पार्सल जिसका ए.डब्ल्यू. बी. नंबर 5963171268132, (कन्साईनी डिटेल सियाराम साहू, पता हाउस नंबर 77 विलेज, पोस्ट रनई मंदिर पारा, जिला कोरिया छ.ग. नियर आइडिया टावर कोरिया डिस्टि्रक्ट छ.ग. पिन 497331) का शिपमेंट प्रातः 09.34 बजे प्रार्थी के इमली चौक स्थित कार्यालय में कार्यालय में प्राप्त हुआ था। दिनांक 04.07.2022 को प्रातः 10.26 बजे उक्त शिपमेंट को डिलीवर करने प्रार्थी के द्वारा आफिस में कार्यरत डिलीवरी ब्वाय सुमन दीप पाण्डेय को दिया गया। डिलवरी ब्वाय सुमनदीप पाण्डेय द्वारा दोपहर 02.33 बजे सियाराम साहू को उक्त पार्सल डिलीवर करने के संबंध में काल किया गया। जिसके कुछ ही समय बाद डिलवरी ब्वाय सुमन दीप पाडेण्य ने अपनी मोबाइल नंबर 9399325252 से प्रार्थी के मोबाइल नंबर 6264946056 पर फोन कर सूचित किया कि सियाराम साहू का शिपमेंट 12056 रुपए का था, जिसके लिए सियाराम साहू को डिलवरी ब्वाय को उक्त रकम अदा करने के पश्चात पार्सल लेना था। परंतु उक्त रकम डिलवरी ब्वाय को अदा किये बिना सियाराम साहू ने यह कहते हुए डिलवरी ब्वाय से उक्त पार्सल को छीन लिया कि उसके अकाउंट से पैसा कट गया है, जबकि डिलवरी ब्वाय द्वारा बार बार सियाराम साहू को बताया गया कि हमें उक्त पार्सल का भुगतान आपके द्वारा नहीं किया गया है। सियाराम साहू उक्त पार्सल को बिना रकम अदा किये डिलवरी ब्वाय की सहमति के बिना कपटपूर्वक तथा बल का प्रयोग करते हुए डिलवरी ब्वाय से छीन कर अपने घर लेकर चला गया और जाते-जाते यह भी धमकी दिया कि मैं पुलिस वाला हूं, तुम्हे देख लूंगा। उक्त घटना के बाद दिनांक 04.07.2022 को ही डिलवरी ब्वाय सुमन दीप पाण्डेय ने शिपमेंट सीज बाय कन्साईनी का स्टेटस कंपनी की आनलाईन एप्लीकेशन पर आपलोड किया। घटना के दूसरे दिन प्रार्थी स्वयं डिलवरी ब्वाय दीपक कुमार साहू के साथ सियाराम साहू के घर पहुंच कर सियाराम साहू को अवगत कराया कि आपका पेमेंट नही हुआ है। आपके द्वारा पार्सल डिलवरी ब्वाय से छीन लिया गया है, उक्त पार्सल की रकम 12056 रुपए अदा किजीए तो सियाराम साहू द्वारा पुनः प्रार्थी को धमकी दी गई कि तुम कैसे मेरे घर में घुस गए, तुम जानते नही हो मैं कौन हूं, मैं पुलिस वाला हूं, अभी के अभी किसी केस में फंसा के जेल भेज दूंगा। सियाराम साहू के पुलिस में होने की धमकी के भय से प्रार्थी मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने घटना के तत्काल बाद थाना पटना आने हिम्मत नहीं जुटा सका। प्रार्थी द्वारा उक्त पार्सल के संबंध में इन्मयरी की गई तो जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त पार्सल में जिओनी मैक्स कंपनी के दो नग मोबाइल फोन थे जिनके आईएमईआई नंबर 355186762814820 तथा 355186762639900 थे तथा डिलवरी चार्ज सहित कुल मूल्य 12056 रुपए था, जिसे सियाराम साहू द्वारा पुलिस में होने का भय दिखाते हुए डिलवरी ब्वाय सुमन दीप पाण्डेय की सहमति के बिना कपटपूर्वक तथा बल प्रयोग करते हुए बिना रकम अदा किये छीन लिया गया। प्रार्थी की लिखित सूचना पर धारा 392 भा.द.सं. के तहत संज्ञेय अपराध घटित होना पाये जाने से अभियुक्त सियाराम साहू निवासी ग्राम रनई के विरुद्ध प्रथम सूचना दर्ज की गई।
