नई दिल्ली, ०4 सितम्बर 2022। देश के प्रधानमत्री बनने का सपना सजोए हाल ही मे बीजेपी से गठबधन तोड़ने के बाद आरजेडी के साथ गठबधन कर अपनी अलग सरकार के रूप मे शपथ ग्रहण कर सीएम बने नितीश कुमार का सीएम से पीएम बनने का सपना टूटता नजर आ रहा है । दरअसल बिहार के सीएम नीतीश कुमार कल जनता दल युनाइटेड के प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को सबोधित करने के लिए पटना स्थित पार्टी मुख्यालय पहुचे थे। यहा उनके समर्थको ने देश का प्रधानमत्री कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो के नारे लगाए। इतना ही नही उनकी पार्टी ने अपने दफ्तर और पटना की सड़को पर बड़े-बड़े होर्डिग्स लगवाए है, जिसके जरिए उनकी राष्ट्रीय महत्वाकाक्षा को जनता तक ले जाने की कोशिश की जा रही है। इन बैनरो पर लिखा है- बिहार मे दिखा, भारत मे दिखेगा।
हालाकि, बीजेपी से गठबधन तोड़ने के बाद लगभग हर मौको पर पत्रकारो ने उनसे पीएम कैडिडेट को लेकर सवाल पूछे है और उन्होने ऐसी सभावनाओ को खारिज कर दिया है। नीतीश खुद भले ही इसे इजहार नही कर रहे हो, लेकिन उनकी पार्टी उनकी सहमति के बिना ऐसा कोई कदम उठाएगी, इसकी सभावना नही के बराबर है। नीतीश कुमार ने बीते दिनो पार्टी की बैठको को सबोधित करते हुए कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव विपक्षी दल मिलकर लड़े तो भाजपा 50 सीट का आकड़ा भी पार नही कर पाएगी। उन्होने यह भी कहा कि वह इसी अभियान मे लगे हुए है। नीतीश कुमार ने विभिन्न राजनीतिक दलो के नेताओ से भी बात होने की बात कही। नीतीश कुमार की इस अपील का ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल काग्रेस बेखबर है। टीएमसी का कहना है कि 2024 का चुनाव अकेले लड़ेगी और बीजेपी को साा से बेदखल करेगी।
टीएमसी नेताओ ने कहा है कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावो मे अकेले उतरेगी और विपक्षी दलो को मिली सीटो की सख्या के आधार पर चुनाव के बाद गठबधन पर विचार कर सकती है। जबकि बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार और उनके तेलगाना समकक्ष के चद्रशेखर राव ने हाल ही मे ‘भाजपा मुक्त भारत’ के लिए क्षेत्रीय दलो के बीच एकता बनाने के तरीको पर चर्चा की। तृणमूल काग्रेस का दावा है कि उन्हे ऐसा कोई प्रस्ताव नही मिला है। टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेदु शेखर रे ने कहा कि तृणमूल काग्रेस को किसी भी तरफ से विपक्षी एकता का कोई प्रस्ताव नही मिला है।
टीएमसी नेता ने पत्रकारो से कहा कि ममता बनर्जी 2019 से विपक्षी नेताओ से केद्र सरकार की जनविरोधी नीतियो के खिलाफ एकजुट कदम उठाने का आग्रह कर रही थी, लेकिन कुछ भी ठोस नही निकला। यही कारण है कि टीएमसी ने 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले जाने का फैसला किया है। हा, चुनाव के बाद गठबधन पर विचार कर सकते है। यह विपक्षी दलो द्वारा हासिल की जाने वाली सीटो की सख्या पर निर्भर करता है। हालाकि, टीएमसी केद्रीय एजेसियो के छापे और कार्रवाई को लेकर भाजपा के खिलाफ काफी मुखर है। प्रधानमत्री नरेद्र मोदी ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि देश मे भ्रष्ट लोगो के खिलाफ कार्रवाई के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजनीति मे एक नया ध्रुवीकरण हुआ है। कुछ राजनीतिक समूह खुले तौर पर भ्रष्टाचार के आरोपो का सामना करने वालो को बचाने के लिए सगठित होने की कोशिश कर रहे है।
टीएमसी सासद रे ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होने कहा, “सभी केद्रीय एजेसियो को विपक्ष शासित राज्यो के खिलाफ ‘विपक्ष मुक्त-भारत’ के भाजपा के एजेडे को पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया है। मध्य प्रदेश मे व्यापम घोटाले पर भाजपा का क्या रुख है जहा न केवल नौकरी चाहने वालो से हजारो करोड़ रुपये एकत्र किए गए, लेकिन इसके परिणामस्वरूप लगभग 100 लोगो की रहस्यमय स्थिति मे मौत भी हुई है। आपको बता दे कि जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मुख्यमत्री को विपक्षी दलो को एकजुट करने के लिए अधिकृत कर दिया। इस मौके पर मुख्यमत्री ने कहा कि भाजपा देश के माहौल को खराब कर रही है। भाजपा के लोग प्रदेश मे साप्रदायिक एव सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का कार्य करेगे, हम सभी को पचायत स्तर तक पूरी सावधानी बरतनी है।
बैठक मे पार्टी पदाधिकारियो ने मुख्यमत्री से कहा कि वे प्रधानमत्री के सबसे योग्य उम्मीदवार है। देश आपका इतजार कर रहा है। इस पर मुख्यमत्री ने कहा कि मेरे लिये पद महत्वपूर्ण नही है। न ही मेरी ऐसी कोई इच्छा है। मै देशभर के विपक्षी दलो को एकजुट करने मे लगा हू। सबसे महत्वपूर्ण यही है। नेता का चयन सभी पार्टिया मिलकर ही करेगी। नीतीश कुमार ने पार्टी पदाधिकारियो का आह्वान किया कि वे 2024 के चुनाव की तैयारी मे जुट जाये। उन्होने कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 मे भाजपा के षड्यत्र से हमारी सीटे कम हो गई।