24 साल से सोनिया और राहुल ही अध्यक्ष
रायपुर, 01 सितम्बर 2022। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी काग्रेस मे पिछले लबे समय से कुछ भी ठीक नही चल रहा है। देश मे लबे समय तक राज करने वाली पार्टी सकट के दौर से जूझ रही है। हालाकि यह कोई पहली बार नही जब पार्टी सकट से जूझ रही है। पहले भी पार्टी को राजनीतिक सकटो का सामना करना पड़ा है। अतर सिर्फ इतना है कि पहले राजनीतिक सकटो को पार्टी के वरिष्ठ नेताओ द्वारा आसानी से हल कर लिया जाता था। जिसके चलते पार्टी की अदरुनी कलह खुलकर सामने नही आ पाती थी।
पार्टी मे पिछले 24 साल से सोनिया गाधी या फिर राहुल गाधी ही अध्यक्ष रहे है। पिछले लोकसभा चुनाव के समय काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका मे राहुल गाधी थे। जिसमे पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद काग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाधी ने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद पुनः सोनिया गाधी को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।
पार्टी के भीतर चल रहे गतिरोध को लेकर कई दफा जी-23 के नेताओ ने पत्र भी लिखे जिस पर सतोष भरे कार्यवाही नही होने से विरोध बढ़ता चला गया। वही काग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाधी पिछले लबे समय से अस्वस्थ भी चल रही है। हालाकि सोनिया गाधी काग्रेस वर्किग कमेटी की मीटिग भी बुलाती रही है। जिसमे कोई भी नेता खुलकर सामने नही आये।
पार्टी के भीतर के गतिरोधो का ही नतीजा है कि पार्टी मे पिछले लबे समय से सक्रिय भूमिका मे रहने वाले दिग्गज नेता अब किनारा करते जा रहे है। जिसके बाद पार्टी मे हलचल मच गई है। पार्टी मे मची खलबली को देखते हुए नए अध्यक्ष की तारीखो का ऐलान कर दिया गया है। बावजूद लोगो पार्टी छोड़कर जाते दिख रहे है।
अब पार्टी मे एक नये विवाद ने जन्म ले लिया है। विवाद है पार्टी अध्यक्ष कौन चुनेगा। जिसके बाद पार्टी के नेताओ ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए मतदान करने वाले प्रतिनिधियो की सूची सार्वजनिक करने की माग की है। वही इस माग को ये कहते हुए खारिज कर दिया गया है कि अब तक ऐसा नही हुआ है। ऐसा करने से पार्टी की गोपनियता भग होगी।
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