- मंदिर प्रांगण से जब्त हुआ लगभग छः फिट गांजे का पौधा,किसके सुरक्षा में पौधा हुआ इतना बड़ा?
- नहीं थी जानकारी तो पुलिस को देख गांजा के पेड़ को ऊखाडऩे की क्या थी जरूरत?
- गांजा के पौधे के कार्यवाही मामले में लाईव चलाया गया विडियो और दिखाया गया कार्यवाही।
- कार्यवाही के बाद मामला पकड़ा राजनीतिक तूल और धर्म से जोड़कर मामले को दिया जा रहा अलग रंग।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 28 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिला के पटना थाना के चर्चित थानेदार के गांजा मामले में कार्यवाही को लेकर सोशल मिडिया में जमकर इनकी ख्याति वाला विडियो वायरल हो रहा है प्रकरण को लेकर लोगों में कई तरह की बातें कही जा रही है। गत दिवस पटना के हनुमान मंदिर परिसर के अंदर बने सामुदायिक भवन के दीवाल से लगा हुआ एक गांजा का बड़ा पौधा पुलिस ने बरामद किया जो पौधे की उम्र तकरीबन एक साल से ऊपर की बतायी जा रही है। मामला सार्वजनिक जगह पर गांजा का पौधा मिलने से जुड़ा हुआ है पर सवाल भी कई जुड़े हुये है। वायरल विडियो की माने तो इस सामुदायिक भवन के आसपास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है जो यहां पर नशे का सेवन करने आते है। यह गांजा का पौधा जो इंच से लेकर फिट तक बड़ा हो गया आखिर किसके संरक्षण में सुरक्षित था? इस बात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं है पर जिम्मेदारों का कहना है कि इसकी जानकारी हमें नहीं थी पर यदि जानकारी नहीं थी तो फिर यह पौधा किसके सुरक्षा में बढ़ रहा था? जबकि मंदिर प्रांगण की साफ सफाई हर साल होती है। उसके बावजूद उस पौधे का बढ़ना कहीं ना कहीं उसे संरक्षण प्राप्त करने की तरफ इशारा करता है? मामला जो भी हो पर मंदिर परिसर से लगे सामुदायिक भवन के दीवाल से गांजे का पौधा बरामद हुआ है।
जानकारी के अनुसार बैकुंठपुर पुलिस टीम को जानकारी मिली थी कि पटना के हनुमान मंदिर प्रांगण में गांजे का पौधा लगा हुआ है जिसकी सूचना पर जब पुलिस टीम पहुंची और छानबीन कर ही रही थी कि वहां पर मौजूद किसी व्यक्ति ने उस पौधे को उखाड़ कर तुरंत फेंका दिया था पर उखड़े हुए पौधे को भी पुलिस ने बरामद कर लिया, जिसने उस पौधे को उखड़ा था उसने किसी अन्य व्यक्ति का नाम बताया कि उसके कहने पर पौधा उखाड़ गया था, वहीं इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि गांजे का पौधा इस परिसर में लगा है इस बात की जानकारी नहीं है पर सवाल यह भी है कि जब जानकारी नहीं थी तो फिर पौधा उखाड़ने को क्यों कहा गया? अपने ही बातों के जाल में फंसे हुए हैं पर सच्चाई क्या है इसका पता नहीं? इस मामले को लेकर राजनीतिक तूल पकड़ लिया है धर्म से जोड़कर इसे मामले में शामिल लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर में असामाजिक तत्व आकर नशे का सेवन करते हैं जिस वजह से मंदिर का नाम खराब हो रहा है। हांलाकि मंदिर के देखरेख करने की भी समिति गठित है पर इस पूरे मामले में समिति का एक भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं आया। विडियो वायरल करने वाले ने इस पूरे मामले में पूजा कराने वाले पूजारी पर आरोप लगाया है।
वीडियो वायरल करने वाले पर कार्यवाही को लेकर शुरू हुई राजनीति
पूरे प्रकरण में पुलिस की टीम ने छापा मारा और गांजा एक बड़ा पौधा जब्त भी किया इस पूरे मामले का लाईव विडियो प्रसारित कर पूरी कार्यवाही को दिखाया गया। पर पुलिस असमंजस में फंसती नजर आयी क्योंकि वह पौधा एक सार्वजनिक स्थल पर पाया गया। पूरे कार्यवाही के दौरान जिम्मेदार व्यक्ति नहीं पहुंचे और पुलिस के मंदिर प्रांगण से वापस होने के बाद उसमें राजनीति शुरू कर दी। पुलिस भी इस राजनीति में परेशान नजर आयी।
एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर हुआ शुरू
इस मामले के बाद तरह-तरह की बाते होने लगी जहां एक पक्ष विडियो जारी करने वाले व्यक्ति पर आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग करने का आरोप लगाते हुयें मामला पंजीबद्ध कराने लामबंद रहे। वहीं दूसरा पक्ष का कहना था कि मामला मादक पदार्थ से जुड़ा हुआ था और किसी भी जिम्मेदार का यह फर्ज है कि इसकी जानकारी पुलिस को दें। यदि पुलिस को लगता है कि मामला नहीं बनता है तो कार्यवाही न करें पर इस में राजनीति करना गलत।
शिकायतकर्ता ने सूचना देने वाले को बताया विवादित,एसपी से की शिकायत
मंदिर समिति व अन्य बुद्धिजीवी का एक समूह पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंचे और सूचना देने वाले को विवादित बताते हुए उसकी शिकायत की और कहा कि आपसी रंजिश की वजह से मंदिर के पुजारी को फंसाने का प्रयास है यह पौधा उसी के द्वारा लगाया गया।
मामले से जुड़े कुछ सवाल
*यदि गांजा के पौधे होने की जानकारी किसी को नहीं थी तो पुलिस को देख किसके कहने पर ऊखाड़ा गया पौधा?
*यदि पौधा किसी ने नहीं देखा था तो साफ-सफाई के दौरान पौधा क्यों नहीं किया गया नष्ट?
*गांजे के पौधे को देखकर यह लगता है कि वह पौधा काफी पुराना है आखिर सवाल यह है कि किसके संरक्षण में यह पौधा छः फिट का हो गया?
*क्या पटना थाना के थानेदार के कार्यप्रणाली पर किसी को नहीं है भरोसा आखिर पटना पुलिस को छोड़ बैकुण्ठपुर की टीम क्यों हुयी गठित?
*चर्चित थानेदार के कार्यप्रणाली पर कई सवाल किसके संरक्षण में थानेदार करते है मनमानी?