बैकुण्ठपुर@क्या नपा उपाध्यक्ष अपनी पत्थर खदान में करा रहे अवैध ब्लास्टिंग,क्या खदान में पड़ी है बड़ड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री का स्टाक?

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क्या नए कलेक्टर कार्यालय से महज कुछ मीटर दूर नियम विरुद्ध तरीके से हो रहा है पत्थर खनन,क्रेशर का हो रहा अवैध संचालन?
पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने उत्पादन बंद करने एवं बिजली काटने के दिए निर्देश, फिर भी नेताजी बड़ी दबंगई से चला रहे हैं क्रेसर.कैसे?
सत्तापार्टी के नेता होने के कारण जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से कतरा रहे?
क्या सत्ताधारी पार्टी के नेता होने कि वजह से सारे नियम कानून शिथिल हो गए?
-रवि सिंह-

बैकुण्ठपुर 08 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। मनेंद्रगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष की रंगदारी सत्ता में उनके पहुंचने के बाद बड़ी चरम पर है, कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य होने के नाते शासन प्रशासन को अपनी कठपुतली समझने वाले नेताजी के सामने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, खनिज विभाग, छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग, सभी शासकीय महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों ने इनके सामने घुटने टेक हुए हैं, सूत्रों की मामने तो नेताजी गिट्टी क्रेशर के संचालक हैं, जिनके कई क्रेशर और खदान हस्तिनापुर में स्थित हैं, जहां एक तरफ मनेंद्रगढ़ शहर नए जिले के उद्घाटन के जश्न में व्यस्त है वही नए कलेक्टर कार्यालय से महज 800 मीटर दूर नेताजी अपनी गिट्टी खदान में बड़े धड़ल्ले से प्रतिदिन 100 से 120 अवैध ब्लास्टिंग कर रहे हैं, मिली जानकारी के अनुसार इनके पास विस्फोटक का कोई वैध लाइसेंस नहीं है।
क्या ब्लास्टिंग कि आवाज प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंचती?
बड़ा सवाल यहां उत्पन्न होता है कि इतनी बड़ी मात्रा में ब्लास्टिंग में उपयोग होने वाले अमोनियम नाइट्रेट, ईडी कैप्सूल बत्ती सहित अन्य अतिसंवेदनशील सामग्री इन्हे कहां से प्राप्त होती हैं, इनके पास कोई मैगजीन नहीं है यह मनेंद्रगढ़ शहर में रहते हैं, यदि यदि विस्फोटक सामाग्री शहर में रखते हैं तो शहर भी सुरक्षित नहीं है अंबिकापुर संभाग में हमेशा नक्सलियों की गतिविधियां सुनने को मिलती रही है, कोरिया जिले में भी नक्सलियों की सुगबुगाहट हमेशा देखी गई है ऐसी स्थिति में पर्याप्त मात्रा में नेताजी के पास विस्फोटक का होना अथवा लगातार ब्लास्टिंग कि आवाज सुनने के बाद प्रशासन के द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना पुलिस प्रशासन कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है, सीएम साहब का आगमन हो रहा है, जिला प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था की कमान पुलिस प्रशासन को सौंप रखी है अवैध ब्लास्टिंग बंद कराने में नाकाम नेताजी पर कारवाही कार्यवाही करने में असफल पुलिस प्रशासन कि इस खोखली सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहे है।
शिकायत के बाद भी जिम्मेदार विभाग अवैध ब्लास्टिंग बंद नहीं कराई
विदित हो कि मनेंद्रगढ़ निवासी ठेकेदार गौरव गुप्ता ने इस संदर्भ में पुलिस के आला अधिकारियों को अपना शिकायती पत्र प्रेषित करते हुए लिखा है कि नगरपालिका उपाध्यक्ष के द्वारा अपने गिट्टी खदान से जो महज नेशनल हाईवे से कुछ मीटर दूर है, लगातार पिछले कई वर्षों से अवैध ब्लास्टिंग की जा रही है जिसकी शिकायत उन्होंने लिखित तौर पर जिम्मेदार विभागों को की है लेकिन अभी तक अवैध ब्लास्टिंग बंद नहीं कराई गई है और बड़े धड़ल्ले से विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है,खदान के समीप काफी मात्रा में ग्रामीणों का निवास है, एनजीटी के नियमों के मुताबिक नेशनल हाईवे से खदान लगभग 500 मीटर दूर होना चाहिए लेकिन महज 40 मीटर दूरी पर खदान संचालित है कई बार हैवी ब्लास्टिंग के कारण ग्राम वासियों ने आंदोलन भी किया था, लेकिन दबंग नेता जी के दबंगई के कारण ग्रामवासी इनके खिलाफ आवाज उठाने से डर रहे हैं, यदि उठाते भी हैं तो उन्हें डरा धमकाकर शांत करा दिया जाता है बेचारे मजबूरन मौत के साए में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं, इनकी मनसा भी सीएम साहब से मिलकर इन के विरुद्ध शिकायत करने की है पिछले बार गए थे लेकिन उन्हें सीएम साहब