राची@राज्यपाल महोदय,भाजपा माग रही हेमत से इस्तीफा

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राची, 01 सितम्बर 2022। सयुक्त प्रगतिशील गठबधन (यूपीए) के एक प्रतिनिधिमडल ने गुरुवार को राजभवन मे राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर आफिस आफ प्राफिट मामले मे मुख्यमत्री हेमत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद करने के मामले मे निर्वाचन आयोग की अनुशसा का खुलासा करने की माग की। साथ ही आयोग की अनुशसा पर शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया ताकि राज्य मे राजनीतिक अस्थिरता का जो माहौल बना है उसे खत्म किया जा सके। लोगो मे भ्रम की स्थिति का हवाला देते हुए प्रतिनिधिमडल ने इस सदर्भ मे शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया।
पहली बार राज्यपाल ने स्वीकारा पत्र आया
राज्यपाल ने पहली बार निर्वाचन आयोग से पत्र मिलने को अधिकृत रूप से स्वीकार करते हुए प्रतिनिधिमडल को शीघ्र ही समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। राज्यपाल से लगभग आधे घटे की मुलाकात मे प्रतिनिधिमडल ने कहा कि इस मामले मे राजभवन द्वारा स्थिति स्पष्ट नही किए जाने से राजनीतिक अस्थिरता और हार्स ट्रेडिग का माहौल बन गया है। मीडिया मे जो भी समाचार आ रहा है, वह राजभवन सूत्रो से आ रहा है। इसपर राज्यपाल ने कहा कि राजभवन का कोई सूत्र नही है और न ही राजभवन की ओर से मीडिया को कोई वक्तव्य दिया गया है। कानूनी राय लिए जाने के कारण ही अभी तक आयोग की अनुशसा पर कोई निर्णय नही लिया जा सका है।
एक दो बिदु पर पत्र मे अस्पष्टताः सुप्रियो
राज्यपाल से मिलकर राजभवन से बाहर निकलने के बाद प्रतिनिधिमडल मे शामिल झामुमो के केद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से मिले पत्र मे एक-दो बिदुओ की अस्पष्टता की बात कही है। उन्होने आश्वस्त किया है कि इसपर कानूनी राय लेकर एक-दो दिनो मे उचित कार्रवाई की जाएगी। जब सुप्रियो से पूछा गया कि आयोग के पत्र मे हेमत की सदस्यता रद करने की अनुशसा को राज्यपाल ने कोई जानकारी दी या नही, उन्होने कहा कि राज्यपाल ने इतना ही कहा कि उक्त मामले मे आयोग का पत्र मिला है। वही, सासद विजय हासदा ने कहा कि राज्यपाल के आश्वासन से वे आश्वस्त है कि एक-दो दिनो मे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। यदि ऐसा नही होता है तो महागठबधन आगे की रणनीति तय करेगा
राज्यपाल से बाबूलाल के इटरव्यू की शिकायत
यूपीए के प्रतिनिधिमडल ने राज्यपाल को सौपे अपने ज्ञापन मे कहा है कि राजभवन को निर्वाचन आयोग से जो रिपोर्ट दी गई है, उसके बारे मे अब तक कोई सार्वजनिक घोषणा नही हुई है। लेकिन राज्य का सबसे बड़ा विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इस रिपोर्ट के बारे मे सार्वजनिक घोषणा कर दी है। इसी आधार पर वह मुख्यमत्री हेमत सोरेन का इस्तीफा माग रही है। इतना ही नही, राज्य मे मध्यावधि चुनाव की सभावना भी जताने लगी है। साथ ही भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मराडी द्वारा एक चैनल पर दिए गए उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमे उन्होने कहा कि यूपीए को सरकार बनानी है तो विधायको को वापस लौटना ही होगा। कहा कि इससे भाजपा की मशा स्पष्ट होती है।
सदस्यता रद होने से नही पड़ेगा सरकार पर असर
राज्यपाल को सौपे गए ज्ञापन मे राज्यपाल को सबोधित करते हुए यह भी कहा गया है कि आपको मालूम है कि मुख्यमत्री की सदस्यता रद होने का सरकार पर कोई असर नही पड़ेगा, क्योकि झामुमो, काग्रेस और राजद गठबधन के पास पूर्ण बहुमत है। इसलिए बहुत भारी मन से हम आग्रह करते है कि निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर राजभवन ने जो निर्णय लिया है, उसपर जल्द स्थिति स्पष्ट करे।
अखबारो के बडल लेकर पहुचे थे राजभवन
यूपीए का यह प्रतिनिधिमडल अखबारो का बडल लेकर झारखड राजभवन पहुचा था। उसमे हाल के दिनो मे हेमत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद होने से सबधित खबरे थी। साथ ही राज्यपाल रमेश बैस को सौपे गए ज्ञापन मे प्रतिनिधिमडल के अलावा सत्ता पक्ष के विधायको के हस्ताक्षर भी थे।
यूपीए प्रतिनिधिमडल मे शामिल थे ये नेता
राज्यसभा सदस्य धीरज साहू, महुआ माजी, लोकसभा सदस्य गीता कोड़ा, विजय हासदा, पूर्व विधायक बधु तिर्की, झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, केद्रीय प्रवक्ता विनोद कुमार पाडेय, राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद भोक्ता।


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