- कहा-अगर सहयोग मिला तो योजना को पुनःआरंभ कराने का किया जाएगा प्रयास।
- सामाजिक अभिनव के नेतृत्व में 8 से 10 सदस्यों का दल जल्द प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति व गृह मंत्री से मुलाकात कर इस पर चर्चा कर सकता है।
- छत्तीसगढ़ के कोरिया और दुर्ग में पायलेट प्रोजेक्ट पर आरंभ किया गया था, विभाग की भी रही घोर उदासीनता।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 10 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। जिस तरह केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर महिलाओं की सुरक्षा और आए दिन बढ़ रहे अपराध पर अंकुश लगाने के प्रयास से महिला पुलिस मित्र योजना की आरंभ की है,लोगों ने इसे सकारात्मक कदम और बेहतर योजना बताया है। वहीं ठीक इसके विपरित महिला पुलिस मित्र योजना का अचानक से समूचे प्रदेश में बंद कर देना कहीं न कहीं योजना में विभागीय उदासीनता, सुचारू रुप से क्रियान्वन ना होना, महिला पुलिस मित्रों को बेहतर मार्गदर्शन ना मिल पाने से योजना को फ्लाप कर बंद किया जाना है। आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कोरिया और दुर्ग जिले में जिस तरह से योजना का आरंभ किया गया था उसका दोनों ही जिलों के महिला एवं बाल विकास विभाग के आला अफसरों ने सही तरह से क्रियान्वन नहीं किया है। कोरिया के जिला अधिकारी यह कहते नजर आए कि दुर्ग वालों से पूछते हैं कि वो क्या कर रहे हैं और दुर्ग वालों ने कहा कि कोरिया में क्या चल रहा है। दोनों ही जिलों के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ा और नतीजा आज योजना को बंद करना पड़ा। सामाजिक कार्यकर्ता ने यह भी बताया कि मानते हैं कि विभाग की घोर उदासीनता है पर नियुक्त महिला पुलिस मित्रो को अपने मौजूदा और पूर्व वार्ड पार्षदों से समन्वय स्थापित करना, नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी निरंतर संपर्क स्थापित करना था ताकि उन्हें परस्पर सहयोग मिले। सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी ने यह भी कहा है कि अगर सभी महिला पुलिस मित्र गुटबाजी, राजनीति छोड़ अगर एकता का परिचय और साथ देते हैं तो निश्चय ही कि योजना को पुनः आरंभ कराया जा सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी ने देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति केंद्रीय गृह मंत्री और गृह सचिव से एक 08-10 सदस्यों के दल के साथ प्रदेश में घटित अपराधों के रिकार्ड के साथ मुलाकात करने के प्रयास में लगे हुए हैं।