अम्बिकापुर@पुत्र को जिंदा जलाने वालों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप

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पुलिस अफसरों का चक्कर काट रहे पिता ने पुन: आईजी को सौंपा शिकायत पत्र

अम्बिकापुर 29 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के चलगली थाना अंतर्गत ग्राम फतेहपुर निवासी अनिल कुमार गुप्ता ने अपने युवा पुत्र को घर में बुलाकर जिंदा जलाकर मार देने का आरोप लगाते हुए आरोपितों की जानकारी सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के नाम प्रेषित आवेदन में दी। उन्होंने रुपये के लेन-देन को लेकर हत्या का आरोप लगा घटना की उच्च स्तरीय जांच व आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई का आग्रह किया है। स्वजनों का कहना है कि बीते आठ मई को मुख्यमंत्री के प्रतापपुर दौरान ज्ञापन देकर हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गई थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने मौके पर पुलिस महानिरीक्षक को जांच के निर्देश दिए थे किंतु आज तक तत्संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही पुलिस गांव तक जाना मुनासिब समझी मृतक के पिता अनिल कुमार गुप्ता ने बताया है कि उनका पुत्र दीपक गुप्ता गुप्ता बलकुदरी बांध में ट्रैक्टर से बालू ढोने का काम कर रहा था, उसका भुगतान करीब दो लाख रुपये बांध के ठेकेदार से दो लोगों ने प्राप्त कर लिया था, किंतु उक्त राशि उसे नहीं मिली थी। राशि मांगने पर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी मिल रही थी। दो फरवरी 2022 को दीपक गुप्ता अपने घर फतेहपुर से प्रतापपुर बाजार जाने निकला था। इस दौरान उसकी मुलाकात प्रतापपुर में ग्राम कोटसरी पोड़ी के एक व्यक्ति से हुई। इसके बाद अजीत अपने मोबाइल से शैलेंद्र गुप्ता को फोन लगा मोबाइल दीपक को पकड़ा दिया। दीपक गुप्ता ने जब शैलेंद्र से रुपये की मांग की तो वह ठेकेदार से रुपये लेने वाले एक व्यक्ति से बात कराया तो वह गाली-गलौज कर मारने-पीटने की धमकी देने लगा, बाद में उसे हिसाब-किताब करने अपने घर में बुलाया। आरोप है दीपक के साथ गया व्यक्ति भी साजिश में शामिल है, जो दबाव बनाकर उसे घर ले गया था। इसकी जानकारी मोबाइल पर दीपक ने बड़े पिता बृज गुप्ता के माध्यम से अपने पिता को दी और कोटसरी, पोड़ी आने कहा। जब वे बताए गए स्थल पर पहुंचे तो जिससे दीपक का रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था, उसके घर के सामने दीपक जले हाल में अकेले तड़प रहा था। दीपक के साथ गया देवसाय भी नहीं था। आस-पास के लोग उन्हें देख अपने घर का दरवाजा बंद कर लिए। स्कॉर्पियो वाहन से दीपक को किसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर लाया गया, यहां से प्राथमिक उपचार के बाद रेफर करने पर उसे मिशन अस्पताल अंबिकापुर लेकर पहुंचे। यहां इलाज के बाद उसे थोड़ा होश आया, इसके बाद उसे भिलाई ले जाने की सलाह दी गई। एंबुलेंस में बातचीत के दौरान दीपक ने अपने माता-पिता को नामजद चार लोगों के द्वारा मिलकर बहुत मारपीट करने व पेट्रोल डालकर जलाने की जानकारी दी। उसने साथ गए व्यक्ति के भी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। इधर इलाज के दौरान सात फरवरी 2022 को भिलाई के अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
पुलिस अफसरों का चक्कर काट रहा पिता
युवा पुत्र के मौत से व्यथित अनिल गुप्ता ने नामजद आरोपितों की जानकारी देते हुए उन्हें पुत्र की हत्या का जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि घटना की रिपोर्ट लिखवाने व मामले की जांच कराने वे चौकी, थाना ही नहीं एसपी कार्यालय तक पहुंच चुके हैं लेकिन आज तक गंभीरतापूर्वक घटना की जांच नहीं की गई। घटना के एक माह बाद पुलिस आई और खानापूर्ति करके चली गई। आरोपितों के खिलाफ पुलिस का नरम रवैया रहा, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सिर्फ छाती का हिस्सा जलना संदेहास्पद
मृतक के पिता ने घटनाक्रम को लेकर पुलिस का व्यवहार संदेहास्पद और पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया है। उन्होंने कहा है कि सारी परिस्थितियां उनके पुत्र की हत्या की ओर इंगित करा रही हैं। मृतक का सिर, हाथ और पैर पूर्णत: सुरक्षित रहने व केवल छाती का हिस्सा जलने पर मृतक के पिता ने सवाल उठाए हैं। कहा है कि पुलिस मर्ग कायमी के बाद जांच-पड़ताल का नाटक कर रही थी। इनकी मंशा पहले से ही आत्महत्या का केस बनाने की रही, जबकि गहन पड़ताल में वास्तविक तथ्य, परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर सामने आ सकते थे।


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