रायपुर, 04 सितम्बर 2022। झारखड के विधायको की आज हो रही घर वापसी पर पूर्व मुख्यमत्री डॉ. रमन सिह ने तज कसा है. उन्होने कहा कि गाड़ी मे जितना स्टॉक रखा था, वह खत्म हो गया है, अब और कितनी मेहमाननवाजी करेगे. पूर्व मुख्यमत्री डॉ. रमन सिह ने इसके साथ महगाई के मुद्दे पर दिल्ली मे किए जा रहे काग्रेस के हल्ला बोल आदोलन पर सवाल उठाया है. उन्होने कहा कि महगाई-बेरोजगारी पर ससद मे, विधानसभा मे बहस करना चाहिए. इसके लिए दोषी कौन है, इस पर बात होनी चाहिए. काग्रेस शासनकाल मे क्या हालात थे, इस पर बात होनी चाहिए. विपक्ष मे है तो क्या करेगे, राजनीति मे इतना करना वाजिब है.
रमन सिह ने सघ के कार्य को लेकर काग्रेस की टिप्पणी पर कहा कि सघ का कार्य अलग होता है, व्यापक होता है. काग्रेसियो को समझ ही नही आता. ये पूरे देश के लिए जीवनदान देने वाले लोग है, जिन्होने अलग-अलग सगठनो के माध्यम से जनता की सेवा की है. महिला, किसान, मजदूर, शिक्षा के क्षेत्र मे काम है. ये सारे प्रकल्प को देखने वाले प्रमुख सरसघ चालक की उपस्थिति मे बैठक होगी.
वही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के छत्तीसगढ़ प्रवास पर कहा कि उनका पहला आगमन हो रहा है. बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओ को बुलाने की कार्ययोजना है. लगभग 50 हजार कार्यकर्ता आएगे. कार्यकर्ताओ को सबोधित करेगे. शक्ति प्रदर्शन क्या है, हमारे बूथ की टीम और टोली आएगी. अपने आप मे समझ आ जाए की भाजपा की पहुच कहा तक है. वही ईडी-आईटी के छापे पर मुख्यमत्री भूपेश बघेल के बयान पर पूर्व मुख्यमत्री ने कहा कि वो इतना डरते क्यो है. उनको सपने मे भी ईडी-आईटी दिखता है.
रायपुर एयरपोर्ट की बढ़ाई गई सुरक्षा
झारखड के विधायक के आज राची लौटने के मद्देनजर रायपुर एयरपोर्ट मे सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है. डिपार्चर गेट के बाहर बैरिकेटिग की गई है. सभी विधायक बस मे जरिए एयरपोर्ट आएगे. विधायक-मत्री मेफेयर रिसॉर्ट मे कड़ी सुरक्षा के बीच ठहराए गए थे.
रायपुर से राची पहुचे झारखड के सभी विधायक, वापसी के साथ ही राज्य मे बढ़ी हलचले
झारखड मे सत्ता के सग्राम के बीच छत्तीसगढ़ मे सियासत जारी है. झारखड के विधायक आज रायपुर से झारखड लौट गए है. जिसको ध्यान मे रखते हुए रायपुर एयरपोर्ट मे सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई थी. डिपार्चर गेट के बाहर बैरिकेटिग की गई थी. जानकारी के अनुसार 6 दिन बाद सभी विधायक राची पहुच गए है. जहा तीन बसे सभी विधायको को सर्किट हाउस ले जाएगी. ऐसे मे हलचले बढ़ गई है. बता दे कि, झारखड मे मुख्यमत्री हेमत सोरेन की कुर्सी पर मडरा रहे खतरे बाद से सूबे की सियासत मे भी खलबली मच गई थी. खतरा मुख्यमत्री की कुर्सी पर है, लेकिन खरीद-फरोख्त की सभावनाओ के बीच विधायको को एहतियातन रायपुर लाया गया था.
कुर्सी पर क्यो छाए सकट के बादल ?
सोरेन के सीएम बने रहने के सशय के पीछे उन पर लगे कथित खदान की लीज अपने नाम करने का आरोप है. जिसे लेकर चुनाव आयोग ने अपना सुझाव राज्यपाल रमेश बैस को दिया था. अब राज्यपाल के फैसले का इतजार किया जा रहा है. सोरेन की कुर्सी बचेगी या नही ये सब राज्यपाल के फैसले पर निर्भर करता है.
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