नई दिल्ली@काग्रेस छोड़ने के लिए किया गया मजबूरःआजाद

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पार्टी को दुआ की नही दवा की जरूरत
नई दिल्ली, 29 अगस्त 2022।
काग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पार्टी व राहुल के भविष्य पर चिता जाहिर करते हुए गुलाम नबी आजाद के कहा कि, घर वालो ने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया, वही पार्टी के लिए मै बस दुआ ही कर सकता हू लेकिन मेरी दुआ से कुछ ठीक होने वाला नही है। पार्टी के लिए दवा चाहिए और उसके लिए जो डॉक्टर है वह कपाउडर है। जबकि सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गाधी को शुक्रवार को 5 पन्नो का त्यागपत्र भेजा और पार्टी छोड़ दी। अपने पत्र मे उन्होने राहुल गाधी व पार्टी पर गभीर आरोप लगाए। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़े जाने पर कहा कि, घर वालो ने ही घर छोड़ने को मजबूर कर दिया। जब घरवालो को लगे ये आदमी नही चाहिए और आदमी को लगे कि हमको पराया समझने लगे है तो व्यक्ति घर छोड़ कर चला जाता है।
हालाकि भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाए जाने पर गुलाम नबी आजाद ने कहा, नरेद्र मोदी या बीजेपी से वो मिले है जो मोदी जी का सपना पूरा कर रहे है, मोदी जी ने कहा था ‘काग्रेस मुक्त भारत’, जिन लोगो ने काग्रेस मुक्त भारत बनाने मे उनकी सहायता की, वो मोदी जी से मिले हुए है। लोकसभा मे स्पीच देने के बाद, जो लोग उनसे गले मिलते है वो मिले है, मै नही।
हाल ही मे काग्रेस नेता जयराम रमेश के मोदी-फाइड और डीएनए वाले बयान पर आजाद ने कहा कि, उनका क्या डीएनए है? किसी को नही मालूम, किस स्टेट से है? किसी को नही मालूम, किस डिस्टि्रक्ट से है? यह नही मालूम। पहले वो अपना डीएनए चेक कराए। वह तो कुछ साल पहले फ्रीलासर थे? वह किस सरकार मे काम कर रहे थे? किस-किस पार्टी मे उनका क्या डीएनए रहा? जो हाउस मे बैठ कर बीजेपी को स्लिप भेजते रहे।
हाउस मे बीजेपी और उनके बीच मे 100 स्लिपो का आदान-प्रदान होता था, अब वह चेक करेगे हमारा डीएनए क्या है? सिर्फ चापलूसी करके या ट्वीट करने के लिए पद मिले है वो हमारे ऊपर आरोप लगाए तो हमे बहुत दुख होता है।
राज्यसभा मे गुलाम नबी आजाद के लिए प्रधानमत्री नरेद्र मोदी के निकले आसू पर जवाब देते हुए उन्होने कहा, नरेद्र मोदी मेरे लिए नही रोये थे, वह एक घटना का जिक्र कर रहे थे। मै उन्हे क्रूर समझता था लेकिन उन्होने इसानियत दिखाई। हम एक दूसरे के लिए नही बल्कि हम उस घटना को लेकर रोए थे।
उन्होने आगे कहा, मोदी तो बहाना है, इनकी आखो मे खटकते है। जिस दिन से हमने जी-23 का एक पत्र लिखा था। यह कहते थे कि हमको कोई पत्र लिखना नही चाहिए। जब हमने उनकी कार्यप्रणाली को लेकर चुनौती दी, तो उनकी आखो मे खटक रहे थे। उसके बाद कई बैठके हुई, हमसे एक सुझाव नही लिया गया।
हमने एक बैठक मे कहा था, हमे कोई पद नही चाहिए, चुनाव को लेकर कैम्पेन कमिटी बनाइए, लेकिन ये कमिटी तब बनाते है जब चुनाव खत्म हो जाता है। हम जी-23 वाले कैम्पेन खुद करना चाहते थे, हम पार्टी से कोई सुविधा नही लेना चाहते थे, हमने मुफ्त काम करने के लिए कहा तो क्या यह काग्रेस को बनाने के लिए मैने कहा था या मोदी को बनाने के लिए?
होने वाले काग्रेस अध्यक्ष चुनाव और सगठन को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, काग्रेस पार्टी का बैक लुट गया है, बैक मे कुछ नही है। अब जनरल मैनेजर बदलने से क्या? वो खिड़की दरवाजे अलमारियो का मैनेजर होगा। काग्रेस की भी यही हालत है। काग्रेस मे कुछ नही है, सब दूसरी पार्टी मे भाग गए, यह हमसे कहते है कि पार्टी के बड़े जा रहे है। ज्योतिरादित्य सिधिया, सुष्मिता देव, आर.पी.एन. सिह .. राहुल गाधी गुजरात से नए लड़के लेकर आए, वो भी चले गए। क्यो भाग गए? यह सब तो राहुल की टीम थे। नई पार्टी बनाने को लेकर उन्होने कहा, हमे पूरे देश से सदेश आते है कि राष्ट्रीय पार्टी बनाओ, मैने उसपर अभी कोई ध्यान नही दिया है। लेकिन माग है कि पार्टी बनाई जाए और यह वह लोग बोल रहे है जो भाजपा, रिजनल पार्टी मे नही जाना चाहते। हमने काग्रेस पार्टी छोड़ी है लेकिन विचाधारा नही छोड़ी है। काग्रेस पार्टी हर दिन सिकुड़ती जा रही है। काग्रेस से लोग इतना फर्स्टटेड है कि छोटे विकल्प मे भी जाना चाहते है। राष्ट्रीय पार्टी बनाने मे अभी वक्त है उसके लिए बहुत चीजो की जरूरत होती है। जम्मू-कश्मीर का हम तुरत दौरा शुरू करेगे।


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