बैकुण्ठपुर@क्या कोरिया पुलिस में सब ठीक चल रहा, जिसे जाना चाहिए वह सालों से जमे,जिसे रहना चाहिए वह एक महीना में ही चलते बने?

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  • उप निरीक्षक चला रहे थाना और निरीक्षक छोड़ रहे जिला आखिर क्यों?
  • क्या निरीक्षक के जाने से उपनिरीक्षक रहेंगे खुश,क्योंकि उनके थाने में अब निरीक्षक की नहीं लगेगी नजर?
  • आखिर कैसे सुधरेगी कोरिया की पुलिसिंग व्यवस्था?

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 12 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के पुलिसिंग व्यवस्था कितनी अच्छी है यह किसी से छुपी नहीं है कोरिया जिले के पुलिस व्यवस्था कैसे और कब सुधरेगी और कब यहां अच्छे पुलिस अधिकारियों का आगमन होगा? जो मुंह देखा देखी न करते हुये उन्हें थाने की कमान देंगे जो लोगो के न्याय में रोड़ा नही न्याय पाने का मार्ग बनेगें। इसे लेकर तमाम तरह के सवाल हैं जिन पुलिसकर्मियों को जिले से जाना चाहिए वह पुलिसकर्मी सालों से जमे हैं और जो नए पुलिसकर्मी बाहर से जिले में आए वह एक महीने में ही इस जिले से वापस हो गए। आखिर ऐसा इस जिले की पुलिसिंग में क्या है कि यहां पर अच्छे पुलिस वाले रहना नहीं चाहते? आने के एक महीना बाद ही एक अच्छा निरीक्षक ने अपना स्थानांतरण दुर्ग जिला करा लिया अब उनके जाने के बाद उपनिरीक्षक इनका स्वागत करते नजर आये। ऐसा लगा कि शायद यह निरीक्षक रहते तो अगला थाना प्रभारी वहां के यह ही होते। फिलहाल वर्षो से जमें उपनिरीक्षक विदाई कब होगी इसका बाट शहर की जनता जोह रही है। निरीक्षक के जाते ऐसा लग रहा कि उपनिरीक्षक राहत की सांस ली है। उनके थाने से एक योग्य निरीक्षक की नजर तो हटी इसीलिए उन्हें तत्काल विदा करने के लिए विदाई दे दी गई। वैसे निरीक्षक को दुर्ग जिले में अच्छा थाना मिला है जहां वह अपनी योग्यता साबित करगें। पर इस जिले से एक अच्छे निरीक्षक का जाना भी एक बड़ा सवाल है जबकि यह निरीक्षक कुछ साल पहले सहउपनिरीक्षक रहते हुए भी जिले में काम कर चुके हैं और इन्हें इस जिले का अच्छा तजुर्बा था इसके बावजूद इनका वापस जाना कहीं ना कहीं इस जिले की पुलिसिंग उन्हें रस नहीं थी। जिस वजह से हुए अपना स्थानांतरण एक महीने में ही करा लिया। इसी दौरान थाना झगड़ाखांड प्रभारी राजकुमार लहरे का स्थान्तरण दुर्ग जिले के पाटन होने पश्चात मनेंद्रगढ़ थाना में निरीक्षक राजकुमार को सम्मान के साथ विदाई व मंगलमय शुभकामनाएं देकर ज्वाइनिंग स्थल के किया रवाना, वही जनकपुर थाना से स्थानांतरित होकर आए दीपेश सैनी ने झगड़ाखांड थाना प्रभारी का दायित्व सौपा गया था, इस अवसर पर सीएसपी पीपी सिंह, चिरमिरी थाना प्रभारी कमलकांत शुक्ला, मनेन्द्रगढ़ थाना प्रभारी सचिन सिंह उनके स्वागत के दौरान मौजूद रहे।
जब निरीक्षक आए थे तो वह कोरिया जिले के नाम पर आए थे पर एमसीबी जिला बनने के बाद वापस गए
तकरीबन एक महीना पूर्व कोरिया जिले को छः निरीक्षक मिले थे जिसमें से एक निरीक्षक राजकुमार लहरें थे जिनके आते ही विधानसभा भरतपुर-सोनहत के सुदूर थाने के थाना प्रभारी कि जिम्मेदारी सौपीं गयी। इसके तुरंत बाद ही ने झगड़ाखांड थाना प्रभारी बनाया गया और इसी बीच उन्होंने अपना स्थानांतरण दुर्ग जिला करा लिया जबकि इनकी योग्यतानुसार निश्चित ही इन्हें अगला थाना मनेन्द्रगढ़ देना जाना न्यायोचित था पर अधिकारीयों ने ऐसा कना जरूरी नहीं समझा। और एक अच्छे निरीक्षक जो इस जिले में अपनी जिम्मेदारी पूर्वक अपने कार्य को कुछ समय तक करना रहा वहीं एक महिने में उनका जाना निष्चित ही उनकी अपनी मजबूरी होगी या फिर एक ही थाने में वर्षो से जमे उपनिरीक्षक की चाल रही होगी।
अविभाजित कोरिया को मिले निरीक्षकों व उपनिरीक्षकों का बंटवारा कब?
अविभाजित कोरिया से विभाजित हुआ नवीन जिला एमसीबी के लिये पुलिस विभाग तबादला सूची जारी कर एएसआई, प्रधान आरक्षक व आरक्षक को तो नवीन जिले के थानों में पदस्थ कर दिया पर अविभाजित कोरिया के उपनिरीक्षक व निरीक्षक सूची नहीं आयी जिससे यह पता चल सकें कि कोरिया में कितने उपनिरीक्षक व निरीक्षक रहेंगे या फिर अब यह समझा जाये कि जो जहां है वह वहीं के हो गये। यदि देखा जाये तो विभाजित कोरिया के एक थाने में सिर्फ एक निरीक्षक है बाकि तीन थानों में उपनिरीक्षक के पास ही प्रभार है। यदि नवीन जिले की बात की जाये तो चिरिमिरी व झगराखांड थाने का प्रभार निरीक्षक के पास है बाकि थाने में उपनिरीक्षक ही थाना चला रहे है। जिसमें बड़ा थाना मनेन्द्रगढ़ है जो पिछले दो सालों से एक ही उपनिरीक्षक के भरोसे चल रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार रहते तक यह थाना इन्हीं के पास सुरक्षित है।


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