रायपुर@मुख्यमत्री बघेल ने किया 3 नए जिलो का शुभारभ

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जिला बनने पर क्षेत्रवासियो ने मुख्यमत्री के प्रति जताया आभार
रायपुर , 03 सितम्बर 2022।
छत्तीसगढ़ मे नवगठित तीन जिलो के शुभारभ के साथ अब 31 जिले हो गए है। मुख्यमत्री भूपेश बघेल द्वारा 2 सितम्बर को 29वे जिले मोहला-मानपुर-चौकी और 3 सितम्बर को दो और नये जिले सारगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गडई के शुभारभ करने के साथ तीन नए जिले अस्तित्व मे आ गए। इसके साथ ही सारगढ़-बिलाईगढ़ राज्य का 30 वा और खैरागढ़-छुईखदान-गडई 31वा जिला बन गया। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण उपलबध है कि दो दिनो के अतराल मे तीन नये जिलो की सौगात जनता को मिली है। नवगठित जिलो के शुभारभ अवसर पर वहा के क्षेत्रवासियो के चेहरे पर अपनी बरसो पुरानी माग के पूरा होने का उत्साह और हर्ष स्वाभाविक रूप से दिखाई दिया। इन नये जिलो के बन जाने से शासन-प्रशासन की लोगो तक पहुच और मजबूत होगी, जिससे इन क्षेत्रो मे विकास कार्यो को तीव्र गति मिलेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त 2021 को स्वतत्रता दिवस के अवसर पर प्रशासनिक कार्यो मे कसावट लाने एव आम जनता को सहूलियत पहुचाने के उद्देश्य से नए जिलो के गठन की घोषणा की थी। अब जिलो के शुभारभ के साथ ही मुख्यमत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ बनने के बाद से इन क्षेत्रो के निवासियो की बरसो पुरानी माग और सपने को साकार कर दिया है।
नवगठित जिलो के शुभारभ अवसर पर मुख्यमत्री के पहुचते ही लोगो का उत्साह चरम पर दिखाई दिया। बड़ी सख्या मे लोगो ने मुख्यमत्री का पुष्प वर्षा कर भव्य और आत्मीय अभिनदन किया और जिला निर्माण के लिए आभार प्रकट किया। मुख्यमत्री के स्वागत मे युवाओ ने बाइक रैली निकाली और स्कूली बच्चो ने लोकनृत्य किया। मुख्यमत्री के रोड शो के दौरान उनके स्वागत मे सड़क के दोनो ओर लोगो की लबी कतारे देखने को मिली। विभिन्न सगठनो द्वारा मुख्यमत्री को पारपरिक छत्तीसगढ़ व्यजनो और फलो से भी तौला गया। मुख्यमत्री ने नये जिलो के शुभारभ पर जिलावासियो को बधाई और शुभकामनाए दी।
मुख्यमत्री बघेल ने कहा कि नये जिले के गठन के निर्णय से अभूतपूर्व खुशी मुझे दिखी। रोड शो मे जो भीड़ दिखी, उससे स्पष्ट है कि लोगो के लाभ के लिए कितना बड़ा फैसला लिया गया। उन्होने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी के कोरा मे नवा जिला जुड़ गे हे’। लोगो की मुश्किल कम हो गई। पुरखो के देखे सपने सच हो रहे है।
मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने मोहला, सारगढ़ और खैरागढ़ मे आयोजित कार्यक्रम के दौरान नवगठित जिलो के शुभारभ के साथ क्षेत्रवासियो को 1037.37 करोड़ रूपए के कई विकास कार्यो की सौगात दी। मुख्यमत्री बघेल ने मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी मे 106 करोड़ रूपए के विकास कार्यो का भूमिपूजन एव लोकार्पण किया वही सारगढ़ और खैरागढ़ मे विकास एव निर्माण कार्यो के लिए 931 करोड़ 37 लाख रूपए की सौगात दी। उन्होने सारगढ़-बिलाईगढ़ जिले के शुभारभ अवसर पर 512.29 करोड़ के विकास कार्यो का भूमिपूजन एव 54.52 करोड़ के विकास कार्यो का लोकार्पण किया, जबकि खैरागढ़-छुईखदान-गडई जिले के शुभारभ कार्यक्रम मे 364 करोड़ 56 लाख रूपए के विकास कार्यो की सौगात के साथ ही 213 हितग्राहियो को शासन की विभिन्न योजनाओ के अतर्गत 37 लाख 48 हजार रूपए की सामग्री एव अनुदान सहायता राशि प्रदान की।
नवगठित जिले
मोहला-मानपुर-अबागढ़ चौकी जिला राजनादगाव जिले से अलग होकर एक नये प्रशासनिक इकाई के रूप मे पहचान बनाने जा रहा है। इस जिले की भौगोलिक सीमाए उार मे जिला राजनादगाव के तहसील छुरिया, दक्षिण मे तहसील दुर्गकोदल, पखाजुर जिला काकेर, पूर्व मे तहसील डौडी, डौडी लोहारा जिला बालोद एव पश्चित मे महाराष्ट्र की सीमा से लगी हुई है। नवीन जिला मोहला-मानपुर-अबागढ़ चौकी दुर्ग सभाग के अतर्गत होगा। नवीन गठित इस जिले मे तहसीलो की सख्या 3 है जिसमे अम्बागढ़ चौकी, मोहला एव मानपुर है। विकासखण्ड एव जनपद पचायत – अम्बागढ़ चौकी, मोहला एव मानपुर है।
नवीन जिले मे कुल ग्रामो की सख्या 499 है। भौगोलिक क्षेत्रफल 2 लाख 14 हजार 667 हेक्टयर है। यहा कि कुल जनसख्या 2 लाख 83 हजार 947 है जिसमे अनुसुचित जनजाति की कुल जनसख्या 1 लाख 79 हजार 662 जो जिले कि कुल जनसख्या का 63.27 प्रतिशत है। जिले मे राजस्व निरीक्षक मडल की सख्या 13 है, कुल पटवारी हल्का नम्बर 89 है, ग्राम पचायत की सख्या 185 है। जिला मोहला-मानुपर-चौकी मे थानो की कुल सख्या 9 है। विधानसभा क्षेत्र 2 तथा कुल मतदान केन्द्र सख्या 497 है। राजनादगाव जिले से अम्बागढ़ चौकी की दूरी 50 किलो मीटर, मोहला की दूरी 75 किलो मीटर, मानपुर की दूरी 100 किलो मीटर है। यह क्षेत्र लबे समय तक नक्सल गतिविधियो से प्रभावित रहा है। नया जिला बन जाने से शासन-प्रशासन इन क्षेत्रो मे और निकट तक पहुचेगा और विकास कार्यो की गति बढ़ेगी। यह क्षेत्र प्राकृतिक वन सपदा से परिपूर्ण है। यहा के सघन वनो मे लघुवनोपज प्रचुर मात्रा मे है। मोहला-मानपुर क्षेत्र जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है।
नवगठित जिला सारगढ़-बिलाईगढ़ का जिला मुख्यालय सारगढ़, रायगढ़ से रायपुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमाक 200 पर स्थित है। यहा रियासत कालीन समय से हवाई पट्टी स्थित है। जिला मुख्यालय सारगढ़ छत्तीसगढ़ गठन के पूर्व से तहसील मुख्यालय एव अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुख्यालय है। ज्ञात हो कि बिलासपुर सभाग के अतर्गत आने वाले जिला रायगढ़ के उप खण्ड सारगढ़, तहसील सारगढ़ एव बरमकेला तथा रायपुर सभाग के अतर्गत आने वाले जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के उप खण्ड-बिलाईगढ़ तथा तहसील बिलाईगढ़ को