पुलिस ने 72 दिनों बाद दर्ज किया अपराध,की गिरफ्तारी
पुलिस ने मामले में 72 दिनों बाद गिरफ्तारी की है और मामले में 72 दिनों तक पुलिस ने कार्यवाही क्यों नहीं कि यह सवाल उठ रहा है। पटना पुलिस ने जो अपराध आरक्षक पर दर्ज किया है उसके अनुसार माह जुलाई में आरक्षक ने मोबाइल ऑनलाइन प्राप्त किया और उसका भुगतान नहीं किया और उसकी सूचना पुलिस को सितंबर माह में मिली तब जाकर अपराध दर्ज किया गया और आरक्षक पर लूट का मामला दर्ज किया। पूरे मामले में एक सवाल और उठता है कि क्या सुपुर्दगी देने वालों ने इतने दिनों तक रकम मिलने का इन्तेजार किया और क्या सौदा उधार का था, जिसकी वजह से उन्होंने इन्तेजार किया या सूचना देने के बावजूद पटना पुलिस ने मामले में विलंब से कार्यवाही की जिसकी वजह से देर से प्राथमिकी दर्ज हुई और कार्यवाही आरक्षक पर हो सकी।
पुलिस ने पहली बार पुलिसकर्मी पर अपराध दर्ज करने में दिखाई फुर्ती, की गिरफ्तारी
वैसे तो पुलिस विभाग में पुलिसकर्मियों की शिकायत पर इतनी जल्दी कार्यवाही नहीं होती या यह कहें कार्यवाही ही नहीं होती वरना जिले में ही कई पुलिसकर्मियों के विरुद्ध की गई कई शिकायतों पर जो वर्षों से हुईं शिकायतें हैं कोई कार्यवाही आज तक जिले में नहीं हुई है और मामला जैसा का तैसा पड़ा हुआ है और जांच के नाम पर पुलिस पुलिसकर्मियों को बचाते चले आ रही है लेकिन इस मामले में कोरिया जिले की पुलिस ने फुर्ती दिखाई और तत्काल गिरफ्तारी कर उक्त आरक्षक को जेल भेज दिया वह भी लूट का मामला दर्ज कर न कोई जांच हुई और न कोई समय लिया गया। वैसे चर्चा यह भी है कि पुलिस विभाग की पोल खोलने में मुखर रहने वाले उक्त आरक्षक पर इसलिए भी पटना पुलिस ने त्वरित कार्यवाही की क्योंकि वह पटना पुलिस थाने के प्रभारी की कार्यप्रणालियों को लेकर भी मुखर रहता था और सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखा करता था,यहां तक कि उसने एक मामले में खुद पर अपराध दर्ज कर उसे गलत तरीके से फंसाने का आरोप भी वह प्रभारी पर लगा चुका था।
पुलिस की कार्यवाही पुलिस के लिए ही प्रेरणा क्या बनेगी
कोरिया जिले की पटना पुलिस ने पुलिस विभाग में ही पदस्थ एक आरक्षक पर गिरफ्तारी की कार्यवाही कर जो फुर्ती दिखाई है वह पुलिस विभाग के लिए ही एक प्रेरणा मानी जा रही है ,अब कोरिया जिले के ही पुलिस विभाग में कार्यरत अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध जो शिकायतें लंबित हैं उनपर इसी तरह प्रेरणा लेकर पुलिस त्वरित कार्यवाही करेगी या यह एकलौता मामला बनकर रह जागेगा यह देखने वाली बात होगी। वैसे माना यही जा रहा है कि उक्त आरक्षक को विभाग से ही भिड़ने की कीमत चुकानी पड़ी है और वह बड़ी मुश्किल से विभाग की कार्यवाही की गिरफ्त में आ सका है जिसका पूरे जिले के पुलिस विभाग को वर्षों से इन्तेजार था।


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