बैकुण्ठपुर@वन विभाग ने एनीकट का ऐसा किया निर्माण अब लटक रही है हवा में

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  • मनेंद्रगढ़ वनमंडल में बना लाखों का एनिकट सूखाग्रस्त बारिश के मौसम में हुआ धरासाई।
  • वन विभाग के निर्माण की गुणवत्ता की पोल खुली अल्प बारिश के बीच, ऐसे गुणवत्ता की एनिकट कम बारिश में बहा।
  • वन विभाग का निर्माण हमेशा ही गुणवत्ताविहीन क्यों होता है, क्यों लाखो खर्च के बावजूद उपयोग विहीन हो जाता है किया हुआ निर्माण?


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 28 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ वन मंडल स्तिथ बिहारपुर वन परिक्षेत्र के गरुडोल सर्किल अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य तो कराए जा रहे हैं। परंतु आए दिन इन कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सुर्खियों में भी बने रहते हैं, यहां के करतूत बाज़ प्रभारी रेंजर, इलाके के लोगों की मानें तो निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है। यहां चर्चा आम हो गया है कि बिना तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह के अधिकारी ही अपनी मर्जी से विभिन्न कार्यों का डिजायन बनाकर काम करा लेते हैं, जिससे इनमें जल्दी ही खराबी आ जाती है। हाल की घटना है की मनेन्द्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत बिहारपुर परिक्षेत्र में लगभग 18 लाख की लागत से बने एनीकट निर्माण कार्य का है। आम जनता के साथ जंगली जानवरों को पानी उपलब्ध कराने और भूपेश सरकार की नरवा योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से यहां एनीकट का निर्माण कार्य कराया तो गया, लेकिन कुछ दिन पहले हुई बेमौसम हल्की बारिश से इस एनीकट की दिवार फूट गई। जो अब हवा में लटक रही है। एनिकट का पानी बेस और अबार्ट मेंट के नीचे से काफी तेज गति से बह रहा है। जानकारी से अवगत करा दें की उक्त एनिकट पहुंच विहीन बीहड़ में है जहां तक आम आदमी आसानी से नहीं पहुंच सकता। शायद इसलिए डीएफओ और रेंजर को सारी बात पता होने के बाद भी इस एनिकट को उसी हाल में छोड़ दिया गया है। जिसके बाद यह एनीकट भविष्य में शो पीस बनकर न रह जाये यह ग्रामीणों में जन चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि अब अधिकारी इसे मरम्मत कर जल्द ही ठीक करने की बात कर रहे हैं।
क्या एनिकट के डिटेल्स को सम्मिट इस लिए नही किया गया ताकि भ्रष्टाचार कर सके?
मनेंद्रगढ़ सब डिवीजन में प्रभारी रेंजर द्वारा वन विभाग के निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता की बात जिस तरह से सामने आते रहती है। बावजूद गंभीर कारनामों के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा कार्यवाही से बख्श दिए जाते रहते है। जिसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है की मनेंद्रगढ़ के बीहड़ वन क्षेत्रों में आज भी बड़े बड़े अनियमितता लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। जहां पर लाखो रुपए खर्च कर सीमेंट कांक्रीट से निर्मित एनिकट 5 माह में ही ढेर हो जा रहे हैं और जिसकी चमत्कारी गुणवत्ता से शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली का जोरदार माखौल भी उड़ता रहता है। अवगत करा दे की प्रत्येक वर्ष नरवा योजना अंतर्गत वन विभाग द्वारा एनिकट व नरवा के भराव की स्थिती का विवरण बतौर कक्ष क्रमांक सहित शासन को भेजी जाती है ताकि शासन को ये पता चल सके की नरवा योजना कहां तक सफल है जिसके मद्देनजर कई नरवों का वीडियो या विवरण मनेंद्रगढ़ वन मंडल द्वारा भेजे जाने की तैयारी की गई है। परंतु इस एनिकट के डिटेल्स को सम्मिट इस लिए नही किया गया, ताकि इनके भ्रष्टाचार की पोल न खुल जाए।
हर पहलू पर जानकारी देने से मुकरते रहे रेंजर
मौका मुआयना पश्चात एनिकट में हुए भ्रष्टाचार की बात पर बिहारपुर के प्रभारी रेंजर शंखमुनी पांडेय से उनकी प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा मैं देखवाता हूं और जब उस कार्य की लागत राशि की बात पूछी गई तो उनके द्वारा लागत राशि नही बताई गई, उसके साथ कक्ष क्रमांक की भी जानकारी पूछी गई तो उसे भी इस लिए नही बताया गया की भ्रष्टाचार किए गए स्थल पर मीडिया ना पहुंच जाए और भ्रष्टाचार सार्वजनिक न हो जाए, इसलिए बार बार हर पहलू पर जानकारी देने से मुकरते रहे। जबकि रेंजर के पास उसके रेंज अंतर्गत कराए गए कार्यों की सूची, लागत राशि, कार्य की स्थिती,सहित समस्त की जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध होते है। बिहारपुर वन परिक्षेत्र के गरुडोल सर्किल की पूर्वी दिशा की ओर कनईडांड ग्राम के पहले हसदेव नदी तट पर करीब पांच महीने पहले एक बड़ा सीसी एनिकट बनाया गया था जिसकी आज की वर्तमान स्थिति का खुलासा करें तो भ्रष्टाचार के सारे खेल उजागर होते है जिसे वन विभाग के पेशेवर भ्रष्ट अधिकारी पहुंच विहीन बिहड़ों में अंजाम देने का कृत्य करते आ रहे हैं।


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