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बैकुण्ठपुर@ शिक्षक ने अतिक्रमण कर बनाया घर और बाड़ी,क्या कर रहा संबंधित विभाग?

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  • शासकीय जमीन को अतिक्रमण से बचाने जिला कलेक्टर और वन मंडल अधिकारी से ग्रामीणों ने लगाई गुहार।
  • छोटे झाड़ के जंगल का पट्टा शासकीय कर्मी को किस आधार पर हुआ आवंटित?
  • उक्त भूमि रिकॉर्ड में उक्त शासकीय भूमि पर नदी और छोटे झाड़ का जंगल है दर्ज उक्त नदी पर बना है स्टॉप डेम और घाट।
  • ग्रामीणों ने कलेक्टर कोरिया से लेकर मुख्यमंत्री के जन चौपाल में किया शिकायत पर अभी तक नहीं हुई कोई कार्यवाही।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 10 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। एक शिक्षक की ऐसी दबंगई कि वन विभाग के नर्सरी को काट कर उस पर कर रहा अतिक्रमण जिससे स्टॉप डेम का क्षेत्र भी हो रहा कम आगे चलकर हो सकती है परेशानी, जिसे लेकर ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग, कलेक्टर सहित मुख्यमंत्री के जन चौपाल में भी इसकी शिकायत की और इसके बावजूद उस शिक्षक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई,मामला कोरिया जिला के सोनहत अंतर्गत ग्राम बोडार का है। जहां ग्रामीणों ने जिलाधीश और वन मंडल अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर शासकीय भूमि को मुक्त कराने की मांग की है। ग्रामीणों के शिकायत अनुसार बोढ़ार स्थित हसदेव नदी स्टॉप डैम के पास शासकीय भूमि खसरा नंबर 151 का रकबा 0.17 हेक्टेयर भूमि जिस पर स्टॉप डेम और महिला स्नान घाट निर्मित है, जिस को ग्राम में ही प्राथमिक शाला खाल पारा में पदस्थ शिक्षक जयराम राजवाड़े के द्वारा पट्टा बनवा लिया गया है। ग्रामीणों के अनुसार जयराम राजवाड़े द्वारा स्टॉप डेम को भी दिन-प्रतिदिन मिट्टी से पाट दिया जा रहा है। आलम यह है कि मिट्टी पटाई के बाद खेत बना लिए जाने के कारण आमजन का नदी तक आने-जाने का रास्ता बंद हो चुका है और साथ ही ग्रामीणों के पालतू पशु जो नदी तक बने स्टॉप डेम में पानी पीने के लिए जाते थे उनका भी निस्तारण बंद हो चुका है।
रिकॉर्ड के अनुसार उक्त भूमि 1946-47 से रिकार्ड में नदी है जबकि 1988-89 एवं 2013-14 के रिकॉर्ड में पूरी भूमि छोटे झाड़ के जंगल की शासकीय भूमि है। ग्रामीणों के अनुसार जयराम राजवाड़े ने खसरा नंबर 152 की भूमि को ग्राम के ही मोहन आत्मज भूषण से खरीदी किया, परंतु इससे संलग्न खसरा नंबर 151 की शासकीय भूमि का पट्टा किस आधार पर उसके नाम पर जारी हुआ यह संदेहास्पद है। बड़ा सवाल यह है की छोटे झाड़ के जंगल की भूमि का पट्टा एक शासकीय कर्मचारी को आवंटित हुआ तो कैसे? इसके साथ ही क्षेत्रीय वन मंडल अधिकारी को दिए गए आवेदन में ग्रामीणों ने और भी गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि बोढ़ार नर्सरी कंपार्टमेंट 372 एरिया में से लगे हुए सागवान एवं यूकेलिप्टस के पेड़ को जयराम राजवाड़े द्वारा वन अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से काटकर समतलीकरण कर लिया गया है एवं उसमें मकान बाड़ी का निर्माण कर लिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल की उस भूमि पर अतिक्रमण को हटवा कर पुनः नर्सरी लगवाया जाए अन्यथा ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे।


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