से नहीं मिलने दिया गया मिली जानकारी के अनुसार नेशनल हाईवे में कई वाहन चालक चोटिल भी हो चुके हैं लेकिन थाने वगैरह में तगड़ी दखल होने के कारण उनके खिलाफ अभी तक कोई अपराधिक मामला पंजीबद्ध नहीं किया जा सका है कृष्ण मुरारी जिले में कई खदान और कई क्रेशर संचालित करते हैं, क्या सत्ता पक्ष में होने के बाद उन्हें नियम विरुद्ध कार्य करने के कांग्रेस पार्टी ने अधिकार दे दिए हैं या फिर बार-बार आवेदन होने के बाद भी उन पर कार्यवाही नहीं किए जाने के निर्देश शासन ने जिला अधिकारियों को दिए हैं गौरव गुप्ता ने हमारे प्रतिनिधि को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें एक दिन मनेंद्रगढ़ थाने में बयान के लिए बुलाया गया था उन्होंने विधिवत अपने पत्र के मुताबिक आवश्यक दस्तावेज पुलिस प्रशासन को उपलब्ध करा दिए हैं किंतु अभी तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने पत्र लिख तत्काल खदान और क्रेशर का उत्पादन बंद करने व सील करने एवं बिजली काटने का दिया था निर्देश
क्षेत्रीय कार्यालय छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल अंबिकापुर अपने पत्र क्रमांक 1513/ छ.प्र.स.म 2021/13.12.2021 को कोरिया कलेक्टर, खनिज अधिकारी कार्यपालन अभियंता छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से इनके खदान और क्रेशर का उत्पादन बंद करने व सील करने एवं बिजली काटने के निर्देश दिए गए थे, अपने पत्र में क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी ने क्रेशर संचालक कृष्ण मुरारी तिवारी को लिखा है कि आप छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के द्वारा जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 33 का एवं वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 130 का के तहत निहित शक्ति के अधीन आप को निर्देशित किया जाता है कि खदान को तत्काल प्रभाव से उत्पादन भंडारण बंद करें, खदान को जारी विद्युत सप्लाई एवं अन्य सुविधाएं संबंधित विभाग द्वारा तत्काल प्रभाव से बंद की जावेगी, उन्होने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि आपके द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो बिना अग्रिम सूचना के खदान बंद करवाने की कार्रवाई के साथ जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 41 एवं वायु प्रदूषण निवारण नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 37 एवं अन्य के तहत की गई कार्रवाई के लिए आप स्वयं उत्तरदाई होंगे.! इस पत्र को दिए गए लगभग विभाग को 1 वर्ष होने वाले हैं लेकिन अभी तक सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी का जलवे दार नेता होने के कारण जिला प्रशासन के सभी अधिकारी इन पर कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं, यह श्रीमान दिन रात अपने सभी प्रश्नों को संचालित कर रहे हैं और ग्राम पंचायतों में सत्ता का धौंस बताकर बड़े महंगे दर पर गिट्टी का सप्लाई कर रहे हैं। जिले के खनिज अधिकारी ने भी अपने प्रतिवेदन में ब्लास्टिंग का लाइसेंस नहीं होने और ब्लास्टिंग किए जाने की बात लिखी है, खदानों से पत्थर उत्खनन के बाद पत्थर को क्रेसर तक परिवहन के लिए अभिमान पास की आवश्यकता होती है जिसमें खनिज इस्पेक्टर और खनिज अधिकारी अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हैं उसके उपरांत ही अभिवहन पास जारी किया जाता है।
सूचना के अधिकार से मिली थी जानकारी
सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार कृष्ण मुरारी तिवारी बिना विस्फोटक लाइसेंस लिए हुए लगातार अपने खदान में विस्फोट कर रहे हैं चूंकि हस्तिनापुर की खदान ग्रेनाइट पत्थरों की सीम है जो किसी भी कीमत पर बिना ब्लास्टिंग किए हुए नहीं निकाली जा सकती, यदि कोई भी कृष्ण संचालक या कहता है कि वह बिना ब्लास्टिंग पत्थर निकलता है तो प्रशासन के आंख में धूल झोंक रहा है खदानों में इनके पास 40-50 मजदूर रेगुलर कार्य करते हैं जो खुद ही पत्थरों में कंप्रेसर मशीन के माध्यम से ड्रिल करते हैं और खुद ही इन विस्फोटकों का इस्तेमाल कर ब्लास्टिंग करते हैं जो कार्य बड़ा जोखिम भरा है कई बार यह मजदूर ब्लास्टिंग के शिकार भी हो जाते हैं जिन्हें बड़े दमदारी से छुपा लिया जाता है हस्तिनापुर आदि इलाकों में प्रतिदिन लगभग सभी खदानों को मिलाकर एक हजार ब्लास्टिंग की जाती हैं लेकिन इन अवैध ब्लास्टिंग ऊपर अभी तक जिला प्रशासन आंख बंद किए हुए हैं।


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