- मनेंद्रगढ़ विधायक एक तरफ अपने महिमामंडन में जुटे उधर मनेंद्रगढ़ भी हुआ नाराज।
- भरतपुर के लिए भी जिला चिकित्सालय चिरमिरी में होना कहीं से नहीं होगा उपयुक्त।
- भरतपुर वासियों में कई क्षेत्रों के लिए ऐसे में बैकुंठपुर का ही जिला चिकित्सालय रहेगा सुविधाजनक।
- एमसीबी नवीन जिला गठन मनेंद्रगढ़ विधायक के लिए गले की हड्डी।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/एमसीबी 15 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले से पृथक होकर नवीन गठित हुए जिले एमसीबी में अजीब अजीब तरीकों से सुविधाओं का विभाजन अब राजनीतिक रूप से सत्ताधारी दल के विधायकों के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है और जिसका परिणाम भी अंदर उपज रहे आक्रोश के रूप में सामने आने लगा है।
अभी जैसी जानकारी मिल रही है उसके अनुसार एमसीबी नवीन जिले के जिला चिकित्सालय का चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र में स्थापना को लेकर मनेंद्रगढ़ वासियों में नाराजगी उपज रही है और मनेंद्रगढ़ वासी ऐसे स्वीकार करने को लेकर कठिनाई महसूस कर रहें हैं क्योंकि उनका मानना है कि जिला चिकित्सालय चिरमिरी चले जाने से मनेंद्रगढ़ के व्यवसाय पर खासकर दवा व्यवसाय पर असर पड़ेगा वहीं चिरमिरी किसी भी हिसाब से नवीन जिले के जिला चिकित्सालय के लिए उपयुक्त इसलिए भी नहीं है क्योंकि एसईसीएल के ही अग्रणी चिकित्सालय पूर्व से मनेंद्रगढ़ में ही स्थित हैं और मनेंद्रगढ़ उसी हिसाब से विकसित भी दवा व्यवसाय सहित चिकित्सा क्षेत्र में रहा है।आज जब एमसीबी नवीन जिले के जिला चिकित्सालय को चिरमिरी में स्थापित करने का निर्णय हो चुका है ऐसे में अब मनेंद्रगढ़ वासियों में निराशा देखी जा रही है और सवाल भी उनके मन में उठते देखा जा रहा है की क्या मनेंद्रगढ़ के हिस्से फिर कुछ कार्यालय मात्र आएंगे और जिला मुख्यालय पूर्ण रुप से सभी कार्यालयों और विभागों के साथ मनेंद्रगढ़ में स्थापित नहीं होगा, पूर्व के कोरिया जिले जैसा ही कई कार्यालय अन्य अन्य जगहों पर संचालित होंगे जैसे कि जिला चिकित्सालय जैसा महत्वपूर्ण चिकित्सा सुविधा चिरमिरी में स्थापित होने जा रहा है। वैसे मनेंद्रगढ़ नवीन एमसीबी जिले के मुख्यालय के रूप में जाना जाएगा लेकिन कौन कौन से कार्यालय कहां कहां स्थापित होंगे यह अभी तय होना बाकी है।
विधायक चिरमिरी में जिला चिकित्सालय की उपलब्धि के सहारे जुटे चिरमिरी को मनाने, करवा रहे अपना महिमामंडन
एक तरफ जहां जिला चिकित्सालय चिरमिरी में स्थापित किये जाने से मनेंद्रगढ़ वासी निराश हैं वहीं मनेंद्रगढ़ विधायक अब चिरमिरी वासियों को जिला चिकित्सालय की सौगात दिलाने के नाम पर मनाने में जुटे हुए हैं,जिला मुख्यालय की मांग पूरा नहीं होने पर जहां चिरमिरी वासी नाराज चल रहे थे और आंदोलनरत थे उन्हें जिला चिकित्सालय दिलाने के नाम पर विधायक अपनी तरफ रिझा रहें हैं और अपने ही समर्थकों के सहारे अपना महिमामंडन और अपना स्वागत कार्यक्रम आयोजित करवा रहें हैं, बताया यह भी जा रहा है भिन्न भिन्न समाज से विधायक स्वयं कहकर अपना स्वागत अयोजित करवा रहें हैं।
भरतपुर के हिसाब से भी जिला चिकित्सालय चिरमिरी में स्थापित होना उपयुक्त नहीं
नवीन एमसीबी जिले के भरतपुर के लिए भी जिले का जिला चिकित्सालय चिरमिरी में होना उपयुक्त नहीं होगा क्योंकि भरतपुर वैसे भी जिले का दूरस्थ क्षेत्र है और वहां के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के हिसाब से जिला चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ के आसपास होने से उन्हें जरूरत पर इसका फायदा मिलता क्योंकि अभी तक भरतपुर के लोगों के लिए मध्यप्रदेश का शहडोल ही दूरी के हिसाब से करीब पड़ता आया है और मनेंद्रगढ़ के आसपास जिला चिकित्सालय होने से उन्हें सुविधा मिलती। वैसे भरतपुर के कुछ क्षेत्रों के लिए आज भी बैकुंठपुर ही इलाज के लिए उपयुक्त होगा यह भी दूरी के हिसाब से कहा जा सकता है। चिरमिरी में जिला चिकित्सालय स्थापित होने से भरतपुर के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कोई फायदा नहीं होगा और यह भरतपुर जैसे दूरस्थ क्षेत्र के लोगों के लिए गलत निर्णय होगा ऐसा कहा जा सकता है।
नवीन जिला गठन कुल मिलाकर मनेंद्रगढ़ विधायक के लिए गले की हड्डी
यदि नवीन जिले एमसीबी के गठन को लेकर बात की जाए तो शुरू से ही जिले का मुद्दा मनेंद्रगढ़ विधायक के लिए गले की हड्डी बना हुआ है, चिरमिरी जहां जिला मुख्यालय के लिए नाराज चल रहा है वहीं मनेंद्रगढ़ जिला चिकित्सालय चिरमिरी में स्थापित होने से उदास है, विधायक किसे मनाये किसे नाराज करें खुद उनके समझ मे इसलिए नहीं आ रहा है क्योंकि उन्होंने चिरमिरी को जो ट्विन सिटी के ख्वाब दिखाए थे उसकी हवा भरतपुर सोनहत विधायक ने अपने विधानसभा में जिला मुख्यालय की स्थापना कर निकाल दी,अब मनेंद्रगढ़ विधायक जिनकी चाह कर भी जिला स्थापना में नहीं चल सकी वह किस तरह अपना विधानसभा साधें यह उन्ही के लिए एक प्रश्न बना हुआ है,वैसे खड़गवां क्षेत्र भी नाराज है यह भी बात सामने आ रही है।