बैकुण्ठपुर @एसईसीएल कर्मी के बेटे के बाद अब बेटी ने भी किया कमाल,बेटी भी होगी डॉक्टर

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डॉक्टर बनकर करेंगे क्षेत्र की सेवा,क्षेत्र के युवाओं के लिए बने मिसाल

बैकुण्ठपुर 13 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। बिना कोचिंग पहले भाई ने निकाला था नीट की परीक्षा, अब बहन ने भी निकाली नीट परीक्षा। डॉक्टर बनकर करेंगे क्षेत्र की सेवा, क्षेत्र के युवाओं के लिए बने मिसाल। भाई पहले से करा रहा एमबीबीएस की तयारी, चल रहा फायनल इयर, बहन करेगी शुरुआत, दोनों बनेगे डॉक्टर। एसईसीएल कर्मी के बेटे के बाद अब बेटी ने भी किया कमाल अब बेटी भी होगी डॉक्टर। पहली बार में नहीं मिली सफलता तो दूसरी बार किया प्रयास, मिली सफलता।
कहा गया है कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती और इस बात को चरितार्थ कर दिखाया है कटकोना के दो सगे भाई बहन ने, भाई पहले से कर रहा है एमबीबीएस की पढ़ाई, अब दूसरे प्रयास में नीट परीक्षा में उच्चतम रैंक लाकर बहन को भी मिलेगा एमबीबीएस में प्रवेश। कटकोना में निवासरत एसईसीएल कर्मचारी कमल नारायण सिंह की बेटी प्रिया सिंह ने नीट परीक्षा में अपनी सफलता का परचम लहराया है। डॉक्टर बनने के उद्देश्य से दी गई नीट परीक्षा में प्रिया सिंह का ऑल इंडिया में 10447 वां स्थान हासिल हुआ है, जिसके आधार पर इनका प्रवेश रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय में होगा। इसके पूर्व कमल नारायण सिंह के सुपुत्र त्रिशांत सिंह ने भी नीट की कठिन परीक्षा पास की और वह अपने डॉक्टरी की पढ़ाई के अंतिम चरण में हैं।
बगैर किसी कोचिंग के हासिल की गई सफलता ने खुशी को किया दोगुना
पहले भाई ने और फिर बहन ने नीट की परीक्षा पास कर जहां अपने माता-पिता, परिवार, अपने विद्यालय और अपने समाज का नाम रोशन किया और क्षेत्र को गौरव की अनुभूति प्रदान की वहीं बगैर किसी कोचिंग के स्वयं के कड़ी मेहनत और जज्बे से हासिल की गई सफलता ने खुशी को दोहरा कर दिया है। 2018 में फोरमैन कमल नारायण सिंह के सुपुत्र त्रिशांत सिंह ने डीएवी पांडवपारा में अध्ययन करते समय नीट की परीक्षा बगैर किसी कोचिंग के पास की थी, वहीं बहन प्रिया सिंह ने स्वयं के प्रयास से दूसरी बार में इस कठिन परीक्षा में सफलता अर्जित की है। सन 2021 में नीट की परीक्षा के प्रथम प्रयास में सेल्फ स्टडी से जहां प्रिया सिंह का स्कोर 489 था, वही दूसरे प्रयास में 626 अंक लाकर ऑल इंडिया रैंक 10447 अर्जित कर इन्होंने अपनी सफलता का परचम लहराया। घटती-घटना से बातचीत में प्रिया सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, बड़े भाई की प्रेरणा और अपने विद्यालयों के गुरुजनों को दिया है। उन्होंने बताया कि विगत 2 वर्षों से लगातार 12 घंटे की अनथक पढ़ाई और अभ्यास का नतीजा आज प्राप्त हुआ।


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