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-राजा मुखर्जी-
कोरबा,03 सितम्बर 2022(घटती-घटना)। जिले में फर्जी फोटोयुक्त मतदाता परिचय पत्र बनाने का मामला सामने आया है। फर्जी पहचान पत्र के आधार पर बहुत से लोगों ने बैंकों से लोन लिया है, अनेक कार्यों में इसका उपयोग किया है और न जाने किन-किन कार्यों के लिए फर्जी वोटर कार्ड का उपयोग किया गया है। यह पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इस फर्जीवाड़े में जिस किसी की भी संलिप्तता है, चाहे वह निर्वाचन शाखा से जुड़ा हो या फिर तहसील कार्यालय से, उस पर कार्यवाही करने के साथ ही इसकी गहन छानबीन करने की आवश्यकता है। इसी क्रम में दर्री पुलिस ने फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाने वाले एक चॉइस सेंटर का भंडाफोड़ किया है।इस संबंध में जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि जिले में कुछ दिनों से फर्जी वोटर आईडी बनाकर उनके विभिन्न स्थानों पर परिचय पत्र के रूप में उपयोग किए जाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के द्वारा सभी थानों को पतासाजी के लिए निर्देश दिए गए थे। इसी तारतम्य में दर्री थाने को सूचना मिली की प्रेम नगर जलगांव चौक के पास संचालित गज्जू डिजिटल नामक च्वाइस सेंटर का संचालक गजेंद्र साहू फर्जी वोटर आईडी कार्ड बना रहा है, जिसका उपयोग विभिन्न माइक्रो फाइनेंस कंपनी ,बैंक एवं अन्य जगहों पर परिचय पत्र के रूप में किया जा रहा है। सूचना पर दर्री पुलिस की टीम ने सीएसपी दर्री सुश्री लितेश सिंह के निर्देशन में गज्जू चॉइस सेंटर की निगहबानी शुरू की। पुलिस को इस चॉइस सेंटर में फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाने की पूर्ण तस्दीक होने पर दर्री पुलिस की टीम के द्वारा गज्जू डिजिटल सर्विसेज में छापा मारा गया। संचालक गजेंद्र साहू ने पहले तो ऐसे किसी कार्य को करने से साफ इंकार कर दिया, लेकिन जब पुलिस के द्वारा उसके सामने ,उसके द्वारा किए गए ऐसे कृत्यों की जानकारी प्रस्तुत की गई, तो उसने स्वीकार किया की वो फर्जी वोटर आईडी बनाता है, और अभी तक सैकड़ों ऐसे कार्ड बना चुका है। दर्री पुलिस ने उसके चॉइस सेंटर और मोबाइल तथा कंप्यूटर से 74 फर्जी बनाए हुए वोटर आईडी कार्ड जब्त किए। एएसपी श्री वर्मा ने बताया कि शासन के द्वारा चॉइस सेंटर के माध्यम से वोटर आईडी कार्ड बनाने का कार्य लगभग 1 वर्ष पहले बंद कर मतदाता पहचान पत्र सीधे मतदाता के पते पर भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन गजेंद्र साहू अपने चॉइस सेंटर की आईडी से किसी मतदाता परिचय पत्र का एपिक नंबर निकाल लेता था और उस कार्ड में फोटो तथा एड्रेस किसी और का प्रिंट कर देता था। निर्वाचन अधिकारी के हस्ताक्षर वाले स्थान पर ये एसडीएम कटघोरा के स्कैन हस्ताक्षर को प्रिंट कर देता था।ये वोटर आईडी कार्ड एकदम सही प्रतीत होते थे, जब तक एपिक नंबर को कोई चेक न करें।इनका उपयोग विभिन्न फाइनेंस कंपनियों ,बैंकों में खाता एवं लोन के लिए तथा संस्थानों में गेट पास बनवाने किया जा रहा है।इसके लिए कुछ और लोगों के नाम भी जानकारी में आए हैं ,जो एजेंट का कार्य करते हुए फोटो एवं डाटा कलेक्ट करके गजेंद्र साहू को देते थे। उनके संबंध में आगे विवेचना में और जानकारी प्राप्त करके कारवाई की जाएगी। इस प्रकरण में दर्री पुलिस के द्वारा निर्वाचन कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त की जा रही है। दर्री पुलिस ने इस प्रकरण में अपराध क्रमांक 269/22 धारा 420, 467,468,471 आईपीसी,दर्ज करते हुए आरोपी के कब्जे से 74 नग फर्जी वोटर आईडी, मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप, सीपीयू प्रिंटर – स्कैनर ,लेमिनेटर जब्त करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस कारवाई में सीएसपी सुश्री लितेश सिंह के नेतृत्व में,थाना दर्री के उपनिरीक्षक इंद्रजीत नायक, प्रधान आरक्षक मोतीलाल पोर्ते, अशोक पांडे,आरक्षक अशोक चौहान, सलीमुद्दीन, गजेंद्र राजवाड़े, लीलाधर चंद्रा, संजय एवं रामेश्वरी कंवर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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