मा लिगेश्वरी के दरबार मे हजारो भक्तो ने टेका मत्था
कोडागाव, 07 सितम्बर 2022। छत्तीसगढ़ के कोडागाव जिले के ग्राम आलोर मे माता लिगेश्वरी का मदिर है, जो साल मे एक बार दर्शन के लिए ही खुलता है. इसे 1 दिन का मदिर भी कहा जाता है. मान्यता है कि यहा आकर माथा टेक कर माता से प्रार्थना करने पर मा उनकी सूनी गोद सतान से भर देती है. यही वजह है कि यहा देश-विदेश से भक्त पहुचकर माता से सतान प्राप्ति की मन्नत मागते है. इस साल मा लिगेश्वरी का दरबार बुधवार को खुला, जहा बड़ी सख्या मे भक्त पहुचे थे.
मा लिगेश्वरी मदिर का पट श्रद्धालुओ के लिए आज एक दिन के लिए खोला गया, जहा माता के दर्शन के लिए भक्तो की लगभग 1 किलोमीटर की लबी लाइन लगी रही. एक दिन पहले रात से ही माता के दर्शन के लिए भक्तो की लाइन लगनी शुरु हो गई थी. माता लिगेश्वरी को एक विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है. बताया जाता है कि माता लिगेश्वरी को खीरे का प्रसाद चढ़ाया जाता है, जिसे पति-पत्नी प्रसाद स्वरूप लेते है. बराबर भागो मे बाटकर एक दूसरे के साथ खाते है तो सतान प्राप्ति होती है.
यह मदिर एक विशाल पत्थर के नीचे ही एक गुफा पर है, जहा शिवलिग भी है. लेटकर ही अदर प्रवेश किया जा सकता है. गुफा के अदर दो से तीन व्यक्ति बैठकर पूजा करते है. श्रद्धालुओ की सख्या अधिक होने की वजह से अदर किसी को भी प्रवेश नही दिया जाता. बाहर से ही दर्शन कर उन्हे प्रसाद दिया जाता है, क्योकि सूर्य डूबने से पहले ही पट को फिर सालभर के लिए बद कर दिया जाता है, यहा दर्शन करने की किसी को भी अनुमति नही दी जाती है.
यह मदिर हमेशा भादो पक्ष के दिन बुधवार को ही खोला जाता है. अब तक हजारो श्रद्धालुओ की मन्नते पूरी हो चुकी है, जो यह समिति के रजिस्टर पर अपना नाम पता भी दर्ज करवा जाते है. मन्नते पूरी होने पर माता को चढ़ावा भी चढ़ाते है. कई लोगो का कहना है कि डाक्टरो से थक हारकर माता के दरबार मे आते है तो माता रानी हमारी मन्नते मान लेती है।
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