शामिल करते हुए नये जिले सारगढ़-बिलाईगढ़ का गठन किया गया है, जिसमे तीन तहसील सारगढ़, बरमकेला एव बिलाईगढ़ एव उप तहसील कोसीर तथा भटगाव शामिल होगे। नवगठित जिले मे तीन जनपद पचायत सारगढ़, बरमकेला व बिलाईगढ़ शामिल है। इस नवगठित जिले की सीमाए उत्तर मे रायगढ़, दक्षिण मे महासमुद जिले तथा पूर्व मे उड़ीसा के बरगढ़ और पश्चिम मे बलौदा बाजार तथा उत्तर-पश्चिम मे जाजगीर-चाम्पा जिले से लगी हुई है। नवगठित जिले मे रामनामी समुदाय के लोग बड़ी सख्या मे निवास करते है। महानदी सारगढ़-बिलाईगढ़ जिले की मुख्य नदी है। वही जिले के सारगढ़- तहसील मे स्थित गोमर्डा अभ्यारण्य सैलानियो को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। सारगढ़ का दशहरा-उत्सव बस्तर-दशहरा की भाति बहुत प्रसिद्व है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहा की कुल जनसख्या 6 लाख 17 हजार 252 है। 759 ग्राम, 349 ग्राम पचायत, 5 नगरीय निकाय है। जिसके अतर्गत 20 राजस्व निरीक्षक मडल शामिल है जिनमे सारगढ़, हरदी, सालर, कोसीर, छिद, गोड़म, उलखर, बरमकेला, गोबरसिघा, देवगाव, डोगरीपाली, सरिया, बिलाईगढ़, पवनी, गोविदवन, जमगहन, भटगाव, गिरसा, बिलासपुर एव सरसीवा शामिल है। जिसका कुल राजस्व क्षेत्रफल 01 लाख 65 हजार 14 है एव 2518 राजस्व प्रकरण की सख्या है। वर्तमान मे नवीन जिला सारगढ़-बिलाईगढ़ मे 1406 स्कूल, 7 कालेज, 33 बैक, 3 परियोजना, 141 स्वास्थ्य केन्द्र, 10 थाना एव 2 चौकी स्थापित है।
नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई दुर्ग सभाग के अतर्गत इसकी जनसख्या 3 लाख 68 हजार 444 है। कुल ग्रामो की सख्या 494 तथा 3 नगरीय निकाय है। दो उप खण्ड खैरागढ़ एव गण्डई-छुईखदान होगे। तीन तहसील गण्डई, छुईखदान, खैरागढ़ होगे, वही 2 विकासखण्ड छुईखदान एव खैरागढ़, 16 राजस्व निरीक्षक मडल होगे। इस नवीन जिले मे 107 पटवारी हल्का, 221 ग्राम पचायते है। इस नवीन जिले के उत्तर मे कबीरधाम जिला, दक्षिण मे तहसील डोगरगढ़, तहसील राजनादगाव, पूर्व मे तहसील साजा एव धमधा और पश्चिम मे तहसील लाजी जिला- बालाघाट (मध्यप्रदेश) की सीमाए लगी है। खनिज और ससाधनो से समृद्धि होने से जिला बनने से यहा औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
नया जिला बन जाने से नागरिको को काफी राहत मिलेगी और कई महत्वपूर्ण कार्य आसानी से होगे। प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने का फायदा आम जनता को मिलेगा। बुनियादी सुविधाए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्यान्न लोगो तक आसानी से उपलबध होगी और सुविधाओ का विस्तार होगा। वही शासन की लोककल्याणकारी योजनाओ का क्रियान्वयन दूरस्थ अचलो तक आसानी होगा। रोड कनेक्टिविटी, पुल-पुलिया के निर्माण से सुदूर वनाचल के क्षेत्रो मे आवागमन की सुविधा बढ़ेगी। नया जिला गढ़ने से आने वाले वर्षो मे इसके सुखद परिणाम मिलेगे।


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